मृत्यु जब आती है
कोई संकेत नही देती
पल मे हुएं प्राण पखेरू
यह काया मिट्टी की ढेर बनी
यही तो जीवन चक्र है
पुराने वस्त्र को त्यागकर
आत्मा फिर वस्त्र धारण करेगी
इस क्रम का अंत ही हमारा उद्देश्य है
कर्म ही एक मात्र इसका द्वार है
कर्म से ही सभी जीव का होता उद्धार है!
_नीतू🍁
#बज़्म
✨🖤
तुम्हारे प्रेम मे हम निखर सकते थे
बहुत कुछ पा सकते थे पर तुमने
हमे गुमनाम शहर बना डाला
पनपते प्रेम को तहस नहस कर
विरहन सी गोधूलि सांझ
अंधियारे मे सिकुड़ती रात बना डाला
वीरानियां भरी निशानीयां देकर
मुझसे मेरा वजूद छीनकर
सिसकती यादों का हिस्सा बना डाला
_नीतू🍁
#kavita250
✨🖤
कट गई रात इशारों ~ इशारों मे
ना चांँद सो पाया , ना हम
ग़र यह सुबह ना आती
फ़िर ना जाने क्या क़यामत हो जाती
सितारों ने भी देखा वो मंज़र तमाम
खामोशी मे बिखरा इश्क़ का पैगाम
गर रात थोड़ा और ठहर जाती
अधूरी दिल की बात ज़ुबां तक आ जाती ✨🖤
_नीतू🍁
#बज़्म
कुछ यादो को बार बार
तिरस्कार किया गया
उनसे मुंह फेरा गया
फिर भी वो चुपकेसे
वक्त बेवक्त तन्हाई मे
बिखरती रही हृदयआंगन मे!
पलको की कोर से
चुपके से ढुलक जाती
तन को गिला कर
मन को छटपटा जाती
जब भी वो यादे आती
संतापभरी आंधी लाती
उड़ा ले जाती मेरे सब्र को
मुझे खंडित छोड़ जाती
#kavita250
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमां जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना-जाना भूल गए
अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रहता है
#lyrics