#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
#GodMorningTuesday
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक होय दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। – कबीर सागर, अध्याय 'अगम निगम बोध'
#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
3 Days Left Kabir Prakat Diwas
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए,
#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,
बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा,
वहां जुलाहे ने पाया॥
कबीर साहेब जी 🙇♂️
प्रकट दिवस
⤵️
#GodMorningFriday
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#GodMorningSunday
कबीर साहेब जी❣️🙇♂️
प्रकट दिवस 4 जून
🙏
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,
बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा,
वहां जुलाहे ने पाया।।
⤵️
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#626th_GodKabir_PrakatDiwas
#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
कबीर साहेब प्रकट दिवस
आंखें जैसे कमल का फूल हों, घुँघराले बाल, लंबे हाथ, गोरा वर्ण। शरीर से मानो नूर झलक रहा हो। पूरी काशी नगरी में ऐसा अद्भुत बालक नहीं था।
3 Days Left Kabir Prakat Diwas
#626वां_कबीरसाहेब_प्रकटदिवस
काशी शहर की पवित्र भूमि पर ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
गरीब, काशी...
#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
परमात्मा कबीर जी काशी के लहरतारा तालाब पर कमल के फूल पर अवतरित हुए तो तालाब के किनारे समाधि में लीन अष्टानन्द ऋषि ने एक तेज प्रकाश को तालाब के एक किनारे पर सिमटते हुए देखा ।🌍
3 Days Left Kabir Prakat Diwas
#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,
बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा,
वहां जुलाहे ने पाया॥
कबीर साहेब जी 🙇♂️
प्रकट दिवस
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#GodMorningFriday
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#GodMorningSunday
कबीर साहेब जी❣️🙇♂️
प्रकट दिवस 4 जून
🙏
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,
बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा,
वहां जुलाहे ने पाया।।
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#626th_GodKabir_PrakatDiwas
#626वां_कबीरसाहेब_प्रकटदिवस
कबीर साहेब जी को नवजात शिशु रूप में देखकर जुलाहा कॉलोनी के लोग कह रहे थे कि.
कबीर परमेश्वर 626 वां प्रकट दिवस
आंखें जैसे कमल का फूल हों, घुंघराले बाल, लंबे हाथ, गोरा वर्ण। शरीर से मानो नूर झलक रहा हो। पूरी काशी नगरी में ऐसा अद्भुत बालक नहीं था।
#AppearanceOfGodKabirInKalyug
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा,
बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा,
वहां जुलाहे ने पाया॥
कबीर साहेब जी 🙇♂️
प्रकट दिवस
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#GodMorningMonday
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#626वां_कबीरसाहेब_प्रकटदिवस
कबीर साहेब जी को नवजात शिशु रूप में देखकर जुलाहा कॉलोनी के लोग कह रहे थे कि.
कबीर परमेश्वर 626 वां प्रकट दिवस
आंखें जैसे कमल का फूल हों, घुंघराले बाल, लंबे हाथ, गोरा वर्ण। शरीर से मानो नूर झलक रहा हो। पूरी काशी नगरी में ऐसा अद्भुत बालक नहीं था।
अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।। ✨
#GodNightTuesday
#ServiceToHumanity
कबीर साहेब प्रकट दिवस जेष्ठ मास की शुक्ल पक्ष विक्रम संवत 1455 सन 1398 सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त ने कबीर परमेश्वर जी काशी के लहरतारा तालाब पर कमल के फूल पर शिशु रूप मे प्रकट हुआ उनका जन्म माता के गर्भ से नही हुआ पढ़े पुस्तक ज्ञानगंगा
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#कबीरजी_का_कलयुगमें_प्राकट्य
⚡️कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते,
कबीर, 'ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।।
मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।'
Under Modi Govt, India has been experiencing the Millet Revolution on a global scale.
#9YearsEmpoweringAnnadatas
#AppearanceOfGodKabirInKalyug
2 Days Left Kabir Prakat Diwas
कबीर परमेश्वर जी संवत् 1455 (सन् 1398) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। निःसंतान नीरू-नीमा जुलाहे दम्पति को मिले। ना मेरा
#AppearanceOfGodKabirInKalyug
पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
गरीब, काशी पुरी कस्त किया, उतरे अधर आधार।
मोमन कूं मुजरा हुवा, जंगल में दीदार
ये हैं असली ब्रह्म कमल के फूल, जो की उत्तराखंड के
बहुत ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र में होते हैं
ये साल में एक बार खिलते हैं क्योंकि बहुत से लोग
ब्रह्म कमल अपने घर में उगने वाले फूल को कहते हैं
शुभ रात्रि 🙏
Sandhya cherry