#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
पवित्र गीता के अध्याय 16 श्लोक 23-24 में कहा गया है कि जो व्यक्ति शास्त्र विधि को त्यागकर मनमानी पूजा करते हैं उन्हें किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलता।
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#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
अग्नि लगा दिया जब लम्बा, फूंक दिया उस ठांही। पुराण उठा फिर पंडित आए, पीछे गरुड़ पढ़ाई। प्रेत शिला पर जा विराजे, पितरों पिण्ड भराई। बहुर श्राद्ध खाने कूं आए, काग भए कलि माहीं। जै सतगुरु की संगति करते, सकल कर्म कटि जाई।
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#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
श्राद्ध करने वाले पुरोहित कहते हैं कि श्राद्ध करने से वह जीव एक वर्ष तक तृप्त हो जाता है। फिर एक वर्ष में श्राद्ध फिर करना है। विचार करें:- जीवित व्यक्ति दिन में तीन बार भोजन करता था। अब एक दिन भोजन करने से एक वर्ष तक कैसे तृप्त हो सकता है?
#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
मेरे अज़ीज़ हिंदुओं
स्वयं पढ़ो अपने ग्रंथ
गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में कहा है कि जो पित्तरों की पूजा करते हैं, वे पित्तर योनि प्राप्त करेंगे, मोक्ष नहीं होगा।जो भूत पूजते हैं, वे भूत बनेंगे। श्राद्ध करना पित्तर पूजा तथा भूत पूजा है।
#GodMorningThursday
#असलीभक्ति_VS_नकलीभक्ति
असली भक्ति करने से साधक के पाप नाश हो जाते हैं। जोकि दुखों का मूल कारण है। जिसका प्रमाण यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में है।
जबकि धर्मगुरुओं द्वारा कहा जाता है कि भक्ति से पाप नाश नहीं होते, उन्हें तो भोगना ही पड़ता है। यानि इनके द्वारा ब
#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
श्राद्ध की शास्त्र अनुकूल विधि
संत रामपाल जी महाराज अपने शिष्यों को तत्वज्ञान से परिचित करवाकर शास्त्रानुकूल धार्मिक अनुष्ठान करते व करवाते हैं। जिसके करने से साधक पितर, भूत नहीं बनता अपितु पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है
#GodMorningThursday
क़ुरआन शरीफ के अनुसार सही इबादत की जानकारी केवल बाख़बर से ही प्राप्त हो सकती है और वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह बाखबर हैं और अंतिम पैगम्बर हैं जो सही इबादत को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
#TheLastProphet_SantRampalJi
#श्राद्धकी_शास्त्रानुकूल_विधि
गीता अध्याय 2 श्लोक 53 में कहा है कि जिस समय आपकी बुद्धि भिन्न-भिन्न प्रकार के भ्रमित करने वाले ज्ञान से हटकर एक तत्व ज्ञान पर स्थिर हो जाएगी...
#सत_भक्ति_संदेश
हिंसा
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जो व्यक्ति जीव हिंसा करते हैं (चाहे गाय, सूअर, बकरी, मुर्गी, मनुष्य, आदि किसी भी प्राणी को मारते हैं) वे महापापी हैं, (भले ही जिन्होंने पूर्ण संत से पूर्ण परमात्मा का उपदेश भी प्राप्त है)
वे कभी मुक्ति प्राप्त नहीं कर सकते।
#GodMorningThursday
By receiving teachings from Jagatguru Tatvdarshi Sant Rampal Ji Maharaj and practicing devotion to Kabir Sahib Ji, one attains Satlok.
Satlok is the imperishable realm. After reaching there, the seeker is liberated from the cycle of birth and death and achieves complete
#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
सत्य साधना केवल तत्वदर्शी सन्त दे सकता है जिसकी शरण में जाने के लिए गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा गया है। वर्तमान में पूर्ण तत्वदर्शी सन्त हैं, सन्त रामपाल जी महाराज।
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
Tattvadarshi Sant Rampal Ji
समाज में प्रचलित शिव जी भगवान की साधना विधि जैसे कांवड़ यात्रा करना, शिवरात्रि मनाना आदि शास्त्रों के विरुद्ध साधना है। क्योंकि गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में तमोगुण (शिवजी) की साधना को व्यर्थ बताया है।
#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
व्रत करना शास्त्र विरुद्ध साधना है। क्योंकि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करने के लिए मना किया गया है।
सूक्ष्मवेद में कहा गया है:
गरीब, प्रथम अन्न जल संयम राखै, योग युक्त सब सतगुरू भाखै।
#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
गीता अध्याय 3 श्लोक 6 व गीता अध्याय 17 श्लोक 5, 6 में मेडिटेशन, हठयोग (तपस्या) के लिए मना किया गया है और कुछ पंथों की मुख्य भक्ति साधना ही मेडिटेशन है जोकि शास्त्र विरुद्ध साधना है जिससे गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 के अनुसार लाभ नहीं होगा।
#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
गीता अध्याय 7 श्लोक 20-23 में स्पष्ट कहा है कि जो लोग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, वे अल्पबुद्धि हैं और उन्हें केवल क्षणिक फल प्राप्त होते हैं।
जबकि गीता अध्याय 15 श्लोक 4 व अध्याय 18 श्लोक 62
#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
मनमानी पूजा करना, हठ योग, मैडिटेशन, शास्त्र विरुद्ध कर्मकांड, श्राद्ध आदि शास्त्रों के विरुद्ध साधनाएं हैं।
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#शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रानुकूल
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
गीता अध्याय 7 श्लोक 20-23 में स्पष्ट कहा है कि जो लोग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, वे अल्पबुद्धि हैं और उन्हें केवल क्षणिक फल प्राप्त होते हैं।
#दाईजोमुक्त_अभियान
समाजलाई सन्देश
सन्त रामपालजी महाराजको शिक्षाले हामीलाई यो सिकाउँछ कि विवाह एक पवित्र बन्धन हो र यसमा कुनै पनि प्रकारको लेन-देन गर्नु आवश्यक छैन। उहाँका शिष्यहरूले यही शिक्षालाई आत्मसात गर्दै दाइजोमुक्त विवाहको माध्यमबाट समाज सुधारको अनुपम उदाहरण प्रस्तुत 🙏