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वैचारिक मंच

@by_anil_alapuri

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विचारक 🤔

ID: 1799845282030481408

calendar_today09-06-2024 16:45:55

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अजीबो गरीब श्राप, गहमर गाजीपुर के आगे यह गांव पड़ता है बारा, यहां के लोगों के मुताबिक यहां एक बाबा जी कटहल के पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे थे, तपस्या करते समय कटहल का एक फल उनके सिर पर गिर गया जिससे क्रोधित होकर उन्होंने श्राप दे दिया कि इस गांव में कटहल के पेड़ पर फल नहीं लगेंगे।

अजीबो गरीब श्राप,

गहमर गाजीपुर के आगे यह गांव पड़ता है बारा, यहां के लोगों के मुताबिक यहां एक बाबा जी कटहल के पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे थे, तपस्या करते समय कटहल का एक फल उनके सिर पर गिर गया जिससे क्रोधित होकर उन्होंने श्राप दे दिया कि इस गांव में कटहल के पेड़ पर फल नहीं लगेंगे।
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कुछ कच्चे हैं कुछ पक गए हैं, कुछ जमीन पर टपक गए हैं। बहुत प्यारे लगते हैं जामुन काली चमक के साथ, खाने में बहुत स्वादिष्ट लगते हैं काले नमक के साथ। ग्रामीण अंचल में तो यह एक सामान्य मौसमी फल है, शहर वालों के मन में भी इसको देखकर होती हलचल है। 😋😋😋

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पुश्तैनी जमीन को बेचकर करोड़पति बनना बहुत आसान है, लेकिन इसी जमीन को किसी विशेष कार्य में प्रयोग करके करोड़पति बनना आजकल के युवाओं के वश की बात नहीं है। जिस जमीन को उनके पूर्वजों ने लंबे समय तक संभाल कर रखा उसी जमीन को आजकल के युवा बिना सोचे समझे बेंचकर अपने शौक पूरे कर रहे हैं।

पुश्तैनी जमीन को बेचकर करोड़पति बनना बहुत आसान है, 
लेकिन इसी जमीन को किसी विशेष कार्य में प्रयोग करके करोड़पति बनना आजकल के युवाओं के वश की बात नहीं है।
जिस जमीन को उनके पूर्वजों ने लंबे समय तक संभाल कर रखा उसी जमीन को आजकल के युवा बिना सोचे समझे बेंचकर अपने शौक पूरे कर रहे हैं।
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कुछ पालतू जानवर बहुत समझदार होते हैं, अपने गले में पड़ी हुई रस्सी दूसरों के हाथ में आते ही समझ जाते हैं कि उनका सौदा हो चुका है, और भी इसको सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं। और कुछ ऐसे भी होते हैं जो बंधन तोड़कर अपने पुराने मालिक के पास आने की कोशिश में अपनी जान तक गवां देते हैं।

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कुछ लोगों को लगता है यह देश उनका नहीं है, इसलिए वे देश हित के कई मुद्दों को दबाने की कोशिश करते हैं। ताकि उनकी पसंदीदा राजनीतिक पार्टी की साख बनी रहे। वैसे राजनीतिक पार्टियों का काम कभी भी पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं माना जाता है। आलोचक इसमें कोई ना कोई कमी निकाल ही देते हैं।

कुछ लोगों को लगता है यह देश उनका नहीं है, इसलिए वे देश हित के कई मुद्दों को दबाने की कोशिश करते हैं। ताकि उनकी पसंदीदा राजनीतिक पार्टी की साख बनी रहे। 

वैसे राजनीतिक पार्टियों का काम कभी भी पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं माना जाता है। आलोचक इसमें कोई ना कोई कमी निकाल ही देते हैं।
पंडित जगन्नाथ (@pandit_jag) 's Twitter Profile Photo

Please Repost 🙏🙏 हमारी समस्या टाटा क्रोमा के स्टोर से ली गयी क्रोमा ब्रांड की AC से सम्बंधित है | हमने दिनांक 06.06.2025 को क्रोमा स्टोर से AC लिया | हम गये थे वोल्टास की AC लेने लेकिन स्टोर वाले ने वोल्टास उपलब्ध नही है इसलिए क्रोमा की AC लेने की सलाह दी | टाटा ब्रांड होने

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इसकी पुष्टि के लिए आधिकारिक स्रोत क्या है?? गिनीज बुक, में यह नाम शुमार है या फिर नहीं??

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आज मानसून⛈️ मेहरबान हो गया, सूखी पड़ी भूमि का जलपान हो गया‌। पेड़ पौधों को पानी मिलाने से उनका कल्याण हो गया।

आज मानसून⛈️ मेहरबान हो गया, 
सूखी पड़ी भूमि का जलपान हो गया‌।

पेड़ पौधों को पानी मिलाने से उनका कल्याण हो गया।
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चलो नाव बनाते हैं कागज की गांव की गलियों में बारिश का पानी ⛈️भर गया है, जी लो फिर से बचपन के वो दिन, यह मत कहना कि आपके अंदर का बच्चा मर गया है ! हम आज भी लौट सकते हैं उस दौर में जो धीरे-धीरे करके गुजर गया है, एक तरफ रख दो मोबाइल इससे कह दो मेरा जी अब तुमसे भर गया है।

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इस सौरमंडल में कोई भी नहीं है तुमसे अधिक दक्ष, पृथ्वी भी रोशन हो जाती है जब तुम आते हो उसके समक्ष, तुम्हारा एक नाम आफताब है, यह बादल तो तुम्हारा नकाब है। किसी में इतनी हिम्मत कहां जो तुम्हारा ताप सहन कर पाए, किसी में इतनी क्षमता कहां जो तुम्हारा अध्ययन गहन कर पाए। 🌞🌄🌻🙏

इस सौरमंडल में कोई भी नहीं है तुमसे अधिक दक्ष,
पृथ्वी भी रोशन हो जाती है जब तुम आते हो उसके समक्ष,

तुम्हारा एक नाम आफताब है,
यह बादल तो तुम्हारा नकाब है।

किसी में इतनी हिम्मत कहां जो तुम्हारा ताप सहन कर पाए, 
किसी में इतनी क्षमता कहां जो तुम्हारा अध्ययन गहन कर पाए। 

🌞🌄🌻🙏
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कोई भी काम अकेले करने की क्षमता रखने वाले अपने पास दुनिया भर की भीड़ जमा करना पसंद नहीं करते हैं। उनकी पहचान भीड़ से अलग होती है अधिकतर वैज्ञानिक इसी श्रेणी में आते हैं। लेकिन राजनीतिक करियर बिना भीड़ के संभव ही नहीं है, फिर भी भीड़ का नेतृत्व भी सही हाथों में होना चाहिए।

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अगर व्यवस्था अच्छी हो तो कई लोगों की जिंदगी में सुधार लाया जा सकता है। नहीं तो चंद लोगों की जिंदगी में सुधार दिखाई देता है, इन लोगों में वे लोग शामिल होते हैं जिनके हाथों में खुद व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी होती है। कोई 50 साल से वहीं पर है कोई 5 साल में ही शीर्ष पर आ गया।