तितीर्षु: बसंत, बयार और बेला' 🧡🍁🕊 (@manish_aftab143) 's Twitter Profile
तितीर्षु: बसंत, बयार और बेला' 🧡🍁🕊

@manish_aftab143

फ़रीदा काली मैडी कमली काला मैडा वेस
गुनही भर्या मैं फिरां लोक कैहन दरवेस ~ बाबा गंजशकर फ़रीद❣️

ID: 858902708153049088

calendar_today01-05-2017 04:35:38

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शाम होती है तो याद आती है सारी बातें वो दोपहरों की ख़मोशी वो हमारी बातें आँखें खोलूँ तो दिखाई नहीं देता कोई बंद करता हूँ तो हो जाती हैं जारी बातें कभी इक हर्फ़ निकलता नहीं मुँह से मेरे कभी इक साँस में कर जाता हूँ सारी बातें अहमद मुश्ताक़

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मेरी आँखों में रतजगा नहीं, बल्कि जुगनुओं की प्रार्थनाओं की शुभ्रता क़याम करती है.... 🕊🕊🕊

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मेरी उनींदी आँखों में घूमर करती धरती की अनुगूँज प्रार्थनाओं की छरहरी नाटी है... 🌺🌺🌺

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न‌ हमने फ़क़ीर सा गदाई की न दयार-ए-यार में मुहब्बत की भीक माँगी फ़क़त रांझा जोगी सा सौदाई हैं हीर की मोहब्बत के सदक़ा ~ इब्न-ए-इश्क़❣️ #शिवआफ़्ताब

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मेरे अंतस ख़ामोश सिसकियों में डूबता है और मैं थपकियों की ताल पे लोरी सुनाता हूँ.... 🤍🤍🤍

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प्यार!❣️ये अवधूत शिवरंजनी' तुम्हारे प्रेम पारिजात पे बसर करता पखेरू है- जो इसकी सुगंध में प्रेरणा पाकर नूतन सुब्ह के वास्ते दरख़्शाँ-आफ़्ताब' है... 🕊🌺🙌

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सृजन, ईश्वर के मुंह में उपजी अक्ल दाढ़ के वास्ते उस औषधि का अमिय निर्मित करना है, जिसके रसास्वादन में कड़वाहट नहीं बल्कि शहद का मिठास हो‌वे। और इसकी खोज तईं आकुल प्रेमी कवि हृदय स्थितप्रज्ञ होकर सृष्टि की यात्राएँ करते हैं ताकि ईश्वरीय पीड़ा का निदान प्राप्य: ‌हो।🙌 ~शिवरंजनी❣️

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हे प्रेम करने वाले हृदयो!❣️ की तुम्हारी आँखों के समंदर‌ में हमेशा इतना नमक शेष होना चाहिए कि जब अल-सुब्ह का दरख़्शाँ-आफ़्ताब मशरिक़ के सदक़ा प्राची पे रौशनाई होवे, तो जीवन के हाट बाज़ार में शुभ्रता क़ाएम होवे। और हर-सू पुर-नम आँखों के गौहर सादा-दिली का सरमाया होवें🕊 ~ शिवरंजनी❣️

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हे माँ शारदे❣️की तुम्हारा ये अबोध बालक कृतकृत्य है, शाश्वत आभारी है, अनुरागी है; जब तुम मुझ चंचल, अबोध को अपने अंक में बिठा कर, अपनी हाथों में मेरा हाथ समेटे,मेरी अँगुलियों में रोशनी की कूची थमाये,नटखट बालक की भाँति श्वेत पन्नों की आत्मा पे शिवोऽहम् की वर्णमाला लिखवाया करती हो‌🙌