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Mukesh Kumar Sinha

@tweetmukesh

Poet | Blogger | Editor | Gardening | Cooking प्रकाशन: हमिंगबर्ड | ...है न ! (कवितासंग्रह) | लाल फ्रॉक वाली लड़की(लप्रेक)| संपादन: 8 साझासंग्रह | संस्थापक: गूंज

ID: 243593985

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Kaavyapedia (@kaavyapediaa) 's Twitter Profile Photo

••• बेशक दूरियाँ हों, पर सामानांतर रेखाओ में बनाए रखना साथ ताकि उम्मीद तो रहे कि मिलेंगे अनंत पर ! - मुकेश कुमार सिन्हा Mukesh Kumar Sinha

गूँज (@goonjabhivyakti) 's Twitter Profile Photo

सुख की अंगनाईयाँ होती हैं बड़ी विस्तृत... हम कई कई चारपाईयाँ डाल इसको, उसको सबको कर सकते हैं आमंत्रित दुख का कमरा बड़ा संकीर्ण है जहाँ अपना भी गुज़ारा नहीं होता - बुशरा तबस्सुम Bushra Tabassum

गूँज (@goonjabhivyakti) 's Twitter Profile Photo

मुझे मेरे हिस्से आई काली अंधेरी रातों से कोई शिकायत नहीं ये अंधेरी रात ही मुझे उजाला ढूंढने के लिए प्रेरित करती रही। गुरु पूर्णिमा - जुली सहाय

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गुरु एक उपस्थिति नहीं, एक पूर्णिमा हैं। - रश्मि प्रभा

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तेरे लब से सुना तो चला पता मेरा नाम कितना हसीन है । - प्रियंका ओम Priyanka Om

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उसने कहा - "मेरी उम्मीद हो तुम..." मैंने कहा हर थ्योरी की तरह शायद तुम भी कभी सिद्ध, कभी अपूर्ण रहो, पर मेरे ब्रह्मांड की एकमात्र सम्भावना हो तुम!

गूँज (@goonjabhivyakti) 's Twitter Profile Photo

अम्मा जरा देख तो ऊपर चले आ रहे हैं बादल । गरज रहे हैं बरस रहे हैं दिख रहा है जल ही जल।। हवा चलरही क्या पुरवाई झूम रही डाली डाली । ऊपर काली घटा घिरी है नीचे फैली हरियाली ।। भीग रहे हैं खेत, बाग, बन, भीग रहे हैं घर आंगन । बाहर निकलूं मैं भी भीगू चाह रहा है मेरा मन ।। - दिनकर

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कविताएँ सारी बची रहेंगी अगर मैं उन्हें चाँद पर रख दूँ या फिर तुम्हारे मन में। - राकेश रोहित Rakesh Rohit

@काव्य_रस (@kavya_ras) 's Twitter Profile Photo

काश, जिंदगी के किसी पन्ने पर होता उसके प्रेम का हस्ताक्षर ! ठीक वैसे ही जैसे जज साहिबा ने कलम तोड़ते हुए अंतिम निर्णय किया हो सुरक्षित कि "हैंग हिम टिल डेथ!!" ~मुकेश कुमार सिन्हा Mukesh Kumar Sinha

काश, 
जिंदगी के किसी पन्ने पर 
होता उसके प्रेम का
हस्ताक्षर !

ठीक वैसे ही 
जैसे जज साहिबा ने
कलम तोड़ते हुए 
अंतिम निर्णय किया हो 
सुरक्षित कि
"हैंग हिम टिल डेथ!!"

~मुकेश कुमार सिन्हा 
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मेरी अकविताएँ' प्रेम में विदेही रही । अतः मेरी हथेली के ठीक मध्यबिंदु में रचा, मेहँदी का फूल रहा एक विराट 'शून्य' । - सुनीता सिंह

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बेहिसाब, नाक़ाम मिन्नतों और मन्नतों ने ये सिखाया कि मौत और मुहब्बत मांगने से नहीं मिला करती!! - सारिका भारद्वाज

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आईने की तरह....पेश आता है, मैं खुश रहूँ तो वो मुस्कुराता है ! ~ सरिता त्रिवेदी sarita trivedi 'Nirjhara

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हाथों से पढ़ा था तुम्हारी उंगलियों का स्पर्श, जैसे ब्रेल में लिखी हो कोई प्रेमकथा। आँखें नहीं, दिल देखता रहा उस दिन।

हाथों से पढ़ा था
तुम्हारी उंगलियों का स्पर्श,
जैसे ब्रेल में लिखी हो
कोई प्रेमकथा।
आँखें नहीं,
दिल देखता रहा उस दिन।
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इस बार रेन लिली, अपने उगने की ख़ुशी में तीसरी बार मुस्काई। तीसरी बार, मानसून के बरसने पर, बादलों से हाथ मिलाते हुए मेरे पौधों ने कहा "पधारो म्हारो देश!" तीसरी बार, मैंने भी मुस्कराकर कहा "लिली, तुम वाक़ई बेहद खूबसूरत हो !" #terracegarden #rainlily

इस बार रेन लिली,
अपने उगने की ख़ुशी में
तीसरी बार मुस्काई।

तीसरी बार,
मानसून के बरसने पर,
बादलों से हाथ मिलाते हुए
मेरे पौधों ने कहा 
"पधारो म्हारो देश!"

तीसरी बार,
मैंने भी मुस्कराकर कहा 
"लिली, तुम वाक़ई बेहद खूबसूरत हो !"
#terracegarden #rainlily
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अगले जन्म मैं तुम्हें प्रेयसी नहीं भिक्षुणी बनकर मिलूँगी एकदम खाली हाथ  मैंने मुट्ठी भर-भर तुम्हें जो सर्वस्व दिया है क्या तब तुम अंजुरी भर डालोगे मेरी झोली में ? - समृद्धि l कविता-ख़ोर

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"थामे रहने और छोड़ देने के बीच का संतुलन है जीवन।" ~ रूमी

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मैने सदैव बनाए रखी हमारे मध्य एक सीमित दूरी कांच की एक दीवार जितनी चिलचिलाती धूप में तुम्हारी परछाई का सहारा ले तय कर लिया मैने मीलों का सफ़र तुम चलते रहे मुझे अपनी नज़रों से थामकर तुमसे सीखा प्रेम की सरहदों के पार से भी बखूबी निभाया जा सकता है प्रेम • प्रियांशी प्रियांशी जायसवाल

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मुस्कुराने की वजह तुमको मान रखा है जबसे हाथ तेरे हाथों में रखा है! - नीरजा बसंती