होके मायूस ना यूँ शाम की तरह ढलते रहिये ज़िंदगी एक भोर है सूरज की तरह निकलते रहिये ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे धीरे धीरे ही सही मगर राह पे चलते रहिये...
होके मायूस ना यूँ शाम की तरह ढलते रहिये ज़िंदगी एक भोर है सूरज की तरह निकलते रहिये ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे धीरे धीरे ही सही मगर राह पे चलते रहिये...
कुछ शो पीस,
कुछ निराशा के मोती,
कुछ आस्तीन के सांप,
कुछ मतलबी पीठ,
कुछ झूठे कंधे,
कुछ खीर में खटाई,
और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं के सौदागर,
सब दोस्त दोस्त नहीं होते!!!!
He who conquers himself is the mightiest warrior. —Confucius
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जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह सबसे शक्तिशाली योद्धा है। - कन्फ्यूशियस