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Fuldev Kumar

@fuldevk47787

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calendar_today09-12-2024 06:24:14

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अब माननीय उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के पांच वरिष्ट IAS अधिकारियों को बहुत ही गंदे तरीके से डाटा है। 45 मिनट की बहस में 30 मिनट डाटने में समय बीत गया। अब झारखंड के वरिष्ट अधिकारियों को चुल्लूभर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए। माननीय उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 06 सितंबर 2025

अब माननीय उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के पांच वरिष्ट IAS अधिकारियों को बहुत ही गंदे तरीके से डाटा है। 45 मिनट की बहस में 30 मिनट डाटने में समय बीत गया।

अब झारखंड के वरिष्ट अधिकारियों को चुल्लूभर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए।

माननीय उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 06 सितंबर 2025
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अबुआ सरकार के नाम पर , आदिवासी सरकार के नाम पर ,संविधान बचाने के नाम पर वोट मांगने वाले हमारे दादा Hemant Soren जनजाति सलाहकार परिषद् (TAC) का नियमावली नही बना पाएं है। संसदीय अधिनियम PPESA 1996 का नियमावली नही बना रहें है। पंचायत कानून , संसद , राष्ट्रपति का अपमान और

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पांचवी अनुसूची के दस राज्य हैं। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में शांती और स्वच्छ प्रशासन की परिकल्पना की गई है। लेकिन दस राज्य में गरीबी , अशिक्षा ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। इन्ही समस्याओं से समाज को बाहर निकालने के लिए संसदीय अधिनियम PPESA 1996 बनाया गया है। जो किसी भी

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#09_अगस्त_विश्व_आदिवासी_दिवस मनाने का उद्देश्य एकत्रित होकर अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना। आदिवासी समुदाय विभिन्न क्षेत्रों में बाहरी आक्रमणकारियों के कारण अपने समुदाय से खंडित हुए। फिर भी उन्होनें अपने संघर्ष को जारी रखा। जब सभी क्षेत्रों में

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जबरा पहाड़िया यानि तिलका मांझी के संघर्ष के समय Daminico act. 1764 में दामिन -ई- कोह क्षेत्र में यहां के आदिवासियों को 🌏 मालीकाना हक दिया गया। 🏹जबरा पहाड़िया ने अंग्रेज अधिकारी क्लीवलैंड के सिने में तीर मार कर मौत के घाट उतार दिया था। अपने संघर्ष को लोहा मनवाया। हमारे पूर्वज

जबरा पहाड़िया यानि तिलका मांझी के संघर्ष के समय Daminico act. 1764 में दामिन -ई- कोह क्षेत्र में यहां के आदिवासियों को 🌏 मालीकाना हक दिया गया।

🏹जबरा पहाड़िया ने अंग्रेज अधिकारी क्लीवलैंड के सिने में तीर मार कर मौत के घाट उतार दिया था।
अपने संघर्ष को लोहा मनवाया। हमारे पूर्वज
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वीर बुद्धु भगत कुडुख /उरांव समुदाय में रांची के चांन्हो प्रखंड के सिलागाई गांव में जन्म लिए। इन्होने अपने आदिवासियों गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण देकर अपने #पारंपारिक_स्वशासन_व्यवस्था के लिए कई विद्रोह आन्दोलन किए। इनके संघर्षरत आन्दोलन के समय इन्होने अंग्रेज अधिकारी विलकिंसन को

वीर बुद्धु भगत कुडुख /उरांव समुदाय में रांची के चांन्हो प्रखंड के सिलागाई गांव में जन्म लिए।

इन्होने अपने आदिवासियों गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण देकर अपने #पारंपारिक_स्वशासन_व्यवस्था के लिए कई विद्रोह आन्दोलन किए।

इनके संघर्षरत आन्दोलन के समय इन्होने अंग्रेज अधिकारी विलकिंसन को
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भारत के अनुसूचित क्षेत्रों में भूमी अधिग्रहण के द्वारा जमीन की लूट फिर विस्थापन ,गरीबी ,बेरोजगारी जैसे समस्या आदिवासियों और मूलवासियों के बीच अधिकतर समस्या उत्पन्न हुई है। जिसका समाधान सिर्फ संसदीय अधिनियम PPESA 1996 से संभव है। इसलिए लोग लोग इसे जाने समझे और अपने समस्याओं का

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झारखंड सरकार के नौकरशाह और‌ खनन माफिया ने मिलकर एक समाजिक व्यक्ति पहाड़िया जनजाति समुदाय के सूर्य नारायण हांसदा को कुख्यात अपराधी बतलाकर हत्या कर फर्जी एनकाउंटर का मन गढ़ंत कहानी बतला रही है। क्यों नही संसदीय अधिनियम PPESA 1996 को अनुसूचित क्षेत्र में लागू होना चाहिए ? National Commission for Scheduled Tribes

झारखंड सरकार के नौकरशाह और‌ खनन माफिया ने मिलकर एक समाजिक व्यक्ति पहाड़िया जनजाति समुदाय के सूर्य नारायण हांसदा को कुख्यात अपराधी बतलाकर हत्या कर फर्जी एनकाउंटर का मन गढ़ंत कहानी बतला रही है।

क्यों नही संसदीय अधिनियम PPESA 1996 को अनुसूचित क्षेत्र में लागू होना चाहिए ?
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सूर्य नारायण हांसदा झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र पाकुड़ के बोआरी जोरी क्षेत्र से आते थे। इसलिए उन्होने अपने अधिकार के तहत् बेहतर स्कूल, स्वास्थ्य,रोजगार , व्यवस्था की मांग और असंवैधानिक खनन पर रोक लिए संघर्षरत दिखाई देते है। जिसे संसदीय अधिनियम PPESA 1996 पूरा करती है। लेकिन

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देश आजाद हुए लगभग 79 वर्ष हो गए , आजादी के बाद देश में आदिवासियों को गुलाम बनाये जाने का षडयंत्र शुरू हुआ। आज देश के आदिवासी गुलाम बनते दिख रहें है। आजादी से पहले आदिवासी आजाद थें। ज्यादातर हमारे लोग शिक्षा से दूर थे। इसके वजह से हमारी आजादी छीन ली गई। अब आजादी का बधाई किसको

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आज राज्य और देश को पूंजीपती और खनन माफिया लोग नौकरशाह और विधायिका चला रहे है। एक अच्छे समाजिक व्यक्ति जो अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है। उसे कमजोर करने के लिए सभी नियम को लागू करते है। एक समान्य जनता से नौकरशाह सामंतवाद और जमींदार के जैसा व्यवहार करते है। बगैर भ्रष्टाचार के

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भारत का भाग्य विधाता कौन है...? इस आदिवासी महिला से समझें!

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Baijnath Sen भारत का भाग्य विधाता कोई एक व्यक्ति नहीं, बल्कि देश की मेहनती जनता है, जिसमें आदिवासी महिलाओं का योगदान अनमोल है। उनकी हिम्मत और संघर्ष देश को नई दिशा दे रहे हैं।[](youtube.com/watch?v=mYaWNG…)

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अगर डर के साथ जीने की आदत पड़ जाएं ,तो जिंदगी भर अत्याचार सहोगे । अन्दर ही अन्दर घुटते रहोगे , खुद को कोसते रहोगे , लेकिन कुछ नही कर पाओगे। डर!डर के आगे घुटने टेक दोगे , जब तक डरोगे ,डराने वाले पैदा होते रहेगें। सरकार कुछ भाड़े के गुंडे और नौकरशाह लाकर हजारों लोगों डरातें है।

अगर डर के साथ जीने की आदत पड़ जाएं ,तो जिंदगी भर अत्याचार सहोगे ।

अन्दर ही अन्दर घुटते रहोगे , खुद को कोसते रहोगे , लेकिन कुछ नही कर पाओगे।

डर!डर के आगे घुटने टेक दोगे , जब तक डरोगे ,डराने वाले पैदा होते रहेगें।

सरकार कुछ भाड़े के गुंडे और नौकरशाह लाकर हजारों लोगों डरातें है।
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प्राकृतिक संसाधनों की लूट झारखंड में नौकरशाह और खनन माफियाओं ने मिलकर चरम पर पहुंचा दिया है। पिछले दिनों राज्य के नौकरशाह और खनन माफियाओं ने राज्य के एक समाजिक व्यक्ति को हत्या कर फर्जी एनकाउंटर बतलाया। अब बड़कागांव की पूर्व विधायिका Amba Prasad जी! को सी० एम० रमेश ने

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झारखंड सरकार 2004 में झारखंड लघु खनिज रियासत (JMMC) 2004 लागू किए थे। जिसका उद्देश्य राज्य में लघु खनिजों का पूर्वेक्षण ,खनन और राॅयल्टी के मूल्यांकन ,लेवी और संग्रह को नियंत्रित करना था। इन निरमों के तहत राज्य सरकार लघु खनिजों के खनन और संबधित गतिविधियों को नियंत्रित करती है।

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झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों का खनिज संसाधन झारखंड लघु खनिज रियासत (JMMC) एक्ट 2004 के तहत झारखंड सरकार के पास ।

झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों का खनिज संसाधन झारखंड लघु खनिज रियासत (JMMC) एक्ट 2004 के तहत झारखंड सरकार के पास ।
Dinesh Kumar🇮🇳 (@nirmaldinesh93) 's Twitter Profile Photo

चलती ट्रेन में सो रही छात्रा से GRP सिपाही ने कि छेड़छाड़,पकड़े जाने जोड़कर मांगने लगा माफी। दिल्ली से प्रयागराज लौट रही एक छात्रा ने ट्रेन में हैवानियत का सामना किया। आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात GRP सिपाही आशीष गुप्ता ने आधी रात को सीट पर सो रही छात्रा से छेड़छाड़ की। रंगे हाथ

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Critical Citizen यह घटना शर्मनाक और निंदनीय है। GRP सिपाही आशीष गुप्ता का कृत्य सुरक्षा की जिम्मेदारी का अपमान है। त्वरित कार्रवाई और सख्त सजा जरूरी है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।[](hindi.oneindia.com/news/uttar-pra…)

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आज झारखंड में आदिवासी और मूलवासी अपनी जमीन और खनिज संसाधन को बचाने के लिए संघर्षरत है। झारखंड के आदिवासियों और मूलवासी संघर्षरत बलिदान दे रहें है। पूर्व विधायिका को राजनितिज्ञ कैरियर समाप्त करने का धमकी मिल रही है। जमीन और संसाधन को लूटने के लिए झारखंड सरकार अब तक PPESA 1996