कुछ कहा भी है ,लेकिन लफ्ज़ नही थे कुछ बताना भी है लेकिन अंदाज नही है क्या समझ पाएगा कोई इस बेजुबानी को या फिर ये यूं हि फिजा में दम तोड़ देंगे अधूरे ख्वाब अधूरी बात अधूरे सपने ना जाने कैसे कब दिल पर तस्वीर बन गए शायद पानी के बुलबाले की तरह #आधा चांद #शायरांश #सरस