नेता के तौर पर बहुत सी चालाकियाँ हो सकती हैं इनमें लेकिन एक छात्र नेता के तौर पर तुलनात्मक रूप से इतनी तथ्यात्मक बात निर्मल चौधरी अपने पूरे कार्यकाल तक में नहीं कर पाए और न ही किसी उचित प्लेटफ़ॉर्म पर उठा पाये।
जिसका बहुत बड़ा कारण वह अपने शुरुआती दिनों से ही हवाबाज़ी और लड़ाई