मैंने तुम्हें आज बहुत चुपचाप याद किया…इतनी चुपचाप कि जैसे कोई सांस ले रहा हो बिना आवाज़ के,
जैसे कोई साज़ हो पर सुर न निकले।
ना कोई आँसू बहा, ना किसी से कुछ कहा, ना चेहरे पर कोई शिकन आई…सब कुछ एकदम सामान्य था पर भीतर बहुत कुछ हलचल कर रहा था।
सड़क पर चलते हुए भी तुम याद आए…जब