गूँज
@goonjabhivyakti
यथार्थवादी मूल्यों को सहेजने का प्रयास करता हुआ साहित्यिक समूह, 8 साझा संग्रह - कस्तूरी पगडंडियां गुलमोहर तुहिन गूँज 100कदम कारवाँ शतरंग का प्रकाशन @Tweetmukesh
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https://www.facebook.com/goonj.abhivyaktidilki 02-08-2013 04:35:16
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ख्वाबों की कलम में, आरज़ू की स्याही से, दो शब्द लिखे हैं...! पढ़ना चाहोगे ? ना अहम, ना वहम, ना मान, ना अभिमान, गर कर सको सर्वस्व समर्पण...! तो बंद आंखों से, दिल के पावन कैनवास पर, प्रतिबिंबित होंगे नेह के वो पवित्र अक्षर....! - कनक अग्रवाल Kanak Agarwal
प्रेम खोए हुए ख्यालों में आँखों में सपने भर बढ़ाओगे जब कदम, गाओगे गीत वह नही आयेगा शिथिल पड़े हुए ना उम्मीदी के तालाब में डूबते हुए गले तक धप्पा बोलेगा अचानक किसी दिन - अनुराधा मैन्दोला anumaindola
इस ब्रह्माण्ड का विस्तार तब तक होता रहेगा, जब तक दो प्रेमी उल्का पिंड दूरियों के लिए हामी भरते रहेंगे !! ~ श्रुतिका साह 🌸श्रुतिका साह 🌸
पिता के हाथों में गाँठें इसलिए पड़ जातीं हैं, ताकि आने वाली नस्लों के हाथ कोमल हो सके। ~ अमीर चतुर्वेदी अमीर चतुर्वेदी
वह मुझे बाँहों में लिए दफ़्तर सोच रहा है मैं उसकी बाँहों में लेटी एक कविता बुन रही हूंँ यह सरासर छल है फिर भी हम चाहते हैं कि नरसंहारों बलात्कारों और षडयंत्रों से कराहते इस समय में प्रेमी जोड़े एक दूसरे की बाँहों में पड़े रहने का रिवाज न भूलें। - अनुराधा सिंह Anuradha Singh
सिन्दूर, बिंदिया में क्यों मैं देखूं तुम्हे तुम्हारे मेरे होने के सबूत, पहचानें सिफर है कि अब तुम मेरी नब्ज की थिरकन जो हो। - सोनरूपा विशाल Sonroopa Vishal