
Tushar Raut🧑💻
@om_tusharr
जो अपने-आपका भला नहीं करता उसने मनुष्य-जन्म पाकर व्यर्थ ही माता को गर्भवास की पीड़ा दी, माता का यौवन हरा।
ID: 1451000506717929481
21-10-2021 01:42:54
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Sant Shri Asharamji Bapu इच्छा और द्वेष से सुख-दुःखादि द्वन्द्व उत्पन्न होते हैं एवं सुख-दुःखादि द्वन्द्वरूप मोह से मानव नासमझी को प्राप्त होता है। नासमझी की वजह से ही उसका वास्तविक स्वरूप ढँका रहता है। फलतः जन्म-मरण का चक्र चलता ही रहता है। इससे वही छूट पाता है जिसको सद्गुरु का आश्रय प्राप्त है।~#Bapuji
