@upendrakumarnwd
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calendar_today11-05-2018 10:00:43
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2 months ago
कोई वफ़ा करे तो वफ़ा कीजिये जो वफ़ा ना करे उसे दफा कीजिये
मुहब्बत में उसी से हारा हूं जो कहती थी सिर्फ तुम्हारा हूं शुभरात्रि
नित्य, सतत,परिस्थिति निरपेक्ष ,धेयनिष्ट होकर चलायमान रहने पर ही कोई आलोकित हो सकता है 🌺 ॐ श्री सूर्यनारायण नमः 🌷 राम राम जी
सस्नेह वंदन,सप्रेम चुम्बन,आत्मीय आलिंगन से होते हैं हृदयों का स्पंदन
डूबने वाला तो कुछ देर में डूबेगा, मगर देखने वाला को बहुत जल्दी होता है
सीमित है ज्ञान की भावना कैसे लिखूं शिव की प्रस्तावना 🌺 श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🌷 राम राम मित्र
a month ago
तेरी ख़ामियों से बेपनाह मुहब्बत की मैंने तू मेरी मुहब्बत से भी मुहब्बत कर न सकी शुभरात्रि
तुम लाख कहो जमीं हूं आकाश हूं मैं सच कहूं तो कुछ नही हूं मैं शुभरात्रि
राजनीति का फसल काटने इतने प्रतियोगी हैं कि कृषि प्रधान देश कुर्सी प्रधान हो गया शुभसँध्या
स्वप्न समर्पित, प्रश्न समर्पित आयु का क्षण क्षण समर्पित ।।।। चाहता हूँ मातृभूमि।।। ।।।।। तुझे कुछ और भी दु।।।। 🌺🌺 राम राम जी 🌷🌷
कहती हो खुद को हमराही साथ निभाने वाली भी ऐसे ही बातें करती थी छोड़ कर जाने वाली भी
अगर मालूम होता आपकी याद इतना तड़पायेगी,तो हम दिल जोड़ने से पहले हाथ जोड़ लेते शुभरविवार
दुआ है तुमको चोट ना लगे गिरी हो जो मेरे नजरों से
चलो आज कायनात बाट लेते हैं तुम मेरी बाकी सब तुम्हारी शुभरात्रि
तमाम उम्र जो जीने नही देते वो मरने पर पूछते हैं कैसे मरा
इस कशमकश में जिये जा रहा हूँ मुझे करना था क्या,क्या किये जा रहा हूं थोड़ा था रुकना ,थोड़ा ठहरना मगर दौड़ था, तो चले जा रहा हूँ
श्रद्धामय विस्वास जगाकर,सामाजिक सदभाव बढ़ाये अपने प्रेम परिश्रम के बल, भारत मे नव सूर्य उगाएं जाग रहा है जन,गन,मन निश्चित होगा परिवर्तन
चांद भी तन्हा,रात भी तन्हा,तन्हा हर जज्बात फिर से आपकी याद आ गयी,सुहानी सावन की रात
घड़ी से लाखों महंगा घड़ी का वक्त होता है जो इसकी कद्र करता है उसी का वक्त होता है
मंगलमूर्ति मारुतिनंदन सकल अमंगल मूल निकन्दन