खुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में
मांगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में
तुम छत पे नहीं आये मैं घर से नहीं निकला
ये चाँद बहुत भटका सावन कि घटाओं में
इस शहर में एक लड़की बिलकुल है ग़ज़ल जैसी
बिजली सी घटाओं में खुशबू सी हवाओं में
#बशीरबद्र #bashirbadr
वो नही मिला तो मलाल क्या,
जो गुज़र गया सो गुज़र गया
उसे याद करके ना दिल दुखा,
जो गुज़र गया सो गुज़र गया
ना गिला किया ना ख़फ़ा हुए,
युँ ही रास्ते में जुदा हुए
ना तू बेवफ़ा ना मैं बेवफ़ा,
जो गुज़र गया सो गुज़र गया
#bashirbadr
वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ
अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ
जिसे ले गई है अभी हवा वो वरक़ था दिल की किताब का
कहीं आँसुओं से मिटा हुआ कहीं आँसुओं से लिखा हुआ
#bashirbadr
#ghazal #Shayari
वही शहर है वही रास्ते वही घर है और वही लान भी
मगर उस दरीचे से पूछना वो दरख़त अनार का क्या हुआ
मेरे साथ जुगनू है हमसफ़र मगर इस शरर की बिसात क्या
ये चराग़ कोई चराग़ है न जला हुआ न बुझा हुआ
#bashirbadr
#ghazal
ये भी पानी है मगर आँखों का ऐसा पानी
जो हथेली पे रची मेहंदी उड़ा कर ले जाये
मैं मोहब्बत से महकता हुआ ख़त हूँ मुझ को
ज़िन्दगी अपनी किताबों में दबा कर ले जाये
#BashirBadr
अजब हालात थे, यूँ दिल का सौदा हो गया आख़िर
मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलाम हो जाए
समन्दर के सफ़र में इस तरह आवाज़ दो हमको
हवायें तेज़ हों और कश्तियों में शाम हो जाए
#BashirBadr
पत्थर के जिगर वालों ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है
फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है
इस में तेरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है
#BashirBadr
मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा
आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा
पी मेरे यार तुझे अपनी क़सम देता हूँ
भूल जा शिकवा-गिला, हाथ मिला, जाम उठा
#bashirbadr
कोई लश्कर कि धड़कते हुए ग़म आते हैं
शाम के साए बहुत तेज़ क़दम आते हैं
मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए
कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं
#bashirbadr #news #nowadays
#AIimages
यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करो
वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करो
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
#BashirBadr
किसी की याद में पलकें ज़रा भिगो लेते
उदास रात की तन्हाइयों में रो लेते
दुखों का बोझ अकेले नहीं सँभलता है
कहीं वो मिलता तो उस से लिपट के रो लेते
#BashirBadr
होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते
साहिल पे समुंदर के ख़ज़ाने नहीं आते
पलकें भी चमक उठती हैं सोते में हमारी
आँखों को अभी ख़्वाब छुपाने नहीं आते
#BashirBadr