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Sudhakar Ravi

@thesudhakarravi

the more I suffer, the more I love.

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गया रेलवे स्टेशन पर वॉटर वेंडिंग मशीन बस शो पीस बन कर खड़ी है। जबकि इस भीषण गर्मी में यात्रियों के लिए पानी सबसे जरूरत की चीज़ है। देश भर से आने वाले यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखा जाए सर।#Gaya PMO India Amit Shah Ashwini Vaishnaw CMO Bihar Kashish News Bihar Tak

गया रेलवे स्टेशन पर वॉटर वेंडिंग मशीन बस शो पीस बन कर खड़ी है। जबकि इस भीषण गर्मी में यात्रियों के लिए पानी सबसे जरूरत की चीज़ है। देश भर से आने वाले यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखा जाए सर।#Gaya 
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Satyanand Nirupam (@satya_nirupam) 's Twitter Profile Photo

दुनिया ऐसे दौर से गुजर रही है जिसमें हर नया शासक पुराने के पापों को आदर्श मानता और जन वंचित जन जो कुछ भी करते हैं कामधाम रागरंग वह ऐसे शासक के विरुद्ध ही होता है ~रघुवीर सहाय/लोग भूल गए हैं

Shakeel Akhtar (@shakeelnbt) 's Twitter Profile Photo

वामपंथ में ऐसी क्या बात है कि लोग उसे छोड़ देने के बावजूद खुद को वामपंथी बताते रहते हैं। और दक्षिणपंथ में ऐसी क्या समस्या है कि उससे फायदा उठाने के लिए उससे चिपक रहे लोग भी खुद को दक्षिणपंथी नहीं मानते। वैसे तो हर क्षेत्र में लोग दक्षिणपंथी और प्रतिक्रियावादी होते जा रहे हैं 1/5

Congress (@incindia) 's Twitter Profile Photo

भारत जोड़ो यात्रा पर BJP द्वारा फैलाए गए 9 झूठ 👇 1. झूठ: भारत जोड़ो यात्रा में कंटेनर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। सच: भारत जोड़ो यात्रा के कंटेनर में केवल बुनियादी सुविधाएं हैं और एक कंटेनर में 12 लोग एक साथ रहते हैं।

Sudhakar Ravi (@thesudhakarravi) 's Twitter Profile Photo

. Prabhat Praneet आपकी दूरदर्शिता को सलाम। आपने शुरू से ही बताया कि यह आदमी धूर्त है, आरआरएस का दलाल है। अब आपकी बात शत प्रतिशत सही साबित हो रही है।

AFRICAN & BLACK HISTORY (@africanarchives) 's Twitter Profile Photo

Did you know the desire to escape slavery, was once classified as a mental illness called Drapetomania in 1851. Black people were considered mentally ill for refusing to live in bondage.

Did you know the desire to escape slavery, was once classified as a mental illness called Drapetomania in 1851.

Black people were considered mentally ill for refusing to live in bondage.
Science Journey (@sciencejourney2) 's Twitter Profile Photo

प्रिंटिंग मशीन आयी तो सभी धर्मों ने अपनी किताबें छापी। तो सवाल है कि बुद्ध कि मूर्ति स्तूप बनने सुरू हुए तो तथाकथित ब्राह्मणवादियों ने जो दावा कर रखा है की बुद्ध से पुराना वेद है उपनिषद् है तो उनके देवताओं इंद्र वरुण इत्यादि की मूर्तियाँ क्यों नहीं बनाई ? क्यों नहीं राम कृष्ण

प्रिंटिंग मशीन आयी तो सभी धर्मों ने अपनी किताबें छापी।
तो सवाल है कि बुद्ध कि मूर्ति स्तूप बनने सुरू हुए तो तथाकथित ब्राह्मणवादियों ने जो दावा कर रखा है की बुद्ध से पुराना वेद है उपनिषद् है तो उनके देवताओं इंद्र वरुण इत्यादि की मूर्तियाँ क्यों नहीं बनाई ?
क्यों नहीं राम कृष्ण
Mukesh Mohan (@mukeshmohannn) 's Twitter Profile Photo

तथागत बुद्ध की मूर्तियों को माता बनाने का तरीका भी कुछ ऐसा ही है। 👇🏼👇🏼

Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) 's Twitter Profile Photo

पूर्ववत रूप से चली आ रही जाति व्यवस्था के मुताबिक़ मैं ‘ठाकुर’ हूँ और मैं Manoj Kumar Jha द्वारा पढ़ी गई कविता से आहत नहीं हूँ 😎

Dr. Rajendra Prasad Singh (@563rajendra) 's Twitter Profile Photo

आश्चर्य कि जिन - जिन महापुरुषों ने जातिवाद का विरोध किया, उन्हीं के आंदोलनों को जातिवादी बता दिया गया और बाकी राष्ट्रवादी आंदोलन हो गए।

आश्चर्य कि जिन - जिन महापुरुषों ने जातिवाद का विरोध किया, उन्हीं के आंदोलनों को जातिवादी बता दिया गया और बाकी राष्ट्रवादी आंदोलन हो गए।
Sudhakar Ravi (@thesudhakarravi) 's Twitter Profile Photo

प्रभात प्रकाशन बनने की ओर अग्रसर है वाणी प्रकाशन। अच्छा हुआ कि निर्मल वर्मा और विनोद कुमार शुक्ल की किताबों को वाणी प्रकाशन से मुक्ति मिल गयी। Rajkamal Prakashan 📚 जी और भी बेहतरीन किताबों को मुक्त कराइये वाणी से।

Dr. Rajendra Prasad Singh (@563rajendra) 's Twitter Profile Photo

मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर बौद्ध ग्रंथ जला दिए तो बड़े पैमाने पर संस्कृत ग्रंथ बचे कैसे रह गए?