मिलिए जैन साहब से।
ये अकेले ही, 4-5 देशों के राजदूत थे।
इनके पास आलीशान दूतावास भवन था, 4-5 लग्जरी गाड़ियां थीं, जिन पर diplomatic number plates लगे हुए थे।
लाखों- करोड़ों में खेल रहे थे।
लेकिन UP STF की नजर पड़ गई। हर्षवर्धन जैन का खेल बिगड़ गया।
जैन जी का पूरा