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Ashwani Dixit

@serpentforce

विचार यादृच्छिक हैं, संकलन के उद्देश्य से लिपिबद्ध किये जाते हैं एवं इनका इस प्लेटफॉर्म पर उपस्थित किसी व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है। NoDM 📵

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Saugat -e- Goli (@darkandcrude) 's Twitter Profile Photo

Both dress to fool the world. One dresses to look humbler & other to look prouder U will hate a rich man who dresses like King U will humiliate a broke man who dresses like a beggar Both are gaming the society's psyche

Billy Carson II (@4biddnknowledge) 's Twitter Profile Photo

In a stunning breakthrough, scientists discovered ants may have self-awareness. Researchers placed blue dots on their heads, and 23 out of 24 ants tried removing them after seeing their reflection, proving they recognized themselves. This rare behavior, seen in only a few large

In a stunning breakthrough, scientists discovered ants may have self-awareness. Researchers placed blue dots on their heads, and 23 out of 24 ants tried removing them after seeing their reflection, proving they recognized themselves. This rare behavior, seen in only a few large
tripti 1/0 (@tapai02) 's Twitter Profile Photo

Annual day celebration at workplace coincides gurupurnima Yogeshwar krishna never left His heart lives in Jagannath prabhu

Annual day celebration at workplace coincides gurupurnima 
Yogeshwar krishna never left 
His heart lives in Jagannath prabhu
इन्फिनिटी 🏹 (@viralmudde) 's Twitter Profile Photo

बस गडकरी साहब की एक वीडियो आएगी पिछले साल की तरह ठेकदारों के लाइसेंस रद्द कर कार्यवाही वाला बयान देंगे और फिर सब ठीक हो जाएगा ,वर्ल्ड क्लास इंफ्रा बन जाएगा ,लोग ढहते विकास पर सवाल पूछने बंद कर देंगे , PR active हो जाएगा दुबारा हम विश्वगुरु बन जाएंगे ।

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सभी रोगों के मूल में कहीं न कहीं मानसिक तनाव एवं चिन्ता होती है किसी समस्या के कारण। अतः रोगी से जब बात की जाती है तो यह ध्यान रखा जाता है कि उन बातों को न किया जाए जो उसकी मानसिक समस्या हैं किन्तु भारतीय परिवेश में लोग उन्हीं बातों को उखाड़ते हैं बार बार। यह वृत्ति अनुचित है।

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अच्छे होने का अहँकार तोड़े नहीं टूटता, गुरुओं को अधिक परिश्रम करना पड़ता है। सँभवतः ईश्वर ने इसी कारण कुछ न कुछ कमी सबमें ही छोड़ी है ताकि प्रगति सतत रहे।

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जो पुराने गाँव हैं, वह समतल पर नहीं हैं। कहीं ऊँचे हैं कहीं नीचे हैं। बरसात होती है, पानी स्वतः निकलकर चला जाता है। नए निर्माण करते समय लोगों ने निर्माणकार्य में सुन्दरता लाने के लिए समतलीकरण किया, भूमि की संरचना बदली, कहीं भराई की, कहीं से खुदाई अब एक बारिश में तालाब देख लीजिए।

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पुराने शहरों में जाइये देखिए, पुराने बाजार हैं जहाँ जहाँ वहाँ पानी की समस्या शायद ही हो लेकिन जहाँ जहाँ सरकारों ने नए निर्माण करके विकास किया है वह एक ही बारिश में ढेर हो जाता है। विकास प्रकृति के विरुद्ध हो रहा है, तो समझ लीजिए हानि ही करेगा आज नहीं तो कल, होनी तय है।

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हमारे पैतृक गाँव में तीन बड़े तालाब थे, दो छोटे तालाब और एक नरिया - ये सब गाँव के एकदम सटे या अन्दर ही थे। अब सिर्फ दो तालाब बचे हैं, नरिया गाँव के अन्दर से कहीं गायब हो गई, पुल हैं बस। अवैध खनन से वेतवा नदी गहरी हो चुकी है वरना एक बार में भारी बारिश से कभी भी बाढ़ आ जाती।

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अभी भी यदि किसी वर्ष भारी बारिश होती है तो ऊँचाई पर होने के बाद भी बाढ़ आएगी और लोग दोष देंगे प्रकृति को, भगवान का कोप मानेंगे, मानसपाठ करवाएँगे शान्ति के लिए - पर पानी अपना रास्ता अवश्य बनाएगा इसमें दैव क्या करेंगे। आपका अपना कर्म है, फल भुगतो या गलती सुधारो आगे नहीं होगा ये। 😅

°अद्वितीय° (@anupamhb) 's Twitter Profile Photo

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात्, न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम् प्रियं च नानृतम् ब्रूयात्, एष धर्मः सनातन:।।

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बचपन में किसी ने मुझे बताया था कि डेनमार्क में दूध बहुत प्रचुर मात्रा में होता है तो मैं सोचता था वहीं सेटल होऊँगा। 🤣🤣

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जब चंद्रमा के आसपास एक घेरा सा बनता है, इसको पारस (सभा) कहते हैं। दादी कहती थीं कि जब कुछ महत्वपूर्ण होने वाला होता है उससे ठीक पहले ऐसा होता है। अनायास याद आ गया आज ये देखकर 😆

जब चंद्रमा के आसपास एक घेरा सा बनता है, इसको पारस (सभा) कहते हैं। दादी कहती थीं कि जब कुछ महत्वपूर्ण होने वाला होता है उससे ठीक पहले ऐसा होता है। अनायास याद आ गया आज ये देखकर 😆