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Uljhi Diary

@uljhidiary

शब्दों और भावनाओं के जरिए एक यात्रा...
(A journey...through words and emotions.)

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calendar_today21-07-2024 09:00:46

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उस का चेहरा उस की आँखें उस के होंटों की जुम्बिश जैसे चाँद जैसे झील जैसे बारिश की आवाज़ - न‌ईम जर्रार अहमद

उस का चेहरा
उस की आँखें
उस के होंटों की जुम्बिश
जैसे चाँद
जैसे झील
जैसे बारिश की आवाज़

- न‌ईम जर्रार अहमद
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इत्र लोबान फूल कुछ भी नहीं उसकी ख़ुशबू कमाल की ख़ुशबू - इक़रा अम्बर Iqrambar

इत्र लोबान फूल कुछ भी नहीं 
उसकी ख़ुशबू कमाल की ख़ुशबू 

- इक़रा अम्बर <a href="/iqrambar/">Iqrambar</a>
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हमारे पास सुनाने को कुछ भी नहीं फ़हमी हमे तो ख़्वाब भी देखे हुए ज़माना हुआ - शौकत फ़हमी

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मैं चाहूँ भी तो कैसे झूठ बोलूँ मुहब्बत ने फ़रिश्ता कर दिया है - मदन मोहन दानिश

मैं चाहूँ भी तो कैसे झूठ बोलूँ 
मुहब्बत ने फ़रिश्ता कर दिया है 

- मदन मोहन दानिश
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मेरे साथ चलने की शर्त पर कई लोग चल तो पड़े मगर कोई रास्ते मे बदल गया कोई रास्ता ही बदल गया

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आप बस किरदार हैं अपनी हदें पहचानिए वर्ना फिर इक दिन कहानी से निकाले जाएँगे - वसीम बरेलवी

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एक आँसू कोरे काग़ज़ पर गिरा और अधूरा ख़त मुकम्मल हो गया - राजेश रेड्डी

एक आँसू कोरे काग़ज़ पर गिरा
और अधूरा ख़त मुकम्मल हो गया

- राजेश रेड्डी
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साथ भी उनके रहना मुश्किल हिज्र भी उनका सहना मुश्किल कि सब कुछ उनसे ही कहना है जिनसे कुछ भी कहना मुश्किल - मंगल नसीम

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अब कोई आए चला जाए मैं ख़ुश रहता हूँ अब किसी शख़्स की आदत नहीं होती मुझ को - शाहिद ज़की

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गले लगाने से! भले ही दुखों का अंत न हो मगर; सह लेने का साहस दोगुना हो जाता है। - आर्चिश

गले लगाने से!

भले ही दुखों का अंत न हो मगर;
सह लेने का साहस दोगुना हो जाता है।

- आर्चिश