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SP Mahapatra

@mahapatra_sp

Mechanical Engineer. Ex-President of a Public Limited Company.Nature lover. Interest in gardening and cooking. Tweets are personal.RTs are not endorsement.

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calendar_today28-08-2019 16:09:37

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sumit kalra (@sumit1kalra) 's Twitter Profile Photo

राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के प्रपौत्र को लिखा गया एक पत्र...?? जिसमें राहुल गांधी द्वारा कहा गया कि.. RSS ने ही गांधी जी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें। इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने जवाब मे राहुल गांधी को

राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी के प्रपौत्र को लिखा गया एक पत्र...??

जिसमें राहुल गांधी द्वारा कहा गया कि.. RSS ने ही गांधी जी की हत्या की थी, ताकि वे भाजपा के विरुद्ध कांग्रेस का साथ देने आ जायें।

इसके जवाब में गांधीजी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने जवाब मे राहुल गांधी को
PallaviCT (@pallavict) 's Twitter Profile Photo

Pls circulate this video MAX👇🏻👇🏻 One of Arnab’s BEST Arnab asks 10 questions to all Congress supporters🔥🔥 From trying to make the stock market crash to getting endorsed by Pak Defence Minister & Pannu,Rahul Gandhi has done it all Can U trust him?🤨

Vikash Mohta (@vikashmohta_ind) 's Twitter Profile Photo

यह वीडियो देखने के बाद आप भी कहेंगे वाह पंडित जी वाह....... आपको तो पंडित नही किसी कॉलेज का अध्यापक होना चाहिए था 🚩।

तहक्षी™ tehxi தக்ஷி (@yajnshri) 's Twitter Profile Photo

हठयोग की साधना के बारे मिथ्या लगता है यदि कहा जाये “अजपा जप” मनुष्य को देव बना देता है किंतु सिद्ध करेंगे कैसे ? #thread 🧵कृपया अवश्य पूरा पढ़े 🔹जप कितनी प्रकार के है 🔹जप क्या निरोग करते है? 🔹जप से कुंडलिनी जागरण संभव है? 🔹अजपा जप क्या है? 🔹अजपा जप के कितने चरण है?

हठयोग की साधना के बारे मिथ्या लगता है यदि कहा जाये “अजपा जप” मनुष्य को देव बना देता है किंतु सिद्ध करेंगे कैसे ?

#thread 🧵कृपया अवश्य पूरा पढ़े

🔹जप कितनी प्रकार के है
🔹जप क्या निरोग करते है?
🔹जप से कुंडलिनी जागरण संभव है?
🔹अजपा जप क्या है?
🔹अजपा जप के कितने चरण है?
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अजपा-जप भारतीय आध्यात्मिक साधना में जप का प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसका विकास समय-समय पर भारत के महान् सन्तों और योगियों ने विभिन्न युगों में अपने अनुभवों से किया है। जप उतना ही प्राचीन है, जितना भारतीय संस्कृति । उपनिषदों तथा अन्य प्राचीन ग्रंथों में इनका विवरण

अजपा-जप भारतीय आध्यात्मिक साधना में जप का प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसका विकास समय-समय पर भारत के महान् सन्तों और योगियों ने विभिन्न युगों में अपने अनुभवों से किया है। जप उतना ही प्राचीन है, जितना भारतीय संस्कृति । उपनिषदों तथा अन्य प्राचीन ग्रंथों में इनका विवरण
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अर्थात् प्राण-वायु के हकार की ध्वनि से बाहर जाने पर और सकार की ध्वनि से भीतर आने पर हंस-हंस मंत्र की उत्पत्ति शरीर में 21600 बार होती है। इस हंस मंत्र से सोऽहं शब्द की उत्पत्ति होती है। हंस मंत्र का जप ही अजपा गायत्री है। यह योगियों को मोक्ष प्रदान करती है। इसके संकल्प मात्र से

अर्थात् प्राण-वायु के हकार की ध्वनि से बाहर जाने पर और सकार की ध्वनि से भीतर आने पर हंस-हंस मंत्र की उत्पत्ति शरीर में 21600 बार होती है। इस हंस मंत्र से सोऽहं शब्द की उत्पत्ति होती है। हंस मंत्र का जप ही अजपा गायत्री है। यह योगियों को मोक्ष प्रदान करती है। इसके संकल्प मात्र से
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हमारी दाहिनी नासिका से होकर जाने वाली नाड़ी सूर्य अथवा पिंगला है तथा बायीं नासिका से होकर जाने वाली नाड़ी चन्द्र अथवा इड़ा है। स्वर विज्ञान के अनुसार जब इड़ा पिंगला दोनों नाड़ियां समान रूप से चलती हैं तो वह समय सभी प्रकार की आध्यात्मिक साधना अथवा शुभ कार्य के लिये उत्तम होता है।

हमारी दाहिनी नासिका से होकर जाने वाली नाड़ी सूर्य अथवा पिंगला है तथा बायीं नासिका से होकर जाने वाली नाड़ी चन्द्र अथवा इड़ा है। स्वर विज्ञान के अनुसार जब इड़ा पिंगला दोनों नाड़ियां समान रूप से चलती हैं तो वह समय सभी प्रकार की आध्यात्मिक साधना अथवा शुभ कार्य के लिये उत्तम होता है।
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प्रथम चरण - 1. किसी आरामदायक आसन में बैठ कर आँखे बन्द करके पूर्णतः शान्ति सुख और आराम का अनुभव कीजिए तथा पेट के भीतर तथा बाहर जाने वाली श्वास पर अपने को केन्द्रित करें। 2. गहरी एवं आरामपूर्वक श्वास लेकर अनुभव करिये कि श्वास नाभि तक जाती है और बाहर जाने वाली श्वास नाभि से आती

प्रथम चरण - 1. किसी आरामदायक आसन में बैठ कर आँखे बन्द करके पूर्णतः शान्ति सुख और आराम का अनुभव कीजिए तथा पेट के भीतर तथा बाहर जाने वाली श्वास पर अपने को केन्द्रित करें। 

2. गहरी एवं आरामपूर्वक श्वास लेकर अनुभव करिये कि श्वास नाभि तक जाती है और बाहर जाने वाली श्वास नाभि से आती
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द्वितीय चरण - 1. प्रथम चरण का अभ्यास करते समय पहले श्वास लेते समय "सो" तथा बाहर निकालते समय "ह" को जोड़ते हैं जो "सोSहं" बनाता है। अब द्वितीय चरण में पहले श्वास "ह" के साथ बाहर निकालते हैं और फिर श्वास सो के साथ लेते हैं जो हंसो बनाता है। 2. एक आवृत्ति के बाद मानिसक शून्यता की

द्वितीय चरण - 
1. प्रथम चरण का अभ्यास करते समय पहले श्वास लेते समय "सो" तथा बाहर निकालते समय "ह" को जोड़ते हैं जो "सोSहं" बनाता है। अब द्वितीय चरण में पहले श्वास "ह" के साथ बाहर निकालते हैं और फिर श्वास सो के साथ लेते हैं जो हंसो बनाता है।

 2. एक आवृत्ति के बाद मानिसक शून्यता की
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तृतीय चरणः - 1. किसी स्थिर आसन में सुखपूर्वक बैठकर भीतर तथा बाहर आने वाली श्वास पर चेतना को केन्द्रित कीजिए । 2. अनुभव करिये कि अपनी श्वास नासिका से नाभि तक जा रही है और नाभि से नासिका तक वापस आ रही है। 3. भीतर जाने वाली श्वास के साथ "सो' तथा बाहर आने वाली श्वास के साथ "हं"

तृतीय चरणः - 

1. किसी स्थिर आसन में सुखपूर्वक बैठकर भीतर तथा बाहर आने वाली श्वास पर चेतना को केन्द्रित कीजिए । 

2. अनुभव करिये कि अपनी श्वास नासिका से नाभि तक जा रही है और नाभि से नासिका तक वापस आ रही है। 

3. भीतर जाने वाली श्वास के साथ "सो' तथा बाहर आने वाली श्वास के साथ "हं"
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चतुर्थ चरणः - 1 . किसी स्थिर तथा आरामदायक आसन में बैठकर लम्बी श्वास लेकर चेतना को मूलाधार चक्र में केन्द्रित कीजिए। 2. अनुभव कीजिए कि मूलाधार चक्र में कुण्डलिनी त्रिभुजाकार आकृति के अन्दर मुंह नीचे तथा पूंछ ऊपर किये सुप्त है। 3. अब "सो" के साथ श्वास लीजिए चेतना को "सो" की

चतुर्थ चरणः - 

1 . किसी स्थिर तथा आरामदायक आसन में बैठकर लम्बी श्वास लेकर चेतना को मूलाधार चक्र में केन्द्रित कीजिए। 

2. अनुभव कीजिए कि मूलाधार चक्र में कुण्डलिनी त्रिभुजाकार आकृति के अन्दर मुंह नीचे तथा पूंछ ऊपर किये सुप्त है। 

3. अब "सो" के साथ श्वास लीजिए चेतना को "सो" की
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पंचम चरण - 1. षण्मुखी मुद्रा अथवा योनि मुद्रा (पद्मासन या वज्रासन में बैठ कर दोनों अंगूठे से दोनों कानों को बन्द करें, दोनों तर्जनी से दोनों आंखों, मध्यमा से दोनों नाक के छिद्रों, दोनों अनामिका के ऊपर के ओठ कनिष्ठा से नीचे ओठ अन्द करने पर) की स्थिति में आइए । 2. "सो" की

पंचम चरण -

 1. षण्मुखी मुद्रा अथवा योनि मुद्रा (पद्मासन या वज्रासन में बैठ कर दोनों अंगूठे से दोनों कानों को बन्द करें, दोनों तर्जनी से दोनों आंखों, मध्यमा से दोनों नाक के छिद्रों, दोनों अनामिका के ऊपर के ओठ कनिष्ठा से नीचे ओठ अन्द करने पर) की स्थिति में आइए । 

2. "सो" की
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अजपा द्वारा रोगोपचार - 1. प्राण, मंत्र और चेतना को संयुक्त करने से अजपा बनता है। यह केवल पूजा और जप का एक तरीका मात्र नहीं है। अजपा केवल साधना नहीं है। अजपा सिर्फ समाधि भी नहीं है। अजपा सिर्फ प्राणायाम भी नहीं वरन् अजपा मनुष्य के तीनों आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक-तापों का

अजपा द्वारा रोगोपचार - 

1. प्राण, मंत्र और चेतना को संयुक्त करने से अजपा बनता है। यह केवल पूजा और जप का एक तरीका मात्र नहीं है। अजपा केवल साधना नहीं है। अजपा सिर्फ समाधि भी नहीं है। अजपा सिर्फ प्राणायाम भी नहीं वरन् अजपा मनुष्य के तीनों आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक-तापों का
सोनम गुप्ता (@bhagwa_sonam) 's Twitter Profile Photo

फाल्गुन (फरवरी-मार्च) – इस महीने में गुड का उपयोग करे। सुबह के समय योग एवं स्नान का नियम बना ले। चने का उपयोग न करे।

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Human teeth is not designed by the almighty to eat meat. Sanatani culture prescribes vegetarian food whereas we the Sanatanis have ample freedom in our dharmic practice. That is why Hindu and Hindutwa are unique in the earth.

SP Mahapatra (@mahapatra_sp) 's Twitter Profile Photo

This is one side of story which may not be completely true. There is other side of this story as well. Let the investigation be completed.

P.N.Rai (@pnrai1) 's Twitter Profile Photo

मोदी और विपक्षी नेता में फर्क। मोदी को जम्मू कश्मीर को भारत में विलय के लिए याद किया जायेगा। पूरे संसार में भारतीय समुदाय मोदी के कारण गर्व महसूस करेगा। अगर पॉपुलैरिटी चाहिए तो बिग बॉस को चुनो। देश को चलाने वाला चाहिए तो मोदी को चुनो। महान नेता कल के बारे में सोचते हैं। कमजोर

SP Mahapatra (@mahapatra_sp) 's Twitter Profile Photo

Will CBN take Jagan Reddy to task? This is an important question. What Jagan did to Hindus is unpardonable. The officers involved must be taken to task. Let us see what the govt does.