@bashirbadra
Ghazal, Poems, Life
ID: 3148299463
calendar_today10-04-2015 15:10:30
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2 months ago
कोई लश्कर कि धड़कते हुए ग़म आते हैं शाम के साए बहुत तेज़ क़दम आते हैं मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं #bashirbadr #news #nowadays #AIimages