📢 क्या यह न्याय है?
2 जुलाई, भगवान नेमिनाथ के मोक्ष कल्याणक पर, हमें गिरनार की 5वीं टोंक तक जाने नहीं दिया गया — जबकि कोर्ट का आदेश साफ़ है।
हम शांतिप्रिय हैं, पर क्या हमारी आस्था का अपमान जायज़ है?
हमारी पूजा पर रोक क्यों?
अदालत के आदेश का सम्मान कौन करेगा?
यह सिर्फ जैनों का