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ajeet dass

@bhaktajitdass

#कबीर
पांच पेहर धंधा किया. 3 पेहर गए सोए
एक पेहर नहीं हरि भजा तो मुक्ति कहा से होए
#kabir
#Kabir_is_real_God
#kabirisgod #कबीर

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नहीं बाप ना माता जाए, अविगत से हम चल आए। कलियुग में काशी चलि आए। जब हमरे तुम दर्शन पाये।। आज से करीब 600 वर्ष पहले कबीर साहेब, काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर सशरीर प्रकट हुए थे, उनका जन्म माँ से नहीं हुआ था। #628th_GodKabirPrakatDiwas 1Day Left Kabir Prakat Diwas

नहीं बाप ना माता जाए, अविगत से हम चल आए।
कलियुग में काशी चलि आए। जब हमरे तुम दर्शन पाये।।
आज से करीब 600 वर्ष पहले कबीर साहेब, काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर सशरीर प्रकट हुए थे, उनका जन्म माँ से नहीं हुआ था।
#628th_GodKabirPrakatDiwas
1Day Left Kabir Prakat Diwas
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#628th_GodKabirPrakatDiwas 1Day Left Kabir Prakat Diwas ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया। ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में कहा गया है कि परमात्मा का जन्म नहीं होता वह परमेश्वर कबीर जी हैं

#628th_GodKabirPrakatDiwas
1Day Left Kabir Prakat Diwas
ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया।
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में कहा गया है कि परमात्मा का जन्म नहीं होता वह परमेश्वर कबीर जी हैं
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#628th_GodKabirPrakatDiwas ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया। ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में कहा गया है कि परमात्मा का जन्म नहीं होता वह परमेश्वर कबीर जी हैं

#628th_GodKabirPrakatDiwas
ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया।
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में कहा गया है कि परमात्मा का जन्म नहीं होता वह परमेश्वर कबीर जी हैं
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय कबीर परमात्मा अपने सतलोक से चलकर आते हैं और अपनी प्यारी आत्माओं को ज्ञान बताते हैं। मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते। Kabir Sahib Prakat Diwas

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
कबीर परमात्मा अपने सतलोक से चलकर आते हैं और अपनी प्यारी आत्माओं को ज्ञान बताते हैं। मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते।
Kabir Sahib Prakat Diwas
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय गरीब, साहिब पुरुष कबीर कूँ, जन्म लिया नहीं कोय। शब्द स्वरूपी रूप है, घट घट बोलै सोय।। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में कबीर परमेश्वर, सतलोक से सशरीर आकर, शिशु रूप में लहरतारा तालाब में, कमल के फूल पर

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
गरीब,
साहिब पुरुष कबीर कूँ, जन्म लिया नहीं कोय।
शब्द स्वरूपी रूप है, घट घट बोलै सोय।।
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में कबीर परमेश्वर, सतलोक से सशरीर आकर, शिशु रूप में लहरतारा तालाब में, कमल के फूल पर
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया। ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में कहा गया है कि परमात्मा का जन्म नहीं होता, वह परमेश्वर कबीर जी हैं। जिनका जन्म नहीं हुआ, सशरीर प्रकट हुए थे

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया।
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में कहा गया है कि परमात्मा का जन्म नहीं होता, वह परमेश्वर कबीर जी हैं। जिनका जन्म नहीं हुआ, सशरीर प्रकट हुए थे
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय कबीर साहेब का शिशु रूप में अवतरण आज से लगभग 600 साल पहले भारत की पवित्र भूमि काशी के लहरतारा तालाब में एक विकसित कमल के फूल पर सन् 1398, विक्रमी संवत 1455, ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को हुआ था उसी अवसर पर कबीर परमात्मा जी का प्रकट दिवस 9-11 जून को मनाया

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
कबीर साहेब का शिशु रूप में अवतरण आज से लगभग 600 साल पहले भारत की पवित्र भूमि काशी के लहरतारा तालाब में एक विकसित कमल के फूल पर सन् 1398, विक्रमी संवत 1455, ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को हुआ था उसी अवसर पर कबीर परमात्मा जी का प्रकट दिवस 9-11 जून को मनाया
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय नहीं बाप ना माता जाए, अविगत से हम चल आए। कलियुग में काशी चलि आए। जब हमरे तुम दर्शन पाये।। आज से करीब 600 वर्ष पहले कबीर साहेब, काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर सशरीर प्रकट हुए थे, उनका जन्म माँ से नहीं हुआ था।

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
नहीं बाप ना माता जाए, अविगत से हम चल आए।
कलियुग में काशी चलि आए। जब हमरे तुम दर्शन पाये।।
आज से करीब 600 वर्ष पहले कबीर साहेब, काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर सशरीर प्रकट हुए थे, उनका जन्म माँ से नहीं हुआ था।
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय भग की राह हम नहीं आए, जन्म मरण में नहीं समाए। आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र माने जाने वाले काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर सन् 1398, विक्रमी संवत 1455, ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी को कबीर साहेब, शिशु रूप में सशरीर प्रकट हुए थे।

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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय पांच तत्त्व की देह ना मेरी, ना कोई माता जाया। जीव उद्धारण तुम को तारन, सीधा जग में आया।। कबीर जी, अविनाशी परमात्मा हैं जिनका न तो पाँच तत्व का शरीर था और न उनका जन्म माँ से हुआ बल्कि वे सशरीर शिशु रूप में कमल के फूल पर सन् 1398 में अवतरित हुए थे।

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
पांच तत्त्व की देह ना मेरी, ना कोई माता जाया।
जीव उद्धारण तुम को तारन, सीधा जग में आया।।
कबीर जी, अविनाशी परमात्मा हैं जिनका न तो पाँच तत्व का शरीर था और न उनका जन्म माँ से हुआ बल्कि वे सशरीर शिशु रूप में कमल के फूल पर सन् 1398 में अवतरित हुए थे।
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#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2 में कहा गया है कि परमात्मा सशरीर आता है, वह परमेश्वर कबीर जी हैं। उनका जन्म नहीं होता। वो सशरीर प्रकट होते हैं। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में 628 वां परमेश्वर कबीर जी का प्रकट दिवस 9-11 जून को

#परमात्माकबीर_जननी_जना_न_माय
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2 में कहा गया है कि परमात्मा सशरीर आता है, वह परमेश्वर कबीर जी हैं। उनका जन्म नहीं होता। वो सशरीर प्रकट होते हैं। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज के सान्निध्य में 628 वां परमेश्वर कबीर जी का प्रकट दिवस 9-11 जून को