
Govind
@govindevji
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Govind 💐💐💐
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09-02-2022 04:25:09
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Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 नादत्ते कस्यचित्पापं न चैव सुकृतं विभुः। अज्ञानेनावृतं ज्ञानं तेन मुह्यन्ति जन्तवः॥ 🌱 सर्वव्यापी परमेश्वर भी न किसी के पाप कर्म को और न किसी के शुभकर्म को ही ग्रहण करता है, किन्तु अज्ञान द्वारा ज्ञान ढँका हुआ है, उसी से सब अज्ञानी मनुष्य मोहित हो रहे हैं ॥



Young India Speaks 💎🌹भगवदगीता💎🌹 अज्ञश्चश्रद्दधानश्च संशयात्मा विनश्यति। नायं लोकोऽस्ति न परो न सुखं संशयात्मनः॥ 🌱🌻🌱 विवेकहीन और श्रद्धारहित संशययुक्त मनुष्य परमार्थ से अवश्य भ्रष्ट हो जाता है। ऐसे संशययुक्त मनुष्य के लिए न यह लोक है, न परलोक है और न सुख ही है॥



Young India Speaks Sant Shri Asharamji Bapu कहते हैं कि आझादी केवल जश्न नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा और संस्कृति का संरक्षण ही आज़ादी की स्थायी खुशी है। Yuva Sewa Sangh Happy Independence Day #DeshBhaktiYatra


Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते 🌱 क्योंकि यह अलौकिक अर्थात अति अद्भुत त्रिगुणमयी मेरी माया बड़ी दुस्तर है,परन्तु जो पुरुष केवल मुझको ही निरंतर भजते हैं,वे इस माया को उल्लंघन कर जाते हैं अर्थात् संसार से तर जाते हैं॥



Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 युक्तः कर्मफलं त्यक्त्वा शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्। अयुक्तः कामकारेण फले सक्तो निबध्यते॥ 🌱🌻🌱 कर्मयोगी कर्मों के फल का त्याग करके भगवत्प्राप्ति रूप शान्ति को प्राप्त होता है और सकामपुरुष कामना की प्रेरणा से फल में आसक्त होकर बँधता है॥



Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेऽर्जुन। कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगमसक्तः स विशिष्यते॥ 🌻🌱🌻 किन्तु हे अर्जुन! जो पुरुष मन से इन्द्रियों को वश में करके अनासक्त हुआ समस्त इन्द्रियों द्वारा कर्मयोग का आचरण करता है, वही श्रेष्ठ है॥



Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्। कार्यते ह्यवशः कर्म सर्वः प्रकृतिजैर्गुणैः॥ 🌿 निःसंदेह कोई भी मनुष्य किसी भी काल में क्षणमात्र भी बिना कर्म किए नहीं रहता क्योंकि सारा मनुष्य समुदाय प्रकृतिजनित गुणों द्वारा परवश हुआ कर्म करने के लिए बाध्य किया जाता है



Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 ब्रह्मण्याधाय कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा करोति यः। लिप्यते न स पापेन पद्मपत्रमिवाम्भसा॥ 🌱🕉️🌱 जो पुरुष सब कर्मों को परमात्मा में अर्पण करके और आसक्ति को त्याग कर कर्म करता है, वह पुरुष जल से कमल के पत्ते की भाँति पाप से लिप्त नहीं होता॥



Young India Speaks प्रजहाति यदा कामान् सर्वान्पार्थ मनोगतान् आत्मयेवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते 🌿🌻🌿 श्री भगवान् बोले- हे अर्जुन! जिस काल में यह पुरुष मन में स्थित सम्पूर्ण कामनाओं को भलीभाँति त्याग देता है और आत्मा से आत्मा में ही संतुष्ट रहता है, उस काल में वह स्थितप्रज्ञ कहा जाता है



Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः। वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते॥ 🌱🌻🌱 दुःखों की प्राप्ति होने पर जिसके मन में उद्वेग नहीं होता, सुखों की प्राप्ति में सर्वथा निःस्पृह है तथा जिसके राग, भय और क्रोध नष्ट हो गए हैं, ऐसा मुनि स्थिरबुद्धि कहा जाता है॥


Young India Speaks 🌹💎भगवदगीता💎🌹 यः सर्वत्रानभिस्नेहस्तत्तत्प्राप्य शुभाशुभम्। नाभिनंदति न द्वेष्टि तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता॥ 🌱🌻🌱 जो पुरुष सर्वत्र स्नेहरहित हुआ उस-उस शुभ या अशुभ वस्तु को प्राप्त होकर न प्रसन्न होता है और न द्वेष करता है, उसकी बुद्धि स्थिर है॥
