आशुतोष अग्निहोत्री सर का सुंदर लेखन -जीवन में पीड़ा, प्रेम और आनंद एक गहरी आध्यात्मिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं। रिश्ते केवल सामाजिक स्वीकृति के लिए नहीं, अपितु आत्मिक यात्रा का अभिन्न अंग हैं। यात्रा का उद्देश्य सिर्फ मंजिल नहीं,अपितु सबक़ , आनंद और रहस्यों को समझना भी है।