... सुमन سُمن
@yejivanhaiisjiv
A Mother , Author ,Poetess
December 💕💕 Special 💕💕 for me💝
No DM Plz🙏🏻
Pinkcity Jaipur Works at Banasthali Vidhyapith 🏘️
ID:127519924
http://sumangaur18.wordpress.com 29-03-2010 13:29:34
88,7K Tweets
22,7K Followers
104 Following
सफ़र में रस्ता बदलने के फ़न से वाक़िफ़ है
वो शख़्स चेहरा बदलने के फ़न से वाक़िफ़ है
है आधे शहर में बारिश तो आधे शहर में धूप
हवा इलाक़ा बदलने के फ़न से वाक़िफ़ है
किसी को पिंजरा बदलने का शौक़ है 'रूही'
कोई परिंदा बदलने के फ़न से वाक़िफ़ है।
#रेहाना_रूही
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
दिल से तो हर मोआ'मला कर के चले थे साफ़ हम
कहने में उन के सामने बात बदल बदल गई।
#फ़ैज़_अहमद_फ़ैज़
#माँ_मातृ_दिवस 🌷
#माँ_कहती_थी ✍️
#Three_generation_in_a_frame
माँ कहती थी
बुरा वक़्त आ जाए कभी
अपने बेगाने हो जाए कभी
तो हाथों की लक़ीरों पर नही
हाथों पर विश्वास करना
क्योंकि
कर्म ही भाग्य का आधार होता है।
#माँ_मातृ_दिवस 🌷
#माँ_कहती_थी ✍️
माँ कहती थी
याद आए कभी मेरी
जाने के बाद
जीना मुश्किल लगे जब
या उठ जाए किसी से ऐतबार
लेना हो ज़िंदगी मे
कोई अहम फैसला
तो
बक्से में बंद एलबम से
वो तस्वीर निकालना
जिसमे उंगली पकड़ कर
चलाया था
मैंने , तुम्हे ....
पहली बार।
#माँ_मातृ_दिवस 🌷
#माँ_कहती_थी ✍️
माँ कहती थी
शाम होते ही
घर लौट आना
बाहर दरिंदगी बहुत है
दिन में अपनों का चेहरा
पहचान नही पाते है
फिर , रात पर ऐतबार
कैसे करे हम।
जाने वो कौन था और किस को सदा देता था
उस से बिछड़ा है कोई इतना पता देता था
जाने बस्ती का वो इक मोड़ था क्या उस के लिए
शाम ढलते ही वहाँ शम्अ' जला देता था
एक भी शख़्स बहुत था कि ख़बर रखता था
एक तारा भी बहुत था कि सदा देता था ।
#राजेन्द्र_मनचंदा_बानी
उदासी आसमाँ है दिल मिरा कितना अकेला है
परिंदा शाम के पुल पर बहुत ख़ामोश बैठा हैं।
तुम्हारे शहर के सारे दिए तो सो गए कब के
हवा से पूछना दहलीज़ पे ये कौन जलता है ।
कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा
मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है।
#बशीर_बद्र
अपने हर हर लफ़्ज़ का ख़ुद आइना हो जाऊँगा
उस को छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा
तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं
मैं गिरा तो मसअला बन कर खड़ा हो जाऊँगा
मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफ़र
रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा ।
#वसीम_बरेलवी
#सुबह_की_चाय ☕
सुबूत है ये मोहब्बत की सादा-लौही का
जब उस ने वादा किया हम ने ए'तिबार किया ।
#जोश_मलीहाबादी
मैं उस को हर रोज़ बस यही एक झूट सुनने को फ़ोन करता
सुनो यहाँ कोई मसअला है तुम्हारी आवाज़ कट रही है।
#तहज़ीब_हाफ़ी
#शाम_शायरी_चाय ☕
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
#फ़ैज़_अहमद_फ़ैज़