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तहक्षी™ tehxi தக்ஷி

@yajnshri

श्री मात्रे A seeking soul | Tutor & Researcher of Ancient Sānātān Dhārmā, Itihas, Vedāng, Tāntrā-Jyøtïsh Unsolved Vāidik Mysteries |नमश्चण्डिकायै【࿗】ब्राह्मण 🚩

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कामना सिद्धि गणपति साधना 🧵

साधक को चाहिए कि सर्व प्रथम वह गणपति की मूर्ति या तस्वीर पर निम्नलिखित गणपति नामों का स्मरण कर उन पर दूर्वादल समर्पित करे, इससे समस्त प्रकार की कामना सिद्धि होती है।

१- सुमुखायनमः २- एकदंतायनमः

३- कपिलायनमः ४- गजकर्णंकायनमः

५- लम्बोदरायनमः ६-

कामना सिद्धि गणपति साधना 🧵 साधक को चाहिए कि सर्व प्रथम वह गणपति की मूर्ति या तस्वीर पर निम्नलिखित गणपति नामों का स्मरण कर उन पर दूर्वादल समर्पित करे, इससे समस्त प्रकार की कामना सिद्धि होती है। १- सुमुखायनमः २- एकदंतायनमः ३- कपिलायनमः ४- गजकर्णंकायनमः ५- लम्बोदरायनमः ६-
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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा हाथ जोड़ माँ द्वार खड़े 🙏🏻

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The great Kriya yogi Shyama Charan Lahiri’s own explanation on खेचरी मुद्रा

🧵 'मा शब्दे रसना ज्ञेया, तद् अंशम् रसना प्रिये ।
स यो भक्षयेत देवी समवेत् मांस साधकः ।।

- शिव संहिता

१. गुरु प्रणाम- प्राणायाम के द्वारा कुम्भक करके बैठे बैठे साष्टांग प्रमाण प्रणाम करते हुए इस

The great Kriya yogi Shyama Charan Lahiri’s own explanation on खेचरी मुद्रा 🧵 'मा शब्दे रसना ज्ञेया, तद् अंशम् रसना प्रिये । स यो भक्षयेत देवी समवेत् मांस साधकः ।। - शिव संहिता १. गुरु प्रणाम- प्राणायाम के द्वारा कुम्भक करके बैठे बैठे साष्टांग प्रमाण प्रणाम करते हुए इस
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केवल हस्त मुद्रा एवं मंत्र से रोग शमन

🧵 thread

मुद्रा कष्ट निवारण में विशेष सहायक है। समस्त रोगो को दूर करती है।

मुद्रा तथा रोग

विभिन्न मुद्राएं एवं बीज मंत्र के प्रयोगों से जिन्हें आप प्रातः स्नानादि से निवृत होकर आसन बिछाकर पद्मासन, वज्रासन अथवा सुखासन में कर सकते हैं।

केवल हस्त मुद्रा एवं मंत्र से रोग शमन 🧵 thread मुद्रा कष्ट निवारण में विशेष सहायक है। समस्त रोगो को दूर करती है। मुद्रा तथा रोग विभिन्न मुद्राएं एवं बीज मंत्र के प्रयोगों से जिन्हें आप प्रातः स्नानादि से निवृत होकर आसन बिछाकर पद्मासन, वज्रासन अथवा सुखासन में कर सकते हैं।
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जन्म कुंडली के 5 सबसे हानिकारक दोष तथा उनके उपाय 🧵

कृपया अंत तक पढ़े (1/6)

किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन में विशेष महत्व रखती है, कुंडली के आधार पर ग्रह-नक्षत्रों की गणना की जाती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोष का पता चलता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में

जन्म कुंडली के 5 सबसे हानिकारक दोष तथा उनके उपाय 🧵 #Thread कृपया अंत तक पढ़े (1/6) किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन में विशेष महत्व रखती है, कुंडली के आधार पर ग्रह-नक्षत्रों की गणना की जाती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोष का पता चलता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में
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नर्मदेश्वर लिंङ्ग जानने के लिए ऋषियों ने एक विशेष पद्धति का निर्माण जानिए एवं जिसे वाणलिंङ्ग भी कहते है इसकी महिमा इतनी क्यूँ है ?

Thread 🧵

सर्वप्रथम नर्मदा से प्राप्त वाणलिंङ्ग की एक अच्छे तराजू के द्वारा चावलों से तौल लीजिए। थोड़ी देर बाद उन्हीं चावलों से लिंङ्ग को पुनः

नर्मदेश्वर लिंङ्ग जानने के लिए ऋषियों ने एक विशेष पद्धति का निर्माण जानिए एवं जिसे वाणलिंङ्ग भी कहते है इसकी महिमा इतनी क्यूँ है ? Thread 🧵 सर्वप्रथम नर्मदा से प्राप्त वाणलिंङ्ग की एक अच्छे तराजू के द्वारा चावलों से तौल लीजिए। थोड़ी देर बाद उन्हीं चावलों से लिंङ्ग को पुनः
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राशियों के स्वामी-ग्रह

सूर्य तथा चन्द्रमा को एक-एक राशि का तथा मंगल बुध, गुरु, शुक्र तथा शनि को दो-दो राशियों का स्वामी माना गया है। विभिन्न ग्रहों का राशि-स्वामित्व निम्नानुसार होता है

१. मेष राशि का स्वामी मंगल है

#thread राशियों के स्वामी-ग्रह सूर्य तथा चन्द्रमा को एक-एक राशि का तथा मंगल बुध, गुरु, शुक्र तथा शनि को दो-दो राशियों का स्वामी माना गया है। विभिन्न ग्रहों का राशि-स्वामित्व निम्नानुसार होता है १. मेष राशि का स्वामी मंगल है
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▪️क्यों होते हैं कुलदेवी या कुलदेवता?

▪️उनकी पूजा का महत्व क्या हैं?

▪️कुलदेवी/कुलदेवता की पूजा कैसे की जाती हैं?

▪️कब की जाती है कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा?

▪️अगर आपको अपनी कुलदेवी/कुलदेवता के बारे में कुछ नहीं पता हो तो आप क्या करे ?

🧵 1/7 - अंत तक पढ़े

#Thread ▪️क्यों होते हैं कुलदेवी या कुलदेवता? ▪️उनकी पूजा का महत्व क्या हैं? ▪️कुलदेवी/कुलदेवता की पूजा कैसे की जाती हैं? ▪️कब की जाती है कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा? ▪️अगर आपको अपनी कुलदेवी/कुलदेवता के बारे में कुछ नहीं पता हो तो आप क्या करे ? 🧵 1/7 - अंत तक पढ़े
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🧵जानिए सपनों में दिखाई देने वाली ये चीजें क्या संकेत देती हैं ?

कृपया अंत तक पढ़े

हिंदू धर्मग्रंथों में सपनों का उल्लेख़ मिलता है। स्वप्न शास्त्र में सपनों को भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत बताया गया है। कुछ सपने आपको निकट भविष्य में सफलता और लाभ के बारे में

🧵जानिए सपनों में दिखाई देने वाली ये चीजें क्या संकेत देती हैं ? #Thread कृपया अंत तक पढ़े हिंदू धर्मग्रंथों में सपनों का उल्लेख़ मिलता है। स्वप्न शास्त्र में सपनों को भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत बताया गया है। कुछ सपने आपको निकट भविष्य में सफलता और लाभ के बारे में
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🧵 नवधा भक्ति 🌸

हिंदू धर्म में भक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। भक्त की भक्ति से भगवान भी दौड़े चले आते हैं। हमारे ग्रंथों में नौ प्रकार की भक्ति को अति महत्व दिया गया है जिन्हें 'नवधा भक्ति' कहा जाता है। इसका सबसे पहला वर्णन विष्णु पुराण में आता है,

श्रवणं कीर्तनं

#Thread 🧵 नवधा भक्ति 🌸 हिंदू धर्म में भक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। भक्त की भक्ति से भगवान भी दौड़े चले आते हैं। हमारे ग्रंथों में नौ प्रकार की भक्ति को अति महत्व दिया गया है जिन्हें 'नवधा भक्ति' कहा जाता है। इसका सबसे पहला वर्णन विष्णु पुराण में आता है, श्रवणं कीर्तनं
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क्या आप मानते है ध्रुव तारे पर संयम से होता है नक्षत्रों का ज्ञान?

🧵

ध्रुवे तद्गतिज्ञानम् ।। ३/२८ ॥

शब्दार्थ = ध्रुवे = ध्रुवतारा में (संयम करने से); तद्गतिज्ञानम् = उन तारों की गति का ज्ञान हो जाता है।

भावार्थ = ध्रुव नक्षत्र पर संयम करने से तारों-नक्षत्रों की

क्या आप मानते है ध्रुव तारे पर संयम से होता है नक्षत्रों का ज्ञान? #thread 🧵 ध्रुवे तद्गतिज्ञानम् ।। ३/२८ ॥ शब्दार्थ = ध्रुवे = ध्रुवतारा में (संयम करने से); तद्गतिज्ञानम् = उन तारों की गति का ज्ञान हो जाता है। भावार्थ = ध्रुव नक्षत्र पर संयम करने से तारों-नक्षत्रों की
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पूजा पाठ में प्रयुक्त होने वाले विशिष्ट शब्दों का अर्थ

🧵 कृपया अंत तक पढ़े

साधना - साधना 5 प्रकार की होती है -

1. अभाविनी 2. त्रासी 3. दोवोधीं 4. सौतकी 5. आतुरी।

[1] अभाविनी पूजा के साधन

तथा उपकरणों के अभाव से, मन से अथवा जल मात्र से जो पूजा साधना की जाती है, उसे

पूजा पाठ में प्रयुक्त होने वाले विशिष्ट शब्दों का अर्थ 🧵 #thread कृपया अंत तक पढ़े साधना - साधना 5 प्रकार की होती है - 1. अभाविनी 2. त्रासी 3. दोवोधीं 4. सौतकी 5. आतुरी। [1] अभाविनी पूजा के साधन तथा उपकरणों के अभाव से, मन से अथवा जल मात्र से जो पूजा साधना की जाती है, उसे
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20 पाठ जो जीवन परिवर्तित कर दे

किस कामना के लिए कौन सा यज्ञ पूजा पाठ अनुष्ठान किया जाता है 🧵

१ : बटुक भैरव स्त्रोत्रः
इस स्त्रोत्र के पाठ करने मात्र से महामारी राजभय अग्निभय चोरभय उत्पात भयानक स्वप्न के भय में घोर बंधन में इस बटुक भैरव का पाठ अति लाभदाई है तथा हर

20 पाठ जो जीवन परिवर्तित कर दे किस कामना के लिए कौन सा यज्ञ पूजा पाठ अनुष्ठान किया जाता है 🧵 #thread १ : बटुक भैरव स्त्रोत्रः इस स्त्रोत्र के पाठ करने मात्र से महामारी राजभय अग्निभय चोरभय उत्पात भयानक स्वप्न के भय में घोर बंधन में इस बटुक भैरव का पाठ अति लाभदाई है तथा हर
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काल सर्प दोष क्या है पूजा, निवारण, एवं शांति कैसे करे
🧵

ज्योतिष शास्त्र कहता है कुंडली में राहु और केतु द्वारा निर्मित बुरे प्रभाव को कालसर्प दोष कहा जाता है. यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाते हैं तो इस दोष को ही कालसर्प दोष कहा जाता

काल सर्प दोष क्या है पूजा, निवारण, एवं शांति कैसे करे #Thread 🧵 ज्योतिष शास्त्र कहता है कुंडली में राहु और केतु द्वारा निर्मित बुरे प्रभाव को कालसर्प दोष कहा जाता है. यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाते हैं तो इस दोष को ही कालसर्प दोष कहा जाता
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धन प्राप्ति के लिए अपनी राशि के अनुसार सरल उपाय

Thread 🧵 कृपया पूरा पढ़े

1. मेष राशि :- तांबे के बर्तन में एक चुटकी कुमकुम डालकर सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए,

धन प्राप्ति के लिए अपनी राशि के अनुसार सरल उपाय Thread 🧵 कृपया पूरा पढ़े 1. मेष राशि :- तांबे के बर्तन में एक चुटकी कुमकुम डालकर सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए,
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योगी मेरुदंड को सीधी रख निरोग कैसे रहते थे ?
मेरुदंड (spinal code) को सीधा क्यूँ रखना चाहिए ?

🧵

मेरूदण्ड - मेरूमज्जा - यह एक से डेढ फुट लम्बी होती है। पूरे मेरूदण्ड में छिद्र रहते हैं, इससे ३१ (इकतीस) जोड़े नाड़ियां निकलती हैं बाह्य भाग धूसर रंग के पदार्थ से और भीतरी

योगी मेरुदंड को सीधी रख निरोग कैसे रहते थे ? मेरुदंड (spinal code) को सीधा क्यूँ रखना चाहिए ? #thread 🧵 मेरूदण्ड - मेरूमज्जा - यह एक से डेढ फुट लम्बी होती है। पूरे मेरूदण्ड में छिद्र रहते हैं, इससे ३१ (इकतीस) जोड़े नाड़ियां निकलती हैं बाह्य भाग धूसर रंग के पदार्थ से और भीतरी
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आपकी हस्त रेखा में कुछ तो होगा….! स्वयं जानिए

🔹हस्त शास्त्र के अनुसार हथेली की मुख्य हस्त रेखाओं का महत्व एवं सचित्र वर्णन —



🪬सर्वप्रमुख हस्त रेखाएं🪬

हस्त रेखा विज्ञान के मुताबिक जीवन शक्ति का स्फूर्तमय वेग हथेली के माध्यम से ही सम्पन्न होता है। और यह वेग हथेली

आपकी हस्त रेखा में कुछ तो होगा….! स्वयं जानिए 🔹हस्त शास्त्र के अनुसार हथेली की मुख्य हस्त रेखाओं का महत्व एवं सचित्र वर्णन — #Thread 🪬सर्वप्रमुख हस्त रेखाएं🪬 हस्त रेखा विज्ञान के मुताबिक जीवन शक्ति का स्फूर्तमय वेग हथेली के माध्यम से ही सम्पन्न होता है। और यह वेग हथेली
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