𝖍𝖆𝖗𝖘𝖍𝖎
@harshit83602820
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ
ID: 1406992682551975938
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गीतमालाگیتمالا नजर आती नही मंजिल तड़पने से भी क्या हासिल. तकदीर में एँ मेरे दिल अँधेरे ही अंधरे है. मज़बूरी ने जिसको मारा उसका कौन सहारा माझी तो मिल जाते हैं लेकिन मिलता नही किनारा. तकदीर में ऐ मेरे दिल अँधेरे ही अँधेरे हैं. नज़र आती नही मंजिल.
Gul3637536 گُل हमको ना कोई बुलाये ना कोई पलकें बिछाये ए ग़म के मारो मंज़िल वहीं है दम ये टूटे जहाँ... शैलेन्द्र ✍️