Sajnath Singh (@sajnaths61805) 's Twitter Profile
Sajnath Singh

@sajnaths61805

#tribalsociety

ID: 1915684965418688512

calendar_today25-04-2025 08:31:19

70 Tweet

88 Followers

143 Following

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

हमारे माननीय स्वशासी परिषद् ,लातेहार के सदस्यगण से अपील है। जो अपने क्षेत्रों में बस पड़ाव , पशु मेला/ ग्राम बजार और बालू घाटों का रसीद निर्गत करने के लिए अपने क्षेत्र के आदिवासियों और मूलवासियों से संवाद कर स्थानों सुचिबद्ध विवरण तैयार करें। जिससे इनका रेवेन्यू के लिए रसीद जारी

हमारे माननीय स्वशासी परिषद् ,लातेहार के सदस्यगण से अपील है। जो अपने क्षेत्रों में बस पड़ाव , पशु मेला/ ग्राम बजार और बालू घाटों का रसीद निर्गत करने के लिए अपने क्षेत्र के आदिवासियों और मूलवासियों से संवाद कर स्थानों सुचिबद्ध विवरण तैयार करें। जिससे इनका रेवेन्यू  के लिए रसीद जारी
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

हमारे देश या राज्य में जितने भी लोकसभा सदस्य और विधानसभा सदस्य हैं। अगर वे संविधान के प्रावधानों के विरूद्ध कार्य कर रहे है। तो संवैधानिक पदों से हटाने के लिए आम लोगों को न्यायालय में जाना चाहिए।

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के द्वारा 29 जुलाई 2024 को JPRA 2001 को झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में निरस्त कर समान्य पंचायत को समाप्त कर झारखंड सरकार को परमादेश दिया कि संसदीय अधिनियम PPESA 1996 का नियमावली बनाकर दो माह के अंदर लागू करें। माननीय उच्च न्यायालय के परमादेश के एक

माननीय झारखंड उच्च न्यायालय के द्वारा 29 जुलाई 2024 को JPRA 2001 को झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में निरस्त कर समान्य पंचायत को समाप्त कर झारखंड सरकार को परमादेश दिया कि संसदीय अधिनियम PPESA 1996 का नियमावली बनाकर दो माह के अंदर लागू करें।

माननीय उच्च न्यायालय के परमादेश के एक
Sajnath Singh (@sajnaths61805) 's Twitter Profile Photo

आदिवासी बुद्धिजीवी मंच और अनुसूचित क्षेत्रों के मान्यता प्राप्त ग्राम प्रधानों के संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में एक असाधारण बैठक विषय: माननीय झारखण्ड उच्च न्यायाल राँची के द्वारा दिनांक 29 जुलाई 2024 को संसदीय अधिनियम PPESA, 1996 के प्रावधानों के सुसंगत नियामवली बनाने पर चर्चा

आदिवासी बुद्धिजीवी मंच और अनुसूचित क्षेत्रों के मान्यता प्राप्त ग्राम प्रधानों के संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में एक असाधारण बैठक
विषय: माननीय झारखण्ड उच्च न्यायाल राँची के द्वारा दिनांक 29 जुलाई 2024 को संसदीय अधिनियम PPESA, 1996 के प्रावधानों के सुसंगत नियामवली बनाने पर चर्चा
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

इतिहास गवाह है ! जिसका राज होता है ,उसका समाज और धर्म बचता है। इसलिए राज/राज्य करने के लिए लड़ना चाहिए। जिससे समाज और धर्म को बचाया जा सकें। अब हमारी मान-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई आमजनों तक पहुंच चुका है। #जय_संविधान

इतिहास गवाह है ! 
जिसका राज होता है ,उसका समाज और धर्म बचता है। इसलिए राज/राज्य करने के लिए लड़ना चाहिए। जिससे समाज और धर्म को बचाया जा सकें।
अब हमारी मान-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई आमजनों तक पहुंच चुका है।
#जय_संविधान
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

मैम!रूढ़िजन्य और परंपरा किसे कहते है ? क्या से सिर्फ आदिवासियों के लिए के लिए लागू होता है ? आपने कुंभ में नहाने गई हैं और आप हरियाणा के एक भूमी हार जाति से हिंन्दु पंरपरा से विवाह किए हैं ,तो आप आदिवासी समुदाय के रीति- रिवाज के अनुसार आदिवासी से बाहर हो गई हैं। अब आप अपने घर कि

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

Nesha Oraon 🇮🇳 हां मैम! मैं विषयांतर नही हुआ हूं। आपके लेख का एक-एक पंक्तियों का जबाब है। हां ये बात मैं स्वीकार करता हूं , कि आपके व्यक्तिगत जीवन का उल्लेख किया। लेकिन जिस प्रकार आप हमारे झारखंड में हमारे अनुसूचित क्षेत्र के संवैधानिक प्रावधानों के विरूद्ध कार्य कर रही थी। हमारे लोगों आपने

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

Nesha Oraon 🇮🇳 Ashish Savita मैडम! आप सिर्फ लोगों को कन्फ्युज करना कर्तव्य समझती है। आप फिर से लोगों को कन्फ्युज कर रही है। मैं हमारे समुदाय के रूढ़िजन्य परंपरा को बतला रहा हूं। कि अगर हमारे समुदाय की बेटी गैर आदिवासी से विवाह करती है। तो वह हमारे से बहिष्कृत हो जाती है। यही हमारे समुदाय की परंपरा रही

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

अब माननीय उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के पांच वरिष्ट IAS अधिकारियों को बहुत ही गंदे तरीके से डाटा है। 45 मिनट की बहस में 30 मिनट डाटने में समय बीत गया। अब झारखंड के वरिष्ट अधिकारियों को चुल्लूभर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए। माननीय उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 06 सितंबर 2025

अब माननीय उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के पांच वरिष्ट IAS अधिकारियों को बहुत ही गंदे तरीके से डाटा है। 45 मिनट की बहस में 30 मिनट डाटने में समय बीत गया।

अब झारखंड के वरिष्ट अधिकारियों को चुल्लूभर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए।

माननीय उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 06 सितंबर 2025
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

Gurpreet Garry Walia अब माननीय उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के पांच वरिष्ट IAS अधिकारियों को बहुत ही गंदे तरीके से डाटा है। 45 मिनट की बहस में 30 मिनट डाटने में समय बीत गया। माननीय उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 06 सितंबर 2025 तक लागू करने का एक और समय दिया है। अन्यथा प्रत्येक दिन का स्पष्टीकरण लिखित

<a href="/garrywalia_/">Gurpreet Garry Walia</a> अब माननीय उच्च न्यायालय ने झारखंड सरकार के पांच वरिष्ट IAS अधिकारियों को बहुत ही गंदे तरीके से डाटा है। 45 मिनट की बहस में 30 मिनट डाटने में समय बीत गया।

माननीय उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 06 सितंबर 2025 तक लागू करने का एक और समय दिया है। अन्यथा प्रत्येक दिन का स्पष्टीकरण लिखित
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

पांचवी अनुसूची के दस राज्य हैं। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में शांती और स्वच्छ प्रशासन की परिकल्पना की गई है। लेकिन दस राज्य में गरीबी , अशिक्षा ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। इन्ही समस्याओं से समाज को बाहर निकालने के लिए संसदीय अधिनियम PPESA 1996 बनाया गया है। जो किसी भी

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

#09_अगस्त_विश्व_आदिवासी_दिवस मनाने का उद्देश्य एकत्रित होकर अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना। आदिवासी समुदाय विभिन्न क्षेत्रों में बाहरी आक्रमणकारियों के कारण अपने समुदाय से खंडित हुए। फिर भी उन्होनें अपने संघर्ष को जारी रखा। जब सभी क्षेत्रों में

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

P.L. Bunkar विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! आदिवासी संस्कृति और विरासत को संजोए रखें। 🌿🙏 #जोहार #JaiBhim

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

जबरा पहाड़िया यानि तिलका मांझी के संघर्ष के समय Daminico act. 1764 में दामिन -ई- कोह क्षेत्र में यहां के आदिवासियों को 🌏 मालीकाना हक दिया गया। 🏹जबरा पहाड़िया ने अंग्रेज अधिकारी क्लीवलैंड के सिने में तीर मार कर मौत के घाट उतार दिया था। अपने संघर्ष को लोहा मनवाया। हमारे पूर्वज

जबरा पहाड़िया यानि तिलका मांझी के संघर्ष के समय Daminico act. 1764 में दामिन -ई- कोह क्षेत्र में यहां के आदिवासियों को 🌏 मालीकाना हक दिया गया।

🏹जबरा पहाड़िया ने अंग्रेज अधिकारी क्लीवलैंड के सिने में तीर मार कर मौत के घाट उतार दिया था।
अपने संघर्ष को लोहा मनवाया। हमारे पूर्वज
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

वीर बुद्धु भगत कुडुख /उरांव समुदाय में रांची के चांन्हो प्रखंड के सिलागाई गांव में जन्म लिए। इन्होने अपने आदिवासियों गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण देकर अपने #पारंपारिक_स्वशासन_व्यवस्था के लिए कई विद्रोह आन्दोलन किए। इनके संघर्षरत आन्दोलन के समय इन्होने अंग्रेज अधिकारी विलकिंसन को

वीर बुद्धु भगत कुडुख /उरांव समुदाय में रांची के चांन्हो प्रखंड के सिलागाई गांव में जन्म लिए।

इन्होने अपने आदिवासियों गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण देकर अपने #पारंपारिक_स्वशासन_व्यवस्था के लिए कई विद्रोह आन्दोलन किए।

इनके संघर्षरत आन्दोलन के समय इन्होने अंग्रेज अधिकारी विलकिंसन को
Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

P.L. Bunkar विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! आदिवासी संस्कृति और वीरता को सलाम! 🏹🙏 #विश्व_आदिवासी_दिवस

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

भारत के अनुसूचित क्षेत्रों में भूमी अधिग्रहण के द्वारा जमीन की लूट फिर विस्थापन ,गरीबी ,बेरोजगारी जैसे समस्या आदिवासियों और मूलवासियों के बीच अधिकतर समस्या उत्पन्न हुई है। जिसका समाधान सिर्फ संसदीय अधिनियम PPESA 1996 से संभव है। इसलिए लोग लोग इसे जाने समझे और अपने समस्याओं का

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

सूर्य नारायण हांसदा झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र पाकुड़ के बोआरी जोरी क्षेत्र से आते थे। इसलिए उन्होने अपने अधिकार के तहत् बेहतर स्कूल, स्वास्थ्य,रोजगार , व्यवस्था की मांग और असंवैधानिक खनन पर रोक लिए संघर्षरत दिखाई देते है। जिसे संसदीय अधिनियम PPESA 1996 पूरा करती है। लेकिन

Vivek Kumar✨ (@akurkhar) 's Twitter Profile Photo

स्व० सूर्य नारामण हांसदा ने दो बार JVM से एक बार BJP से और एक बार JLKM पार्टी से विधान सभा सदस्य के लिए चुनाव में भाग लिए और संतोष जनक वोट लाकर दो-दो बार दूसरे स्थान पर आकर अपना मजबूत इरादों और समर्थकों से परिचीत करवाया। वह एक विधालय भी चलाते दिखाई देते हैं, जिसमें लगभग 300