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sachin parasar

@sachinparasar

Husband, father and Nationalist
जिस धज से कोई मकतल से गया,
वो शान सलामत रहती है.
ये जान तो आनी जानी है,
इस जान की कोई बात नहीं.

ID: 82282592

calendar_today14-10-2009 05:15:24

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डसा गया हूं मैं मगर इलाज जानता हु, ये सांप है तो मेरी ही आस्तीन के पाले हुए

indic bull (@indicbull) 's Twitter Profile Photo

अर्धनारीश्वर शिव (चेतना) और शक्ति (ऊर्जा) यह स्वरूप सिखाता है कि पूर्णता का सार संतुलन और समन्वय में निहित है। यह लिंग से परे जाकर समस्त द्वैत का अद्वैत स्वरूप प्रकट करता है। साधक के लिए अर्धनारीश्वर आंतरिक सामंजस्य का संदेश देता है—स्थिरता और गतिशीलता, अंतर्ज्ञान और क्रिया

Sonaxi Mishra (@sonaximishra) 's Twitter Profile Photo

Nationalism is only for middle and lower classes. Rich and powerful spoon feed the facade of patriotism in garb of keeping ppl disillusioned from reality and how they are ripping us of. If you feel this post has to do with India Pak match and sony sports’ new ad. you r right.

Thor Odinson (@thor_odinson130) 's Twitter Profile Photo

धोखे मै मत आना हिन्दुओं,अगर भारत हारा तो इन्हीं लोगों के घर के आंगन से पटाखों की आवाज आएगी!😏

Sonu Bhaskar (@drsonubhaskar) 's Twitter Profile Photo

🛕🪷 English translation Follows the Hindi Text 🪷🛕 मुझे आज भी याद है, मेरी दिवंगत दादी “चोर चाँद” 🌙 (चंद्र चतुर्थी) का व्रत करती थीं। हमारे मिथिला के आँगन में यह दिन भक्ति की एक लय में बीतता था - उपवास, प्रसाद की तैयारी, धीमे स्वर में की गई प्रार्थनाएँ। जैसे ही संध्या ढलती,

🛕🪷 English translation Follows the Hindi Text 🪷🛕

मुझे आज भी याद है, मेरी दिवंगत दादी “चोर चाँद” 🌙 (चंद्र चतुर्थी) का व्रत करती थीं।

हमारे मिथिला के आँगन में यह दिन भक्ति की एक लय में बीतता था - उपवास, प्रसाद की तैयारी, धीमे स्वर में की गई प्रार्थनाएँ।

जैसे ही संध्या ढलती,
indic bull (@indicbull) 's Twitter Profile Photo

माँ धूमावती का सच्चा स्वरूप एक साधक था। वह संसार से विरक्त होकर, रात्रियों में श्मशान के प्रचंड मौन में बैठता, मंत्रजप करता। उसके मन में देवी धूमावती की छवि केवल भय और विरक्ति से जुड़ी थी। वह कल्पना करता, “माँ धूमावती—मटमैले वस्त्र, बिखरे केश, अजीब से प्रतीक।” वह मानता था कि

माँ धूमावती का सच्चा स्वरूप 

एक साधक था। वह संसार से विरक्त होकर, रात्रियों में श्मशान के प्रचंड मौन में बैठता, मंत्रजप करता। उसके मन में देवी धूमावती की छवि केवल भय और विरक्ति से जुड़ी थी।

वह कल्पना करता, “माँ धूमावती—मटमैले वस्त्र, बिखरे केश, अजीब से प्रतीक।”

वह मानता था कि
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books.google.com/books/about/Ma… A must read book An eye -opener. The book brilliantly exposes the deep-rooted corruption in our system & sheds light on the atrocities faced by Hindu society. #MainBhiChowkidar #EyeOpener

sachin parasar (@sachinparasar) 's Twitter Profile Photo

#कर्मा #महोत्सव #झारखण्ड प्रकृति और समुदाय को समर्पित "करमा " की शुभकामनाये

Shaqib Ali (Shia) (@alia84844911) 's Twitter Profile Photo

Asaduddin Owaisi का नाम इस लिस्ट में न होने से बकरों की असली प्रजाति गुस्से में है भारी रोस है

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अनन्तसंसारमहासमुद्रे मग्नं समभ्युद्धर वासुदेव। अनन्तरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते अनंत चतुर्दशी की शुभकामनायें, भगवान विश्व का कल्याण करें

अनन्तसंसारमहासमुद्रे मग्नं समभ्युद्धर वासुदेव। अनन्तरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते

अनंत चतुर्दशी की शुभकामनायें,
भगवान विश्व का कल्याण करें