अखिलेश यादव : EVM पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था, आज भी नहीं है!
राहुल गांधी : VERY GOOD 👍
दोनों मिलकर EVM का खेल खत्म करेंगे🔥🗳️
#RahulGandhi #AkhileshYadav
चुनाव आयोग पर उठते संदेह केवल एक संस्था पर प्रश्नचिन्ह नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे की जड़ों पर चोट हैं। जब जनता को यह महसूस होने लगे कि जनादेश तय करने वाला मतदान नहीं, बल्कि किसी बंद कमरे की गुप्त गणना है, तो यह लोकतंत्र का सबसे खतरनाक मोड़ होता है। चुनाव आयोग संविधान का
आप लोगों ने हमेशा मनुस्मृति को सिर्फ़ एक ही नज़रिये से देखा है — कि यह महिलाओं के विरुद्ध है।
मैं मानता हूँ कि इसमें महिलाओं से जुड़ी कई बातें गलत हैं, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं।
मैं भी पहले मनुस्मृति का पुरज़ोर विरोध करता था, लेकिन जब मैंने इसकी कई बातों को पढ़ा, तो
हमको पिछले कुछ सालों से यही पढ़ाया जा रहा है कि भारत की life expectancy कम हो गई है,
लेकिन चुनाव आयोग से मिनटों में life expectancy की धज्जियाँ ही उड़ा दीं —
अरे 120 साल के लोग कहाँ हैं? ज़रा बताओ तो सही!
#War2 #votechoriexposed #VoteChor
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष ने जिस तरह संसद से लेकर सड़कों तक विरोध जताया है, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। संसद का सत्र इस समय जारी है और हर एक मिनट की कार्यवाही पर देश के करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। ऐसे में संसद का समय महज़ हंगामे में
लोकतंत्र की रक्षा के लिए अखिलेश यादव ने न केवल अपनी आवाज़ बुलंद की, बल्कि विरोध प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड कूदकर आगे बढ़े। यह कदम सिर्फ़ प्रतीक नहीं, बल्कि सत्ता के दमन के ख़िलाफ़ जनता के हक़ की लड़ाई का संदेश है। उनका यह साहस बताता है कि लोकतंत्र बचाने के लिए नेताओं को सड़कों पर
देश के शिक्षा मंत्री महोदय को लगता है कि उनका विभाग “शिक्षा मंत्रालय” नहीं बल्कि “राजनीति मंत्रालय” है।
स्कूलों और कॉलेजों की हालत सुधरे न सुधरे, पर कांग्रेस पर कटाक्ष रोज़ का पाठ बन चुका है।
अरे मालिक, आपको कुर्सी इसीलिए दी गई थी कि शिक्षा का विकास हो, न कि टीवी डिबेट में
“कहते हैं दिल्ली की सड़कों से कुत्तों को हटाना ज़रूरी है…
जिन गलियों में उन्होंने सालों गुज़ारे, वहीं से बेघर कर देना—ये कैसा इंसाफ़?
सुरक्षा चाहिए, पर करुणा भी ज़रूरी है।
अगर इंसानियत की कीमत पर सुरक्षा खरीदी जाएगी, तो ये सौदा बहुत महंगा पड़ेगा।” 🐶💔
#DogShelter #dogs
यह सिर्फ नक्शे का बंटवारा नहीं था, यह दिलों का भी बंटवारा था, जिसके निशान आज भी पीढ़ियों के लहू में ताज़ा हैं।
#IndependenceDay #IndependenceDay2025 #Independence
संसद में पत्थर कैसे आ गया, पहले तो ये बताओ दीदी।
CRPF तो सेंट्रल के अंडर में आती है और सेंट्रल में आपकी सरकार है, तो CRPF ने पत्थर अंदर लाने कैसे दिया?