Shivkumari
@Shivkumari5539
ID:1764167166411038720
03-03-2024 05:54:02
604 Tweets
13 Followers
44 Following
#Gita_Is_Divine_Knowledge
गीता जी का ज्ञान किसने बोला है.? जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel को अभी Subscribe करें ।
We Should Follow It
#Gita_Is_Divine_Knowledge
क्या आप जानते हैं वैष्णो देवी, नैना देवी, ज्वाला देवी, अन्नपूर्णा देवी, आदि मंदिरों की स्थापना कैसे हुई? जानने के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel को अभी Subscribe करें ।
We Should Follow It
#Gita_Is_Divine_Knowledge
गीताजी अध्याय 18 श्लोक 62 प्रमाणित करता है कि पूर्ण परमात्मा गीता ज्ञानदाता से भिन्न है।
हे भारत! तू संपूर्ण भाव से उस परमेश्वर की ही शरण में जा। उस परमात्मा की कृपा से ही तू परम शान्ति को तथा सदा रहने वाले अविनाशी स्थान को अर्थात् सतलोक को प्राप्
#Gita_Is_Divine_Knowledge
गीताजी अध्याय 4 श्लोक 5 में गीता ज्ञान देने वाला भगवान स्वयं को जन्म मरण के अंतर्गत बता रहा है, फिर जन्म मरण से परे अविनाशी व पूजनीय पूर्ण परमात्मा कौन है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण
#Gita_Is_Divine_Knowledge
गीताजी अध्याय 4 श्लोक 5 में गीता ज्ञान देने वाला भगवान स्वयं को जन्म मरण के अंतर्गत बता रहा है, फिर जन्म मरण से परे अविनाशी व पूजनीय पूर्ण परमात्मा कौन है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण
Subscribe to Sant Rampal Ji Mah
#MustListen_Satsang
क्या आप जानते हैं सतयुग, त्रेता और द्वापर युग में अलग अलग धर्म मजहब नहीं थे। परन्तु कलियुग में लोग धर्मों में क्यों बंट गए? लोगों को विभिन्न धर्मों में विभाजित करने के पीछे किसकी साजिश है?
अवश्य जानिए पुस्तक 👉 'ज्ञान गंगा'
संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी
#MustListen_Satsang
क्या आप जानते हैं सतयुग, त्रेता और द्वापर युग में अलग अलग धर्म मजहब नहीं थे। परन्तु कलियुग में लोग धर्मों में क्यों बंट गए? लोगों को विभिन्न धर्मों में विभाजित करने के पीछे किसकी साजिश है?
अवश्य जानिए पुस्तक 👉 'ज्ञान गंगा'
संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी य
#अविनाशी_परमात्मा_कबीर
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण पर
#अविनाशी_परमात्मा_कबीर
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं,
#अविनाशी_परमात्मा_कबीर
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं,
#MustListen_Satsang
👇👇👇👇👇
भक्ति करने से अनेकों लाभ होते हैं, सुख मिलता है, कष्ट दूर होते हैं। परन्तु फिर भी सभी कहते हैं कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है। अगर कर्म ही भुगतने हैं तो फिर भक्ति की आवश्यकता क्यों?
जानने के लिए पढ़िए आध्यात्मिक पुस्तक 👉 'जीने की
#अविनाशी_परमात्मा_कबीर
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों मे
#MustListen_Satsang
भक्ति करने से अनेकों लाभ होते हैं, सुख मिलता है, कष्ट दूर होते हैं। परन्तु फिर भी सभी कहते हैं कर्मों का फल भुगतना ही पड़ता है। अगर कर्म ही भुगतने हैं तो फिर भक्ति की आवश्यकता क्यों?
जानने हेतु पढ़ें पुस्तक 👉 'जीने की राह'
संत रामप
#प्रभु_के_स्वरूपकी_शंकासमाप्
पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8 में कहा है कि (कविर मनिषी)जिस परमेश्वर की सर्व प्राणियों को चाह है, वह कविर अर्थात कबीर परमेश्वर पूर्ण विद्वान है। उसका शरीर बिना नाड़ी (अस्नाविरम) का है, (शुक्रम अकायम) वीर्यसे बनी पांच तत्वसे बनी भौतिक काया रहित है।
#प्रभु_के_स्वरूपकी_शंकासमाप्त
पवित्र वेद में प्रमाण है कि
परमात्मा साकार है
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17, 18
पूर्ण परमात्मा कविर्देव तीसरे मुक्ति धाम अर्थात् सत्यलोक की स्थापना करके तेजोमय मानव सदृश शरीर में आकार में सिंहासन पर विराजमान है।
Kabir Is God
#प्रभु_के_स्वरूपकी_शंकासमाप्त
पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ पृष्ठ नं. 2 पर, अ. 1ः20 - 2ः5 पर)
छटवां दिन:-1:27. तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की।
Kabir Is God
माता-पिता, भाई-पत्नी आदि-आदि परिजन अपने-अपने मतलब की बातें सोचते हैं। पूर्व जन्मों के कारण परिवार रूप में जुड़े हैं। जिस-जिसका समय पूरा हो जाएगा, संस्कार समाप्त होता जाएगा, वह तुरंत परिवार छोड़कर चला जाएगा।
#SatlokAshramMundka
#KabirisGod
#प्रभु_के_स्वरूपकी_शंकासमाप्त
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 5 कूचिज्जायते सनयासु नव्यो वने तस्थौ पलितो धूमकेतुः । अस्नातापो वृषभो न प्रवेति सचेतसो यं प्रणयन्त मर्ताः
पूर्ण परमात्मा जब मानव शरीर धारण कर पृथ्वी लोक पर आता है
जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
Kabir Is God