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Rajesh Reddy

@rajeshreddyvb

ID: 2782544160

calendar_today31-08-2014 16:34:37

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कॉलेज के उस रस्ते पर दिन में चाँद निकलता है - राजेश रेड्डी

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ज़ख़्म खाने की कोई उम्र नहीं उम्र के अपने ज़ख़्म होते हैं - राजेश रेड्डी

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मैं सोने का बहाना करके अक्सर सुनता रहता हूं मिरे बारे में जो बातें दर-ओ-दीवार करते हैं - राजेश रेड्डी

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मैंने तो बाद में तोडा था उसे आईना मुझपे हँसा था पहले - राजेश रेड्डी

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इस डर से मैं क़मीज़ कभी झाड़ता नहीं कब जाने आस्तीन से अह़बाब*गिर पड़ें *dost - राजेश रेड्डी

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जहाँ में रौनक़ों की क्या कमी है मगर तेरी गली तेरी गली है

जहाँ में रौनक़ों की क्या कमी है
मगर तेरी गली तेरी गली है
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है मोहलत चार दिन की और हैं सौ काम करने को हमें जीना भी है मरने की तैय्यारी भी करनी है - राजेश रेड्डी

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उम्र बड़ी होती है रोने वालों की गीली लकड़ी जलते-जलते जलती है - राजेश रेड्डी

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हम जी रहे हैं जान ! तुम्हारे बग़ैर भी हर दिन गुज़र रहा है गुज़ारे बग़ैर भी

हम जी रहे हैं जान ! तुम्हारे बग़ैर भी
हर दिन गुज़र रहा है गुज़ारे बग़ैर भी
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बतलाया हमें मौत ने ज़िंदा थे कभी हम होने की ख़बर आई न होने की ख़बर से - राजेश रेड्डी

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बाद मुद्दत के  तुम आए हो तो बैठो भी ज़रा काम आँखों को मिला है कितनी बेकारी के बाद - राजेश रेड्डी

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आस्तीनों का ज़िक्र आते ही जाने कितनों को साँप सूंघ गया - राजेश रेड्डी

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उस छोड़के जानेवाले का यूँ छोड़के जाना बनता था वो शख़्स हमारा था ही नहीं जो शख़्स हमारा बनता था लोगों ने डूबने वाले की क्या ख़ूब मदद की साह़िल से कुछ और इशारा करते रहे कुछ और इशारा बनता था - राजेश रेड्डी

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मेरी ग़ज़ल में किसी बेवफ़ा का ज़िक्र न था न जाने कैसे तेरा तज़किरा निकल आया - राजेश रेड्डी

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है मोहलत चार दिन की और हैं सौ काम करने को हमें जीना भी है मरने की तैय्यारी भी करनी है - राजेश रेड्डी

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छुप जाते हैं गालों पर आए सब आँसू बारिश की बूदें भी कितना काम आती हैं - राजेश रेड्डी چُھپ جاتے ہیں گالوں پر آئے سب آنسو بارش کی بودیں بھی کتنا کام آتی ہیں راجیش ریڈّی