धानका समाज आदिवासी है यह है किसी भी वर्ण व्यवस्था में नहीं आता वर्ण व्यवस्था में आने वाली समाज पिढी धर पिढी स्थाई काम था उनके पास हमारे लोग कई प्रकार के काम किया करते थे मुख्य रूप से शिकारी थे और आदिवासी समाज कोई भी हो शुद्ध नहीं है वह केवल प्रकति पूजक समाज है