सब कुछ कहने की
बेताबी भी है,
कुछ ना कह पाने की बेबसी भी हैं,
आख़िरी दाद तो राख ने ही देनी है
मैनें कहानी लिख कर आग जो लगा दी हैं
उस आग में ख़ाक हो गए किस्से
जिनमें बयां इश्क की कहानी थी
सबसे अधिक मौन वहाँ साधे गए!
जहाँ दिल की बात बतानी थी!!
होके हमसे जुदा कुछ इस तरह फना हुये,
ना हमारा जोर चला गाड़ी के पहिये पर
ना हि टाल पाये ये अनहोनी
बस गलती इतनी सी यारों
तीसरे ⛈️ की आहट से लगा लिया सीने से
ना जाने जिन्दगी का ये केसा दौर है
ना ही हालात काबू मे है
ओर ना ही खुद पर कोई जोर है ।।
#Life