लाओ मेरे को परमिशन दिला दो मैं खड़े करता हूं 90% वकील मैं लगाता हूं राम जी की प्रतिमा ।
अनिल मिश्रा जी को देश के कोने कोने से भारी समर्थन मिल रहा है ।
#मैं_भी_अनिल_मिश्रा
दो कौड़ी की भाजपा जो 2014 में हिंदूवादी पार्टी बनकर ब्राह्मणों और सवर्णों का वोट लेकर आज दलित दलित करके ब्राह्मणों का विरोध करने के लिए खुलकर सामने आ गई है।
भाजपा ने दिखा दिया कि वह ब्राह्मणों के खिलाफ है।
अब ब्राह्मणों को भी भाजपा को उसकी औकात दिखा देना चाहिए।
अब सुन ले अमित मालवीय और पूरी भाजपा IT सेल तुम्हारे लिए जो भी सवर्ण अपने हक और सम्मान की बात करे,वो सब कांग्रेसी लगते हैं!तो सुन लो हाँ, हम सब वही हैं जो अन्याय के खिलाफ खड़े हैं।
अनिल मिश्रा जी अगर कांग्रेसी हैं,
तो आज पूरा सवर्ण समाज कांग्रेसी है,
क्योंकि अब हमें तुम्हारे झूठे
जब भाजपाई तुमको कांग्रेसी बोलें और
कांग्रेसी तुमको भाजपाई बोलें,
तो समझ लो कि तुम हो "जनरल कैटेगरी"!
वो "जनरल कैटेगरी", जिसके वोट तो सबको चाहिए,
लेकिन जिसके अधिकारों की चिंता किसी को नहीं!!
और रोको पानी! पाँच हजार साल से सताए गए हैं, भगाओ हिन्दुओं को। बिना पानी का आदमी का डीएनए तक पर असर पड़ता है। क्या कहते थे सवर्ण कि तुम कौन हो, अब हम कहते हैं कि अरे तुम कौन हो! जे बिम!
एक ही पार्टी, एक ही समय में प्रखर हिन्दुत्ववादी और अति-अम्बेडकरवादी कैसे हो सकती है? अम्बेडकर की प्रतिज्ञाओं में स्पष्ट रूप से उन देवताओं के अस्तित्व को नकारने की बात कही गई है जिसके मंदिर का आंदोलन उक्त पार्टी की आधारशिला है।
या तो आप राम मंदिर बनवा कर हिन्दुत्व का नारा लगा
"SC/STs who have become rich, politicians, bureaucrats, or judges have reached there because of the Constitution.
SC/STs who are still poor and excluded from the system remain so because of oppression by the general castes"
Logic of every Rich SC/ST