हम बचपन से सुनते आए हैं कि:
जब भी कोई चोर बैंक में चोरी करने जाता है, तो वह सुरंग बनाता है और अक्सर ऐसी चोरी में चौकीदार की चोर से मिलीभगत होती है।
महाराष्ट्र में ऐसा ही एक कांड हुआ है, जिसमें 10 हजार करोड़ की डकैती खुद महायुति सरकार ने कराई है।
ये 10 हजार करोड़ महाराष्ट्र
पहले 'चंदा दो-धंधा लो' की स्कीम चल रही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया।
जब से कोर्ट ने इनकी स्कीम को रोका है, तब से पैसे बटोरने की नई-नई स्कीमें बनाई जा रही हैं।
जब टेंडर निकलते हैं तो उसके कई मापदंड होते हैं, जिन्हें कई गाइडलाइन को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, लेकिन इन
कंस्ट्रक्शन करने में जो प्रति किलोमीटर की लागत बाकि राज्यों और NHAI ने आवंटित किए थे..
महाराष्ट्र में इस लागत को दोगुना कर दिया गया।
सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए महाराष्ट्र के टैक्स देने वालों की जेब से निकालकर कंपनियों को दिए और दूसरे हाथ से उनसे ले लिए।
यह BJP की लूट है।
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