
Nanda Pandey
@write_nanda
love is life
ID: 794827696551456768
05-11-2016 09:04:24
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लेखनी Nanda Pandey *पता है मन की गति को मजबूत तालों से बाँध पाना कितना मुश्किल हो गया है न जाने कब इसके सुनहरे "पर" निकल आये कभी उड़ता है आसमान पर कभी छाने लगता है घने बादलों की तरह तो कभी बरसने लगता है, #नंदा_पाण्डेय Nanda Pandey #जन्मदिन🎂💐 की हार्दिक शुभकामनाएँ! #काव्य_कृति✍️ #काव्य✍🏻

Narpati C Pareek 🇮🇳 Nanda Pandey आरती सिंह अमित🇮🇳 Archana Sharma arora 🇮🇳 @ArunKum65736511 @Arvindhse2 #काव्य_कृति✍️ Malti Vishwakarma Margret. Kuldip Mengi Manoj Kanaujia (Rajak) कभी अपने 'मन' के सतह को टटोलना खोद कर देखना उसकी गहराई में मेरा हर बदलाव अपनी पीड़ा उजागर करता दिखेगा तुम्हें ! महसूसना अपनी स्मृतियों में उपडुप करते मेरे प्यार को तभी जान पाओगे मेरे अंदर के ग्लेशियर का ज्वालामुखी में बदलना ! #नंदा_पाण्डेय #जन्मदिन 🎂🌹 #काव्य_कृति✍🏼 #काव्य✍🏼


आरती सिंह Bimla Verma 🦋 Narpati C Pareek 🇮🇳 Nanda Pandey अमित🇮🇳 Archana Sharma arora 🇮🇳 @ArunKum65736511 @Arvindhse2 #काव्य_कृति✍️ Malti Vishwakarma Margret. Kuldip Mengi Manoj Kanaujia (Rajak) !!..ज्योति ..!! कुछ कहना चाहती थी वो पर न जाने क्यों... 'कुछ' कहने की कोशिश में 'बहुत-कुछ' छूट जाता था, उसका... #नंदा_पाण्डेय #जन्मदिन 🎂💐 #काव्य_कृति ✍🏻 #काव्य ✍🏻 Nanda Pandey

हां!इन दिनों मैं लिख रही हूँ 'प्रेम' बहुत लिख लिया "दर्द" * पर क्या मुझमें कोई परिवर्तन दीखता है तुम्हें मैं तो बस एक समभाव तुम्हारा इंतज़ार करती रहती हूँ तुम आओ,न आओ ★बस कह देना कि आऊँगा★ (अनुभूतियों को ज़ुबाँ देती कविताएँ) ~नंदा पाण्डेय✍️ सुपरिचित कवि #जन्मदिन Nanda Pandey


आज नींद, मेरी आंखों से कोसों दूर है पुरानी डायरियों की धूल को झाड़ कर, कुतरने बैठी हूं रात का तीसरा पहर.... वरिष्ठ पत्रकार, अपराध कथा लेखक व जानेमाने स्टोरी टेलर Sanjeev Paliwal/संजीव पालीवाल से आज सुनिए Nanda Pandey की कविताएं. #poetry #POETRYISNOTDEAD youtu.be/8N8AARgDn1k

प्रेम प्रतीक्षा है... प्रेम विछोह है...! साथ, जब दोनों चले... तो यात्रा उस पार की है..!! ~नंदा पांडेय✍️ Nanda Pandey



पता है मन की गति को मजबूत तालों से बाँध पाना कितना मुश्किल हो गया है न जाने कब इसके सुनहरे "पर" निकल आये कभी उड़ता है आसमान पर कभी छाने लगता है घने बादलों की तरह तो कभी बरसने लगता है, #नंदा_पाण्डेय Nanda Pandey




बांध कर मेरे परों को उसने कहा ! अब, उड़ो और खूब उड़ो... पंख तुम्हारा परवाज तुम्हारी बस ये आसमां! मेरा है ये मत भूलना... .! ~नंदा पांडेय✍️ Nanda Pandey (फेसबुक वॉल से साभार)


अनकही मन की बात अनखुली मन की गाँठ न खुलती है/न बिखरती है बस गुम्फन में बँधी लिपटी रहती है। नन्दा पांडेय Nanda Pandey

एक बंद पड़ी किताब थी वो, जिसने न धूप देखा न वसंत देखा न पूस की रात देखी न पतझड़ के दिन देखे जिसने न झरने देखे न पहाड़ देखा क्योंकि..... किसी ने उसे पढ़ा ही नहीं इस किताब के पन्ने को पलट कर तुमने उसकी जिंदगी पलट दी....! - नंदा पांडेय Nanda Pandey

कुछ चेहरे सोच की शिराओं में ज़ख्म जगाते 😔 नंदा पांडेय Nanda Pandey (फ़ेसबुक वाल से साभार)


एक बंद पड़ी किताब थी वो, जिसने न धूप देखा न वसंत देखा न पूस की रात देखी न पतझड़ के दिन देखे जिसने न झरने देखे न पहाड़ देखा क्योंकि..... किसी ने उसे पढ़ा ही नहीं इस किताब के पन्ने को पलट कर तुमने उसकी जिंदगी पलट दी....! #नंदा Nanda Pandey