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ANUBHAVAJANYA

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calendar_today14-12-2013 17:37:33

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"नारी सृष्टि की जननी है, प्रेम, सहनशीलता और शक्ति का संगम। एक माँ, एक बहन, एक बेटी, एक प्रेमिका—हर रूप में वह जीवन को संवारती है। उसका त्याग, उसका धैर्य, उसकी ममता ही इस समाज की असली नींव है।" #InternationalWomensDay #WomensDay #womensdayspecial

"नारी सृष्टि की जननी है, प्रेम, सहनशीलता और शक्ति का संगम। एक माँ, एक बहन, एक बेटी, एक प्रेमिका—हर रूप में वह जीवन को संवारती है। उसका त्याग, उसका धैर्य, उसकी ममता ही इस समाज की असली नींव है।"

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🔥 अबला नहीं, अंगार हूँ 🔥 हर जंजीर तोड़ने को तैयार हूँ, न दबने वाली, न झुकने वाली, मैं शक्ति, मैं साहस, मैं हुंकार हूँ! अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर समस्त नारी शक्ति को नमन। ✨🙏🏻 #WomensDay2025 #WomensDay #womensdayspecial #WomenEmpowerment

🔥 अबला नहीं, अंगार हूँ 🔥
हर जंजीर तोड़ने को तैयार हूँ,
न दबने वाली, न झुकने वाली,
मैं शक्ति, मैं साहस, मैं हुंकार हूँ!

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर समस्त नारी शक्ति को नमन। ✨🙏🏻
#WomensDay2025 #WomensDay 
#womensdayspecial #WomenEmpowerment
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KM Priyanka "अब तो माफ़ी भी एक मज़ाक लगी, जिसको छोड़ा, वही खलाक़ लगी। शिकवा किससे? गिला किससे? अब तो खुद अपनी ही सज़ा बाक़ी लगी।"

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Pooja Tiwari ‘बस एक बिंदी ही तो ली है’ कहकर, पूरी ज्वेलरी शॉप खाली कर देने वाली महिलाओं को भी... Happy Women's Day 😂😂🏃‍♂️🏃‍♂️

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Raj @IPHONE__GIRL कभी जो धूप में तेरा साया बन जाऊं, कभी जो रात में तेरा चांद बन जाऊं। तू बस मेरे ख्वाबों में ही ना आए, काश मैं भी तेरी हर बात बन जाऊं।

<a href="/RjTr0/">Raj</a> @IPHONE__GIRL कभी जो धूप में तेरा साया बन जाऊं,
कभी जो रात में तेरा चांद बन जाऊं।
तू बस मेरे ख्वाबों में ही ना आए,
काश मैं भी तेरी हर बात बन जाऊं।
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Deepak Sharma पहले खुद ही पिलाते हैं, फिर बदनाम करते हैं, महफ़िल में बुलाकर, फिर इल्ज़ाम करते हैं। जिनके हाथों में थे जाम, अब फतवे सुनाते हैं, जो खुद डूबे थे कल, आज हमें समझाते हैं। इस शहर की फितरत पे हँसी आती है, खुद आग लगाते हैं, फिर रोना बनाते हैं!

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बस्ती में खुद ही आग लगाई,अब पानी के सौदे करते हैं जो कल तक थे लुटेरे,आज मंदिर-मस्जिद के पहरे करते हैं गरीब की थाली छीनी,फिर दानवीर कहलाने लगे जनता के हिस्से का लूटा,अब उपदेश सुनाने लगे कफ़न बेचकर दौलत कमाई,फिर मातम में रोते मिले ज़ालिम हीसबसे पहले,यहाँ इन्साफ के नारे देते मिले

बस्ती में खुद ही आग लगाई,अब पानी के सौदे करते हैं
जो कल तक थे लुटेरे,आज मंदिर-मस्जिद के पहरे करते हैं

गरीब की थाली छीनी,फिर दानवीर कहलाने लगे
जनता के हिस्से का लूटा,अब उपदेश सुनाने लगे

कफ़न बेचकर दौलत कमाई,फिर मातम में रोते मिले
ज़ालिम हीसबसे पहले,यहाँ इन्साफ के नारे देते मिले
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"होंठों पर शोला, आँखों में सवाल है, तू खामोश भी रहे, फिर भी बवाल है! जिसे जलाने की साज़िश रची थी वक़्त ने, आज वही आग, तेरा क़माल है! ये चिंगारी बुझेगी नहीं, सैलाब लाएगी, तेरी ख़ामोशी भी अब, इंक़लाब लाएगी

"होंठों पर शोला, आँखों में सवाल है,
तू खामोश भी रहे, फिर भी बवाल है!

जिसे जलाने की साज़िश रची थी वक़्त ने,
आज वही आग, तेरा क़माल है!

ये चिंगारी बुझेगी नहीं, सैलाब लाएगी,
तेरी ख़ामोशी भी अब, इंक़लाब लाएगी
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मैं कौन हूँ? मैं कौन हूँ? ये सवाल ही मेरा परिचय है, हर उत्तर के भीतर ही एक नया संशय है। कभी मैं आईनों में अजनबी सा दिखता हूँ, कभी अपनी ही परछाईं से डर कर छिपता हूँ। ज़िन्दगी के बाज़ार में कोई खरीदता नहीं, ख़ुद को बेचने का हौसला भी मुझमें दिखता नहीं।

मैं कौन हूँ?

मैं कौन हूँ? ये सवाल ही मेरा परिचय है,
हर उत्तर के भीतर ही एक नया संशय है।

कभी मैं आईनों में अजनबी सा दिखता हूँ,
कभी अपनी ही परछाईं से डर कर छिपता हूँ।

ज़िन्दगी के बाज़ार में कोई खरीदता नहीं,
ख़ुद को बेचने का हौसला भी मुझमें दिखता नहीं।
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Khushi "सच्चाई और सरलता में ही जीवन की खूबसूरती है"— लेकिन क्या यह सचमुच इतना सरल है? जो लोग सच्चाई पर चलते हैं, अक्सर उन्हें दुनिया सबसे ज्यादा रौंदती है। सरलता को लोग कमजोरी समझते हैं और छल-कपट से ही दुनिया में ऊँचाइयाँ चढ़ी जाती हैं 1/2

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Khushi इतिहास उठा कर देखो, जिन लोगों ने ईमानदारी और सरलता को अपनाया, वे या तो दर-दर भटके या सूली पर चढ़ा दिए गए। तो सवाल यह है— क्या सच और सरलता सिर्फ किताबों के आदर्श वाक्य हैं, जबकि असली दुनिया उन लोगों की है जो चालाकी और स्वार्थ से खेलना जानते हैं? 2/2

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Er. Avinash Yadav (A2Y) बिल्कुल साधारण सी बात है,मगर क्या सच में इतनी हीसाधारण है? रास्ता और समय तो आगे बढ़ते जाते हैं,लेकिन क्या वाकई हम सिर्फ दूरी तयकर रहे होते हैं,या खुद को भी खोते जा रहे होते हैं? जो पीछे छूटता है, वो सिर्फ मीलों की दूरी नहीं, कुछ लोग, कुछ सपने, कुछ अधूरी कहानियाँ भी होती है1/2

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Er. Avinash Yadav (A2Y) कभी-कभी रास्ता तय करने की इतनी जल्दी होती है कि जब मंज़िल पर पहुँचते हैं, तब अहसास होता है— हमने जो पाया, उससे ज्यादा तो पीछे छोड़ आए। तो सवाल यह है— दूरी तय करना असली सफर है, या जो पीछे छूट गया, वही हमारी असली कहानी थी?2/2

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Deepak Sharma जो नैना पढ़ न पाए, वो खत कौन लिखे, जो बिना बोले समझे, वो बात कौन कहे। सांसों में घुली खुशबू, पर फूल का नाम नहीं, कोरे नैनों में बसा कोई, पर अता-पता आम नहीं। बिन साज़ के जो गूँजे, वो राग कैसा होता है? बिन मुलाक़ात जो अपना लगे, वो लाग कैसा होता है?

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Thee Krishna Akanksha Trivedi अगर कभी लगे कि बदल गए हम, तो सोचो, किस मोड़ पर बिछड़ गए हम... जो ख़्वाब तुम्हारी आँखों में सजाए थे, वही ख़्वाब बनकर बिखर गए हम... तुमने सवाल किए, जवाब छुपा लिए, हम आईना बने और टूट गए हम... बदलते हम नहीं, हालात बदलते हैं, तुम देखो खुद को, कहाँ रह गए हम?

<a href="/thee8252/">Thee Krishna</a> <a href="/Akanksha5876/">Akanksha Trivedi</a> अगर कभी लगे कि बदल गए हम,
तो सोचो, किस मोड़ पर बिछड़ गए हम...

जो ख़्वाब तुम्हारी आँखों में सजाए थे,
वही ख़्वाब बनकर बिखर गए हम...

तुमने सवाल किए, जवाब छुपा लिए,
हम आईना बने और टूट गए हम...

बदलते हम नहीं, हालात बदलते हैं,
तुम देखो खुद को, कहाँ रह गए हम?
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चंदन मिश्र भुला देने की कसम खा के भी, हर साँस में तेरा ही अफसाना होगा... जो कह रहे हो कि भूल गए हमें, कभी तन्हाई में, ये भी आज़माना होगा... आईना देखोगे जब किसी शाम को, अपना अक्स भी बेगाना होगा... ख़ुद से झूठ बोलकर कब तक रहोगे, एक दिन सच ने तुझे भी समझाना होगा. Pic credit चंदन मिश्र

<a href="/_chandanmishra_/">चंदन मिश्र</a> भुला देने की कसम खा के भी,
हर साँस में तेरा ही अफसाना होगा...

जो कह रहे हो कि भूल गए हमें,
कभी तन्हाई में, ये भी आज़माना होगा...

आईना देखोगे जब किसी शाम को,
अपना अक्स भी बेगाना होगा...

ख़ुद से झूठ बोलकर कब तक रहोगे,
एक दिन सच ने तुझे भी समझाना होगा.
Pic credit <a href="/_chandanmishra_/">चंदन मिश्र</a>