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Harish Kumar

@h_kumar1

Banker by profession. Student of Shayri.

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linkhttps://www.rekhta.org/poets/harish-kumar/ghazals calendar_today02-12-2015 15:56:19

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Guru Banarasi (@gurubanaarasi) 's Twitter Profile Photo

इक अजनबी झोंके ने जब पूछा मिरे ग़म का सबब सहरा की भीगी रेत पर मैं ने लिखा आवारगी #मोहसिन_नक़वी #Shair

इक अजनबी झोंके ने जब पूछा मिरे ग़म का सबब
सहरा   की  भीगी  रेत  पर  मैं  ने  लिखा  आवारगी

#मोहसिन_नक़वी #Shair
Divya Seth (@divya_sabaa) 's Twitter Profile Photo

ghazal: हर दिल में आग शहर है सहरा है आग में इतनी बढ़ी है आग कि दरिया है आग में ये किसने आग के है मु'आनी बदल दिए ये किसने आज फूल खिलाया है आग में हँसते हैं देख-देख के जलते हुए मकान कैसे हैं लोग जिनका तमाशा है आग में बस सिर्फ़ मेरे घर पे नहीं आग के सितम इक हश्र सा बपा है कि

Ashok Mushroof (@amushroof) 's Twitter Profile Photo

आशिक़ी में 'मीर' जैसे ख़्वाब मत देखा करो बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो ~अहमद फ़राज #बज्म_काव्य_मंच #बज़्म

satish kumar tangri (@satishtangri) 's Twitter Profile Photo

हुआ हूँ इश्क़ की ग़ारत-गरी से शर्मिंदा सिवाए हसरत-ए-तामीर घर में ख़ाक नहीं मिर्ज़ा ग़ालिब #सृजन #लेखनी

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

सूद में था जहाँ ज़ियाँ जीत में हार थी जहाँ बहस के वास्ते वहाँ मुझ को बिठा दिया गया... #जौनएलिया

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

झुके सर पे रुकती कभी दस्तार नहीं आबरु सलामत रहे ताज की दरकार नहीं... #इस्लाम_शेरी

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

उस को जाते हुए देखा था पुकारा था कहाँ रोकते किस तरह वो शख़्स हमारा था कहाँ... ये तमन्ना थी कि हम उस पे लुटा दें हस्ती ऐ 'ज़िया' उस को मगर इतना गवारा था कहाँ... #ज़िया_ज़मीर

...  सुमन   ‏سُمن (@yejivanhaiisjiv) 's Twitter Profile Photo

अजीब थी वो अजब तरह चाहता था मैं वो बात करती थी और ख़्वाब देखता था मैं विसाल का हो कि उस के फ़िराक़ का मौसम वो लज़्ज़तें थीं कि अंदर से टूटता था मैं कहाँ शिकस्त हुई और कहाँ सिला पाया किसी का इश्क़ किसी से निबाहता था मैं। #उबैदुल्लाह_अलीम

अजीब थी वो अजब तरह चाहता था मैं
वो बात करती थी और ख़्वाब देखता था मैं

विसाल का हो कि उस के फ़िराक़ का मौसम
वो लज़्ज़तें थीं कि अंदर से टूटता था मैं

कहाँ शिकस्त हुई और कहाँ सिला पाया
किसी का इश्क़ किसी से निबाहता था मैं।
#उबैदुल्लाह_अलीम
Divya Seth (@divya_sabaa) 's Twitter Profile Photo

हम क्या किसी की आँख को देंगे हसीन ख़्वाब हम से तो अपने ख़्वाब सँभाले नहीं गए - Divya 'sabaa'

Harish Kumar (@h_kumar1) 's Twitter Profile Photo

दिल में रखता है न पलकों पे बिठाता है मुझे फिर भी इक शख़्स में क्या क्या नज़र आता है मुझे ~ शहरयार

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Harish Kumar क़रीब आ के भी इक शख़्स हो सका न मिरा यही है मेरी हक़ीक़त यही फ़साना मिरा... #असलम_कोलसरी

Guru Banarasi (@gurubanaarasi) 's Twitter Profile Photo

कुछ लुटेरों ने भी, पहना है फरिश्तों का लिबास इनके बारे में ग़लतफ़हमी न पाली जाए #लक्ष्मीशंकर_वाजपेयी

Divya Seth (@divya_sabaa) 's Twitter Profile Photo

ghazal: न बने मुझसे भी माक़ूल जवाबात कभी न गए उस की नज़र से भी सवालात कभी मुझको किस शय* की तलब है मैं बता भी न सकी और क़िस्मत ने भी समझी न मिरी बात कभी नींद में भी निकल आते हैं अचानक आँसू जाग जाते हैं अगर ख़्वाब में जज़्बात कभी कुछ तो है दिल को जो बेचैन किए जाता है इस तरह

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

हाय ! वो हाल के जब जान से जाते हुए भी अपने ही आप को मुझ शख़्स ने जानां लिखा... #जौनएलिया #Shair #He

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

किसी भूके से मत पूछो मोहब्बत किस को कहते हैं कि तुम आँचल बिछाओगे वो दस्तर-ख़्वान समझेगा... #ज़ुबैर_अली_ताबिश #जन्मदिन

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

हर एक शख़्स को दुश्मन अगर बनाओगे मिज़ाज पूछने वाला कहाँ से लाओगे जो सब को अपने ही मेआ'र पर परखते रहे तो ज़िंदगी में किसे हम-सफ़र बनाओगे यहाँ तो हर कोई चेहरे पे चेहरे रखता है उठा के पहलू से किस को किसे बिठाओगे #अतहर_शकील

Margret. (@margret_017) 's Twitter Profile Photo

है अपने हाथ में अपना गिरेबाँ न जाने किस से झगड़ा कर रहा हूँ... बहुत से बंद ताले खुल रहे हैं तिरे सब ख़त इकट्ठा कर रहा हूँ... कोई तितली निशाने पर नहीं है मैं बस रंगों का पीछा कर रहा हूँ... #ज़ुबैर_अली_ताबिश #जन्मदिन

Murlidhar Taalib (مرلی دھر طالب) (@murlidhartaalib) 's Twitter Profile Photo

कहीं चराग़ बुझाना पड़ा कि मैं भी हूँ, कहीं पे ख़ुद को जलाना पड़ा कि मैं भी हूँ !! मेरे गले में जो डाला मेरे हरीफ़ों ने, मुझे वो ढोल बजाना पड़ा कि मैं भी हूँ !! वहाँ पे ख़ुद को दिखाया जहाँ मैं था ही नहीं कहीं ये सच भी छुपाना पड़ा कि मैं भी हूँ !! ~ एहतिशाम हसन

...  सुमन   ‏سُمن (@yejivanhaiisjiv) 's Twitter Profile Photo

मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर दे मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत जो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे मैं अपने ख़्वाब से कट कर जियूँ तो मेरा ख़ुदा उजाड़ दे मिरी मिट्टी को दर-ब-दर कर दे। #इफ़्तिख़ार_आरिफ़

मिरे ख़ुदा मुझे इतना तो मो'तबर कर दे
मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे 

मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत
जो हो सके तो दुआओं को बे-असर कर दे

मैं अपने ख़्वाब से कट कर जियूँ तो मेरा ख़ुदा
उजाड़ दे मिरी मिट्टी को दर-ब-दर कर दे।
#इफ़्तिख़ार_आरिफ़
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किसी झूटी वफ़ा से दिल को बहलाना नहीं आता मुझे घर काग़ज़ी फूलों से महकाना नहीं आता मैं जो कुछ हूँ वही कुछ हूँ जो ज़ाहिर है वो बातिन है मुझे झूटे दर-ओ-दीवार चमकाना नहीं आता मैं दरिया हूँ मगर बहता हूँ मैं कोहसार की जानिब मुझे दुनिया की पस्ती में उतर जाना नहीं आता ~ अदीम हाशमी