. 18 जून 1947 को अंत में अपने गुरु को बचाने के प्रयास में कालीबाई ने 20 जून 1947 को दम तोड़ दिया. रास्तापाल में इसकी स्मृति में एक स्मारक बना हुआ हैं. डूंगरपुर में गेप सागर के किनारे एक पार्क में कालीबाई की मूर्ति लगी हुई हैं.
#आदिवासी_कालिबाई_अमर_रहे
This account is closed for same time ~BhartiTribal
Tribal Army
सभी पढ़े वीर बाला काली बाई भील की अमर गाथा
#आदिवासी_कालीबाई_कलासुआ_अमर_रहें
#आदिवासी_कालीबाई_अमर_रहे
पुलिस ने सेंगाभाई को अपनी गाड़ी के पीछे बांध घसीटना शुरू किया। गुरु पर अत्याचार को कालीबाई सह नहीं पाई और ट्रक से बंधी रस्सी को काट डाला। इस पर पुलिस ने कालीबाई को गोलियों से भून दिया।
#आदिवासी_कालीबाई_अमर_रहे
गुरु ही देव गुरु ही ब्रम्हा का असली अर्थ बताने वाली #आदिवासी_कालीबाई_अमर_रहे
#जोहार_वीरबाला_कालीबाई
ज्योत शिक्षा की जलाई,राह हमे दिखलाई
भूरिया से भी लड़ी,14 वर्ष की वो तरुणाई
इतिहास में वो साक्षरता की देवी अमर हो गई..💐💐💐💐
#आदिवासी_कालीबाई_अमर_रहे
@SonaTribal REAL_OWNER_OF_INDIA @JjdSuraj आदिवासी अकलेश सेहरा @Vijeshbheel 🌴Aboriginal Banty Patel🌴
कालीबाई को आधुनिक युग का एकलव्य कहा जाने लगा। उसने अपने गुरू की जान बचाई और शाही सामंतों की बलिदेवी पर चढ गई। वह बलिदान के इतिहास में अपना नाम दर्ज कर गई उसके बलिदान से आदिवासियों मे नई चेतना जागी।
उनके सम्मान मे आज # जरूर करे
#आदिवासी_कालिबाई_अमर_रहे
Tribal Army
This account is closed for same time ~BhartiTribal
महारावल शिक्षा के प्रचार प्रसार से भयभीत हो गए। उन्होंने सोचा कि– किसान और जनता शिक्षित हो जाएगी। तो फिर वह अपने अधिकार मांगेंगे। जनता हमारे राजकाज मे भी दखल देने लगेगी। स्थिति विकट हो जाएगी।
इसलिए वीरबाला कालिबाई पर गोलिया चलवा दी। 👇
#आदिवासी_कालिबाई_अमर_रहे
This account is closed for same time ~BhartiTribal
. 18 जून 1947 को अंत में अपने गुरु को बचाने के प्रयास में कालीबाई ने 20 जून 1947 को दम तोड़ दिया. रास्तापाल में इसकी स्मृति में एक स्मारक बना हुआ हैं. डूंगरपुर में गेप सागर के किनारे एक पार्क में कालीबाई की मूर्ति लगी हुई हैं.
#आदिवासी_कालिबाई_अमर_रहे
This account is closed for same time ~BhartiTribal
Tribal Army