Bhagat Rana
@bhagatr01358684
Poet
------------------श्रृंगार-------------
मत्तगयन्द सवैया
यौवन भार सहे निकसी जब ,
कंद सुवास लिए तन ऐसे l
गुल्म लता सम लोच
ID: 1514191598690922500
13-04-2022 10:42:54
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