Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile
Nishika

@nishicaart

ओ मेरे आदर्शवादी मन , ओ मेरे सिद्धांतवादी मन
अब तक क्या किया ? जीवन क्या जिया ।
- मुक्तिबोध

ID: 1702255369886842880

linkhttps://www.soshals.app/Nishika calendar_today14-09-2023 09:38:11

969 Tweet

537 Takipçi

147 Takip Edilen

🍂آنو بريا (@jaykaniiika) 's Twitter Profile Photo

अभाव कैसा?  जिसके बटुए में प्रेम हो,  उसे अभाव कैसा? "ओ मेरे रजनीगंधा" से श्वेत पुष्प प्रेम,  तुम मेरी बांह पर सजे रहो। यदि ऐसा है तो सारी धनाढ्यता,  मेरे समक्ष क्षीण है। • /निशिका Nishika

अभाव कैसा? 
जिसके बटुए में प्रेम हो, 
उसे अभाव कैसा?

"ओ मेरे रजनीगंधा" से श्वेत पुष्प प्रेम, 
तुम मेरी बांह पर सजे रहो।

यदि ऐसा है तो सारी धनाढ्यता, 
मेरे समक्ष क्षीण है।
•
/निशिका
<a href="/Nishicaart/">Nishika</a>
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

ऐ शौक़ पता कुछ तू ही बता अब तक ये करिश्मा कुछ न खुला हम में है दिल-ए-बेताब निहाँ या आप दिल-ए-बेताब हैं हम शाद अज़ीमाबादी

ऐ शौक़ पता कुछ तू ही बता 
अब तक ये करिश्मा कुछ न खुला 
हम में है दिल-ए-बेताब निहाँ 
या आप दिल-ए-बेताब हैं हम

शाद अज़ीमाबादी
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

जान तुम पर निसार करता हूँ मैं नहीं जानता दुआ क्या है साहब ग़ालिब

जान तुम पर निसार करता हूँ 
मैं नहीं जानता दुआ क्या है

साहब ग़ालिब
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

ना-रवा कहिए ना-सज़ा कहिए कहिए कहिए मुझे बुरा कहिए दिल में रखने की बात है ग़म-ए-इश्क़ इस को हरगिज़ न बरमला कहिए आ गई आप को मसीहाई मरने वालों को मर्हबा कहिए हाथ रख कर वो अपने कानों पर मुझ से कहते हैं माजरा कहिए दाग़ देहलवी

Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

बाबा! मत ब्याहना उस देश में जहाँ आदमी से ज़्यादा ईश्वर बसते हों वसंत के दिनों में ला सके जो रोज़ मेरे जूड़े के ख़ातिर पलाश के फूल जिससे खाया नहीं जाए मेरे भूखे रहने पर उसी से ब्याहना मुझे! - निर्मला पुतुल #Asuitableboy

बाबा!
मत ब्याहना उस देश में 
जहाँ आदमी से ज़्यादा 
ईश्वर बसते हों
वसंत के दिनों में ला सके जो रोज़ 
मेरे जूड़े के ख़ातिर पलाश के फूल 
जिससे खाया नहीं जाए 
मेरे भूखे रहने पर 
उसी से ब्याहना मुझे!
- निर्मला पुतुल
#Asuitableboy
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

मैं तुझसे बात करने को तिरे किरदार में आकर इधर से फ़ोन करता हूँ उधर से बात करता हूँ - विक्रम शर्मा

मैं तुझसे बात करने को तिरे किरदार में आकर
इधर से फ़ोन करता हूँ उधर से बात करता  हूँ 
- विक्रम शर्मा
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

मैं अपने स्याह हो चुके इस हृदय की पलक खोलता हूं मेरी नयनतारा लौटो ..... पूरी कविता के लिए ALT पर जाइए

मैं अपने स्याह हो चुके
इस हृदय की पलक खोलता हूं
मेरी नयनतारा लौटो
.....
पूरी कविता के लिए ALT पर जाइए
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है मिर्ज़ा ग़ालिब

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है 
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
मिर्ज़ा ग़ालिब
Nishika (@nishicaart) 's Twitter Profile Photo

ये लोहा इन बाहों में कब नहीं था ? ये ताकत इस सीने में कब नहीं थी ? आज विनेश फोगाट फाइनल में पहुंच गई है इस जीत का साक्षी स्वयं ईश्वर है । Vinesh Phogat

ये लोहा इन बाहों में कब नहीं था ?
ये ताकत इस सीने में कब नहीं थी ?
आज विनेश फोगाट फाइनल में पहुंच गई है इस जीत का साक्षी स्वयं ईश्वर है । <a href="/Phogat_Vinesh/">Vinesh Phogat</a>