जुगुल किशोर बुन्देला IPS- सावधान भारत (@ipsjkishore08) 's Twitter Profile
जुगुल किशोर बुन्देला IPS- सावधान भारत

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ऋग्वेद के अनुसार जो अनाज खेतों मे पैदा होता है, उसका बंटवारा- 1- जमीन से चार अंगुल भूमि का मनुष्यों का 2- गेहूं के बाली के नीचे का पशुओं का, 3- पहली फसल की पहली बाली अग्नि की, 4- बाली से गेहूं अलग करने पर मूठ्ठी भर दाना पंछियो का, 5- गेहूं का आटा बनाने पर मुट्ठी भर आटा चीटियों

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इस संसार में अनेक प्रकार के पुण्य और परमार्थ हैं। शास्त्रों में नाना प्रकार के धर्म अनुष्ठानों का सविस्तार विधि विधान है और उनके सुविस्तृत महात्म्यों का वर्णन है। दूसरों की सेवा सहायता करना पुण्य कार्य है, इससे कीर्ति आत्म संतोष तथा सद्गति की प्राप्ति होती है। पर इन सबसे बढ़ कर

इस संसार में अनेक प्रकार के पुण्य और परमार्थ हैं। शास्त्रों में नाना प्रकार के धर्म अनुष्ठानों का सविस्तार विधि विधान है और उनके सुविस्तृत महात्म्यों का वर्णन है। दूसरों की सेवा सहायता करना पुण्य कार्य है, इससे कीर्ति आत्म संतोष तथा सद्गति की प्राप्ति होती है।
पर इन सबसे बढ़ कर
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जीवन के युद्ध तो अर्जुन की तरह स्वयं ही लड़ने और जीतने होते हैं। ईश्वर सारथी से ज्यादा भूमिका नहीं निभा सकते हैं |

जीवन  के  युद्ध  तो अर्जुन की तरह स्वयं ही लड़ने और जीतने होते हैं।
ईश्वर सारथी से ज्यादा भूमिका नहीं निभा सकते हैं |
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#जिंदगीकीकहानी - टॉल्सटॉय की प्रसिद्ध कहानी है कि एक आदमी के घर एक संन्यासी मेहमान हुआ। रात गपशप होने लगी; उसने कहा कि तुम यहाँ क्या छोटी-मोटी खेती में लगे हो साइबेरिया में मैं यात्रा पर था तो वहाँ जमीन इतनी सस्ती है समझो मुफ्त ही मिलती है। तुम यह जमीन छोड़-छाड़कर, बेच-बाचकर

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जब समस्याओं पर ध्यान लगाएंगे तो लक्ष्य दिखना बंद हो जायेगा और जब लक्ष्य पर ध्यान लगाएंगे तो समस्याएं दिखना बंद हो जाएंगी। इसलिए केवल लक्ष्य पर ध्यान दें, कुछ भी प्राप्त करना असंभव नही।

जब समस्याओं पर ध्यान लगाएंगे तो लक्ष्य दिखना बंद हो जायेगा और जब लक्ष्य पर ध्यान लगाएंगे तो समस्याएं दिखना बंद हो जाएंगी। इसलिए केवल लक्ष्य पर ध्यान दें, कुछ भी प्राप्त करना असंभव नही।
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बेटियां ऐसा उपचार सीख जाय तो धूर्त कुछ भी गलत करने से पहले 100 बार सोचें।

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सूर्य और चन्द्रमा के मध्य कोई तुलना नही, जब जिसका वक्त आता है चमकता है ।

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हम लोग इस मासूम के परिजनों तक सूचना पहुचाने के लिए सोशलमीडिया के हर प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें। सादर अनुरोध

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जैसे हर रास्ते पर कुछ न कुछ परेशानी होती है, वैसे ही हर परेशानी से निपटने का कोई न कोई रास्ता भी होता है।

जैसे हर रास्ते पर कुछ न कुछ परेशानी होती है, वैसे ही हर परेशानी से निपटने का कोई न कोई रास्ता भी होता है।
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ऐसे संदेश वॉयरल किये जाने चाहिए । इस माध्यम का कुछ तो सकारात्मक उपयोग करें । आपत्तिजनक भाषा, चित्र तो भेजने में सब बहुत आगे हैं।

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चारणों की इतिहास में कभी प्रशंसा नहीं हुई और न ही उन्हें कभी सम्मान का पात्र समझा गया। इसके विपरीत कवियों को तो ब्रह्म तक की संज्ञा दी गई। कारण- चारण संसारी पुरुष को ही सब कुछ मानकर भक्ति में लीन होता है। वह उसे ही राष्ट्र, उद्धारक, अंतिम आशा मानकर घोर अज्ञान में पड़ा तारीफ

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व्यंग है कि- "मातृ भाषा, राष्ट्र भाषा, राज भाषा सब तो है, बस जरा व्यवहार मे हिंदी नही तो क्या हुआ ?" #हिंदी

व्यंग है कि-
"मातृ भाषा, राष्ट्र भाषा, राज भाषा सब तो है,
बस जरा व्यवहार मे हिंदी नही तो क्या हुआ ?"
#हिंदी
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आज यह व्यंग इसलिए भी लिखना पड़ा कि प्रातः पूजा मे बैठने पर भृत्य ने बोला कि तुलसी की पत्ती तोड़नी है ? तब हमने कहा कि नहीं आज एकादशी है और एकादशी तथा रविवार को तुलसी पत्ती नही तोड़ी जाती है। इस पर श्रीमानजी बोले रविवार मतलब सन्डे ? हमने कहाँ हमे नही ज्ञात था कि आपकी शिक्षा

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आत्मविश्वास पूर्णता से बेहतर है क्योंकि पूर्णता का अर्थ है सर्वश्रेष्ठ करना, लेकिन आत्मविश्वास का अर्थ है यह जानना कि सबसे बुरे को कैसे संभालना है।

आत्मविश्वास पूर्णता से बेहतर है क्योंकि पूर्णता का अर्थ है सर्वश्रेष्ठ करना, लेकिन आत्मविश्वास का अर्थ है यह जानना कि सबसे बुरे को कैसे संभालना है।
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इन्सान का वजन सिर्फ तोलने से ही नहीं अपितु कई बार उसके लिखने और बोलने से भी मालूम हो जाता है।