ना संत है ना महंत है ना बाड़मेर का पावर सेंटर है ना शिव का पावर सेंटर है ना रील वाले नेताजी है ना थार की अपनायत....
यहां पर बात मंदिर पर पत्थर फेंकने की होती या मस्जिद पर ...
बात संत या मौलवी को गाली देने की होती तो हजारों की भीड होती ...लेकिन ये है आम नागरिक और उनके बच्चे...