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calendar_today24-04-2020 18:16:45

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आरती सिंह 🕊️ (@aartee33) 's Twitter Profile Photo

सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना तड़प का न होना सब कुछ सहन कर जाना घर से निकलना काम पर और काम से लौटकर घर आना सबसे ख़तरनाक होता है हमारे सपनों का मर जाना.. #अवतार_सिंह_संधू 'पाश' #पुण्यतिथि💐 #बज़्म_ए_शोअरा✍️ Narpati C Pareek 🇮🇳 @Margrtmacwan Shabnam Sharma @shamashashi1234

सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना
तड़प का न होना
सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना..
#अवतार_सिंह_संधू 'पाश'
#पुण्यतिथि💐
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आरती सिंह 🕊️ (@aartee33) 's Twitter Profile Photo
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हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिए हम लड़ेंगे साथी, ग़ुलाम इच्छाओं के लिए हम चुनेंगे साथी, ज़िन्दगी के टुकड़े..!! #अवतार_सिंह_संधू 'पाश' (1950-1988) #पुण्यतिथि #लेखनी ✍️ Narpati C Pareek 🇮🇳 Margret. Shweta Jha @SaritaaroraS डॉ.पूजा✨ 𝓐 ⚘𝓢

हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिए
हम लड़ेंगे साथी, ग़ुलाम इच्छाओं के लिए
हम चुनेंगे साथी, ज़िन्दगी के टुकड़े..!!

#अवतार_सिंह_संधू 'पाश' (1950-1988)
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Ayam Gila (@shrimaan) 's Twitter Profile Photo

लिखना, ढूंढ कर लिखना और फिर ढूंढ कर अच्छा लिखना में तीसरा वाला सबसे कठिन काम है जिसमे समय और ऊर्जा दोनो लगती है। अगर आप दोस्त लिख नहीं सकते तो कम से कम अजीत भाई जैसे मित्रों की पोस्ट को आगे तो बढ़ा ही सकते हैं।

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इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है (मुनव्वर राना)

CA Bimal Jain (@bimalgst) 's Twitter Profile Photo

"मनुष्य सारा छलकपट और झूठ का जाल, उस भविष्य के लिए बुनता है... जिस भविष्य को वो, ख़ुद लेशमात्र भी नहीं जानता।"

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न जाने क्यूँ, होता है ये ज़िंदगी के साथ अचानक ये मन किसी के जाने के बाद, करे फिर उसकी याद छोटी छोटी सी बात, न जाने क्यूँ....! (योगेश)

न जाने क्यूँ, होता है
ये ज़िंदगी के साथ अचानक
ये मन किसी के जाने के बाद,

करे फिर उसकी याद
छोटी छोटी सी बात,

न जाने क्यूँ....!

(योगेश)
Ajeet Bharti (@ajeetbharti) 's Twitter Profile Photo

अभिनेता-निर्देशक Randeep Hooda जी के साथ चर्चा विषय: 00:00 आरंभ, 03:27 अभिनय का शारीरिक-मानसिक आयाम, 07:38 परिवार-करियर संतुलन, 12:54 निर्देशन का अनुभव, 15:24 बॉलीवुड में ऐसे विषय, 19:59 शोध प्रक्रिया, 26:43 सावरकर और रणदीप का जीवन दर्शन, 30:11 आलोचकों के लिए संदेश, 33:46

Ayam Gila (@shrimaan) 's Twitter Profile Photo

यह दो तस्वीरें बताती हैं कि कुछ लोग अपने काम को पूजा समझते हैं। अगर अक्षय कुमार ने सांठ गांठ कर केसरी ना हथियाई होती तो आप रणदीप को एक अलग रूप में देखते जिसके लिए उन्होंने कई महीनो तक मेहनत की थी। ऐसे कलाकारों से चलते फिरते प्रश्न पूछना उनके काम की बेइज्जती है। आभार अजीत भाई!!!

यह दो तस्वीरें बताती हैं कि कुछ लोग अपने काम को पूजा समझते हैं। अगर अक्षय कुमार ने सांठ गांठ कर केसरी ना हथियाई होती तो आप रणदीप को एक अलग रूप में देखते जिसके लिए उन्होंने कई महीनो तक मेहनत की थी।
ऐसे कलाकारों से चलते फिरते प्रश्न पूछना उनके काम की बेइज्जती है।
आभार अजीत भाई!!!
Sea farer (@world_neptuner) 's Twitter Profile Photo

इस फिल्म को सिनेमा में जाकर ना देखना हम सब का एक अपराध होगा जितना हो सके इस फिल्म को सराहे, बढ़ावा दे, ऐसी फिल्में बनना तो शुरू हो गया, जारी तभी रहेगा जब आप इनके साथ खड़े भी हो 🙏

Indica Today (@indicatoday) 's Twitter Profile Photo

क्या आपको पता है कि #क्रांतिदूत चन्द्रशेखर आज़ाद और #भगतसिंह की पहली मुलाक़ात के पीछे कौन व्यक्ति था? शहीद दिवस के उपलक्ष्य पर डॉ. मनीष श्रीवास्तव जी (Ayam Gila ) का यह लेख अवश्य पढ़े #शहीददिवस #23march #चन्द्रशेखरआज़ाद #क्रांतिदूतशृंखला INDICA indica.today/bharatiya-lang…

Khhaaksaar (@khhaaksaar) 's Twitter Profile Photo

एक बार चले जाते हैं जो  दिन-रात, सुबह ओ शाम वो फिर नहीं आते… ज़िन्दगी के सफ़र में  गुज़र जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते... 21 जुलाई 1930 30 मार्च 2002 #आनंदबक्शी

एक बार चले जाते हैं जो  दिन-रात, सुबह ओ शाम वो फिर नहीं आते…
ज़िन्दगी के सफ़र में  गुज़र जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते...

21 जुलाई 1930
30 मार्च 2002

#आनंदबक्शी
Himanshi Bisht (@himanshi__bisht) 's Twitter Profile Photo

रण अभी भी बाकी है। saket साकेत ಸಾಕೇತ್ 🇮🇳 सर द्वारा लिखी गई इस अद्भुत कविता को जरूर सुने।

Khhaaksaar (@khhaaksaar) 's Twitter Profile Photo

इरफ़ान...! तुमने यहाँ भी जलवा बिखेरा हैं... तुम वहाँ भी जलवे ही बिखेरते होंगे | जलवे बिखेरना फितरत हैं तुम्हारी | "तेरे बिना ज़िन्दगी (सिनेमा) से कोई शिकवा तो नहीं... शिकवा नहीं...! तेरे बिना ज़िन्दगी (सिनेमा) भी लेकिन ज़िन्दगी (सिनेमा) नहीं... ज़िन्दगी (सिनेमा) नहीं...