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Dr kavita kiran

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#poetess #publicfigure #digitel_influencer #Anchor #motivater छोटी सी इक किरण हूँ लेकिन सौ सूरज पर भारी हूँ 🙏😊

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*क्यों खुल कर नहीं जीते,* *यहाँ दोबारा तो नहीं आओगे।* *आप इंसान हो दोस्त,* *पहाड़े नहीं जो, दोहराए जाओगे।* *शुभ प्रभात*🌹🌹🌹

*क्यों खुल कर नहीं जीते,*
*यहाँ दोबारा तो नहीं आओगे।*
*आप इंसान हो दोस्त,*
*पहाड़े नहीं जो, दोहराए जाओगे।*

*शुभ प्रभात*🌹🌹🌹
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अक्षर-ज्ञान जिन्होंने देकर दी स्वर-शब्दों की पहचान ऊँच-नीच का भेद भुला जो दें सबको विद्या का दान जीवन-पथ पर पग-पग पर जो मार्ग उचित दिखलाते हैं ऐसे सदगुरुओं को हम, श्रद्धा से शीश नवाते हैं -डॉ कविता'किरण' 🙏शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

अक्षर-ज्ञान जिन्होंने देकर दी स्वर-शब्दों की पहचान
ऊँच-नीच का भेद भुला जो दें सबको विद्या का दान
जीवन-पथ पर पग-पग पर जो मार्ग उचित दिखलाते हैं
ऐसे सदगुरुओं को हम, श्रद्धा से शीश नवाते हैं
-डॉ कविता'किरण'
🙏शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
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अक्षर-ज्ञान जिन्होंने देकर दी स्वर-शब्दों की पहचान ऊँच-नीच का भेद भुला जो दें सबको शिक्षा का दान। जीवन-पथ पर पग-पग पर जो मार्ग सही दिखलाते हैं ऐसे सद गुरुओं को हम श्रद्धा से शीश नवाते हैं।। ©डॉ कविता'किरण'✍️ Dr kavita kiran #ustad #shair #शिक्षक_दिवस की शुभकामनाएं🌹 #teachersday

अक्षर-ज्ञान जिन्होंने देकर
दी स्वर-शब्दों की पहचान
ऊँच-नीच का भेद भुला
जो दें सबको शिक्षा का दान।

जीवन-पथ पर पग-पग
पर जो मार्ग सही दिखलाते हैं
ऐसे सद गुरुओं को
हम श्रद्धा से शीश नवाते हैं।।

©डॉ कविता'किरण'✍️
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#शिक्षक_दिवस की शुभकामनाएं🌹
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7 सितम्बर 24 को काशीपुर,उत्तराखंड में "कॉफी विद किरण" के साथ लीजिये कविताओं का लुत्फ़

7 सितम्बर 24 को काशीपुर,उत्तराखंड में "कॉफी विद किरण" के साथ लीजिये कविताओं का लुत्फ़
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ज़िन्दगी को इक नया-सा मोड़ दे अपनी कश्ती को भंवर में छोड़ दे हौसले की इक नयी तहरीर लिख खौफ़ की सारी हदों को तोड़ दे -डॉ कविता'किरण' Dr kavita kiran

ज़िन्दगी को इक नया-सा मोड़ दे
अपनी कश्ती को भंवर में छोड़ दे
हौसले की इक नयी तहरीर लिख
खौफ़ की सारी हदों को तोड़ दे

-डॉ कविता'किरण'
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पढ़ाई चल रही है ज़िंदगी की;; अभी उतरा नहीं बस्ता हमारा.. - शारिक़ कैफ़ी #सुप्रभात

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*ज़िन्दगी में, अच्छे लोगों को मत तलाशो, स्वयं अच्छे बन  जाओ* *शायद आपसे मिलकर, किसी और की तलाश पूरी हो जाए।* *शुभ प्रभात*🌹🌹🌹

*ज़िन्दगी में, अच्छे लोगों को मत तलाशो, स्वयं अच्छे बन  जाओ*
*शायद आपसे मिलकर, किसी और की तलाश पूरी हो जाए।*
*शुभ प्रभात*🌹🌹🌹
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ग़ज़ल -डॉ कविता"किरण" भूल गए हैं हम कब के रिश्ते सारे मतलब के सुनें किसी की क्यूँ दो बात रहें किसी से क्यूँ दब के बे-वजहा बे-मतलब ही उठा रहे नख़रे सब के इस दुनिया को ठुकराकर पास रहेंगे अब रब के "किरण" भुला दो माज़ी को किस्से सब,अब जब तब के ©डॉ कविता"किरण" @drkavitakiran

ग़ज़ल -डॉ कविता"किरण"

भूल गए हैं हम कब के
रिश्ते सारे मतलब के

सुनें किसी की क्यूँ दो बात
रहें किसी से क्यूँ दब के

बे-वजहा बे-मतलब ही
उठा रहे नख़रे सब के

इस दुनिया को ठुकराकर 
पास रहेंगे अब रब के

"किरण" भुला दो माज़ी को
किस्से सब,अब जब तब के

©डॉ कविता"किरण"
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हिंदी दिवस की शुभकामनाओं सहित हिंदी दिवस पर मेरी वायरल रचना..कृपया सुनें एवम शेयर भी करें 💐 youtu.be/2U_NLMOAd8w?si… #subscribemy channel

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*एहसासों की नमी का होना ज़ुरूरी हैं हर रिश्ते में..!!* *रेत सूखी हो तो हाथ से फिसल जाती हैं..!!* *शुभ प्रभात*🌹🌹🌹

*एहसासों की नमी का होना ज़ुरूरी हैं हर रिश्ते में..!!*  
*रेत सूखी हो तो हाथ से फिसल जाती हैं..!!*
*शुभ प्रभात*🌹🌹🌹
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बिना मेरे मुझे मालूम है वो रह नहीं सकता वो मुझको चाहता तो है ज़बाँ से कह नहीं सकता बताना भी उसे होगा जताना भी उसे होगा कि दरिया इश्क़ का,उल्टी दिशा में बह नहीं सकता ©डॉ कविता"किरण" Dr kavita kiran

बिना मेरे मुझे मालूम है वो रह नहीं सकता
वो मुझको चाहता तो है ज़बाँ से कह नहीं सकता
बताना भी उसे होगा जताना भी उसे होगा
कि दरिया इश्क़ का,उल्टी दिशा में बह नहीं सकता
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आँख मेरी फिर सजल होने को है, लग रहा है इक ग़ज़ल होने को है। * मोम के जिस्म जब पिघलते हैं तो पतंगो के दिल भी जलते हैं। * गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह आ जाओ जिंदगी में नए साल की तरह। ~कविता किरण✍️ मशहूर मंचीय काव्य शख्सियत हिन्दी अकादमी,(दिल्ली) से सम्मानित #जन्मदिन🎂 मुबारक

आँख मेरी फिर सजल होने को है,
लग रहा है इक ग़ज़ल होने को है।
*
मोम के जिस्म जब पिघलते हैं
तो पतंगो के दिल भी जलते हैं।
*
गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह
आ जाओ जिंदगी में नए साल की तरह।

~कविता किरण✍️

मशहूर मंचीय काव्य शख्सियत
हिन्दी अकादमी,(दिल्ली) से सम्मानित
#जन्मदिन🎂 मुबारक
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ज़िन्दगी को इक नया-सा मोड़ दे अपनी कश्ती को भंवर में छोड़ दे हौसले की इक नयी तहरीर लिख खौफ़ की सारी हदों को तोड़ दे * मत समझिये कि मैं औरत हूँ,नशा है मुझमें माँ भी हूँ,बहन भी,बेटी भी,दुआ है मुझमें * हो गयी है इक पटाखा ज़िन्दगी कर रही हरदम धमाका ज़िन्दगी -कविता'किरण' Dr kavita kiran

ज़िन्दगी को इक नया-सा मोड़ दे
अपनी कश्ती को भंवर में छोड़ दे
हौसले की इक नयी तहरीर लिख
खौफ़ की सारी हदों को तोड़ दे
*
मत समझिये कि मैं औरत हूँ,नशा है मुझमें
माँ भी हूँ,बहन भी,बेटी भी,दुआ है मुझमें
*
हो गयी है इक पटाखा ज़िन्दगी
कर रही हरदम धमाका ज़िन्दगी

-कविता'किरण'
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नमस्कार मित्रो! आपकी स्नेहिल शुभकामनाओं एवम बधाइयों के लिए मैं हृदय से आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं। अपना स्नेह बनाये रखियेगा🙏🌹🎂🍫😊 #17Septiembre #BirthdayCelebration

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मैं क्या सोचूं मैं क्या चाहूं,तुझको सब मालूम तो है अपने मुंह से मैं क्याबोलूं,तुझको सब मालूम तो है तुझसे क्या पोशीदा या रब तू तो सब कुछ जाने है दामन फैलाकर क्या मांगूं,तुझको सब मालूम तो है दीवानों-सी दरदर भटकूं भीतरबाहर जिस ख़ातिर कौन है वो मैं किसको खोजूं,तुझको सब मालूम तो हैKK

मैं क्या सोचूं मैं क्या चाहूं,तुझको सब मालूम तो है
अपने मुंह से मैं क्याबोलूं,तुझको सब मालूम तो है
तुझसे क्या पोशीदा या रब तू तो सब कुछ जाने है
दामन फैलाकर क्या मांगूं,तुझको सब मालूम तो है
दीवानों-सी दरदर भटकूं भीतरबाहर जिस ख़ातिर
कौन है वो मैं किसको खोजूं,तुझको सब मालूम तो हैKK
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हर कोई देखता है शरारत की नज़रसे अब कौन किसे देखे शराफत की नज़रसे कब तक बचाएं ख़ुद को क़यामत की नज़रसे कोई तो देखे काश इनायत की नज़र से हमने जो उसको देखा ज़ुरूरत की नज़रसे उसनेभी हमको देखा तिजारत की नज़रसे मारा गया वो शख़्स मुहब्बत की नज़रसे देखा"किरण"ने जिसको भी चाहत की नज़रसेKK

हर कोई देखता है शरारत की नज़रसे
अब कौन किसे देखे शराफत की नज़रसे
कब तक बचाएं ख़ुद को क़यामत की नज़रसे
कोई तो देखे काश इनायत की नज़र से
हमने जो उसको देखा ज़ुरूरत की नज़रसे
उसनेभी हमको देखा तिजारत की नज़रसे
मारा गया वो शख़्स मुहब्बत की नज़रसे
देखा"किरण"ने जिसको भी चाहत की नज़रसेKK