
ANUBHAVAJANYA
@anubhavajanya
ID: 2245915884
14-12-2013 17:37:33
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KM Priyanka "अब तो माफ़ी भी एक मज़ाक लगी, जिसको छोड़ा, वही खलाक़ लगी। शिकवा किससे? गिला किससे? अब तो खुद अपनी ही सज़ा बाक़ी लगी।"

Pooja Tiwari ‘बस एक बिंदी ही तो ली है’ कहकर, पूरी ज्वेलरी शॉप खाली कर देने वाली महिलाओं को भी... Happy Women's Day 😂😂🏃♂️🏃♂️


Deepak Sharma पहले खुद ही पिलाते हैं, फिर बदनाम करते हैं, महफ़िल में बुलाकर, फिर इल्ज़ाम करते हैं। जिनके हाथों में थे जाम, अब फतवे सुनाते हैं, जो खुद डूबे थे कल, आज हमें समझाते हैं। इस शहर की फितरत पे हँसी आती है, खुद आग लगाते हैं, फिर रोना बनाते हैं!







Er. Avinash Yadav (A2Y) बिल्कुल साधारण सी बात है,मगर क्या सच में इतनी हीसाधारण है? रास्ता और समय तो आगे बढ़ते जाते हैं,लेकिन क्या वाकई हम सिर्फ दूरी तयकर रहे होते हैं,या खुद को भी खोते जा रहे होते हैं? जो पीछे छूटता है, वो सिर्फ मीलों की दूरी नहीं, कुछ लोग, कुछ सपने, कुछ अधूरी कहानियाँ भी होती है1/2

Er. Avinash Yadav (A2Y) कभी-कभी रास्ता तय करने की इतनी जल्दी होती है कि जब मंज़िल पर पहुँचते हैं, तब अहसास होता है— हमने जो पाया, उससे ज्यादा तो पीछे छोड़ आए। तो सवाल यह है— दूरी तय करना असली सफर है, या जो पीछे छूट गया, वही हमारी असली कहानी थी?2/2

Deepak Sharma जो नैना पढ़ न पाए, वो खत कौन लिखे, जो बिना बोले समझे, वो बात कौन कहे। सांसों में घुली खुशबू, पर फूल का नाम नहीं, कोरे नैनों में बसा कोई, पर अता-पता आम नहीं। बिन साज़ के जो गूँजे, वो राग कैसा होता है? बिन मुलाक़ात जो अपना लगे, वो लाग कैसा होता है?

Thee Krishna Akanksha Trivedi अगर कभी लगे कि बदल गए हम, तो सोचो, किस मोड़ पर बिछड़ गए हम... जो ख़्वाब तुम्हारी आँखों में सजाए थे, वही ख़्वाब बनकर बिखर गए हम... तुमने सवाल किए, जवाब छुपा लिए, हम आईना बने और टूट गए हम... बदलते हम नहीं, हालात बदलते हैं, तुम देखो खुद को, कहाँ रह गए हम?


चंदन मिश्र भुला देने की कसम खा के भी, हर साँस में तेरा ही अफसाना होगा... जो कह रहे हो कि भूल गए हमें, कभी तन्हाई में, ये भी आज़माना होगा... आईना देखोगे जब किसी शाम को, अपना अक्स भी बेगाना होगा... ख़ुद से झूठ बोलकर कब तक रहोगे, एक दिन सच ने तुझे भी समझाना होगा. Pic credit चंदन मिश्र

