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pandey amit

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amit kumar pandey founder A P Foundation

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सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः। भवे भवे नातिभवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः॥ मैं "सद्योजात"(यह शिवजी के पंचमुखी स्वरूप में से एक मुख है, और यह पश्चिम दिशा का प्रतिनिधित्व करते है)शिव की शरण लेता हूँ। उनको बार-बार नमस्कार करता हूँ। हे प्रभु! हर जन्म में, हर अवस्था

सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय
 वै नमो नमः।
भवे भवे नातिभवे भवस्व मां 
भवोद्भवाय नमः॥

 मैं "सद्योजात"(यह शिवजी के पंचमुखी
 स्वरूप में से एक मुख है, और यह पश्चिम 
दिशा का प्रतिनिधित्व करते है)शिव की
 शरण लेता हूँ। उनको बार-बार नमस्कार 
करता हूँ। हे प्रभु! हर जन्म में, हर अवस्था
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नमः सायं नमः प्रातर् नमो रात्र्यै नमो दिवा। भवाय च शर्वाय चोभाभ्यामकरं नमः॥ हे सर्वव्यापी शिव आप को संध्या काल में नमस्कार, प्रातःकाल में नमस्कार है, रात्रि और दिन दोनों में आपको नमस्कार। भव (पालनकर्ता) और शर्व (संहारकर्ता) दोनों रूपों को प्रणाम। आपके संपूर्ण रूपों को मेरा

नमः सायं नमः प्रातर् नमो रात्र्यै नमो दिवा।
भवाय च शर्वाय चोभाभ्यामकरं नमः॥

हे सर्वव्यापी शिव आप को संध्या काल में नमस्कार, प्रातःकाल में नमस्कार है, रात्रि
 और दिन  दोनों में आपको नमस्कार।
भव (पालनकर्ता) और शर्व (संहारकर्ता) 
 दोनों रूपों को प्रणाम।
 आपके संपूर्ण रूपों को मेरा
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यस्य निःश्वसितं वेदा, यो वेदेभ्योऽखिलं जगत्। निर्ममे तमहं वन्दे, विद्यातीर्थ महेश्वरम्॥ जिनके श्वास से वेद प्रकट हुए, और उन वेदों के माध्यम से सम्पूर्ण सृष्टि की रचना हुई, उन महेश्वर शिवजी को जो समस्त विद्याओं के तीर्थस्वरूप है उनका मैं वंदन करता हूँ। धर्म,

यस्य निःश्वसितं वेदा, 
यो वेदेभ्योऽखिलं जगत्।
निर्ममे तमहं वन्दे, 
विद्यातीर्थ महेश्वरम्॥

  जिनके श्वास से वेद प्रकट हुए,
  और उन वेदों के माध्यम से 
  सम्पूर्ण सृष्टि की रचना हुई,
  उन महेश्वर शिवजी को जो 
  समस्त विद्याओं के तीर्थस्वरूप 
  है उनका मैं वंदन करता हूँ।

धर्म,
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त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ हम त्रिनेत्रधारी शिव की उपासना करते हैं, जो सुगंधित हैं ,कल्याणकारी और प्राणदाता है। सभी को बल प्रदान करने वाले भगवान प्राणियों का पोषण करते हैं। जैसे पक जाने पर खीरा

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

  हम त्रिनेत्रधारी शिव की उपासना करते हैं,
 जो सुगंधित हैं ,कल्याणकारी और प्राणदाता       
 है। सभी को बल प्रदान करने वाले भगवान     
 प्राणियों का पोषण करते हैं।
 जैसे पक जाने पर खीरा
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शिवहर प्रवास !! देवकुली धाम महादेव जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ … #जय_महादेव

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सर्वो वै रुद्रः तस्मै रुद्राय नमो अस्तु। पुरुषो वै रुद्रः सन्महो नमो नमः। विश्वं भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायमानं च यत्। सर्वो ह्येष रुद्रः तस्मै रुद्राय नमो अस्तु। समस्त ब्रह्मांड में जो कुछ भी है, वह रुद्र (शिव) ही है, उन परम रुद्र को मेरा नमन । जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड

सर्वो वै रुद्रः तस्मै रुद्राय नमो अस्तु।
पुरुषो वै रुद्रः सन्महो नमो नमः।
विश्वं भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं 
जायमानं च यत्।
सर्वो ह्येष रुद्रः तस्मै रुद्राय नमो अस्तु।

समस्त ब्रह्मांड में जो कुछ भी है, वह रुद्र
 (शिव) ही है, उन परम रुद्र को मेरा नमन ।

 जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड
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माँ जानकी के जन्मस्थली सीतामढ़ी में पिता जी के साथ 89से91 तक रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और आज सीतामढ़ी में BJP Bihar के कार्यकर्ता होने के नाते माता सीता के भव्य मंदिर के शिलान्यास में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भाजपा कार्यकर्ता होने पर हमें गर्व है 🙏 #जय_माँ_जानकी

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नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः।। विश्व के नाथ देवाधिदेव भगवान महादेव को प्रणाम, तीन नेत्रों वाले (सूर्य, चंद्र, अग्नि के प्रतीक), तीन पुरियों

नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः।।

विश्व के नाथ देवाधिदेव भगवान महादेव को प्रणाम, तीन नेत्रों वाले (सूर्य, चंद्र, अग्नि के प्रतीक), तीन पुरियों