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Satlok Ashram Sojat

@SatlokSojat

Our race is living being, humanity is our religion.
Hindu Muslim Sikh Christian, there is no separate religion.

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calendar_today07-05-2022 06:25:51

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अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिएं जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए। परधन को विष के समान समझें। Sojat

अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिएं जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए। परधन को विष के समान समझें। #सत_भक्ति_संदेश #सतलोक_आश्रम_सोजत #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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“सब सुखी हों, सब आरोग्य अर्थात् स्वस्थ हों, सबका भला हो, कोई दुख किसी को न हो।” यह मंगलकामना का मन्त्र बनाकर आशीर्वाद देता है, दुआ (प्रार्थना) करता रहता है। जिससे इस साधक की पुण्य कमाई तथा भक्तिधन दुआ आशीर्वाद के माध्यम से समाप्त हो जाते हैं।

“सब सुखी हों, सब आरोग्य अर्थात् स्वस्थ हों, सबका भला हो, कोई दुख किसी को न हो।” यह मंगलकामना का मन्त्र बनाकर आशीर्वाद देता है, दुआ (प्रार्थना) करता रहता है। जिससे इस साधक की पुण्य कमाई तथा भक्तिधन दुआ आशीर्वाद के माध्यम से समाप्त हो जाते हैं। #सत_भक्ति_संदेश #SaintRampalJiQuotes
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बुद्धिमान को चाहिए कि सोच-विचार कर भक्ति मार्ग अपनांए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता। Sojat

बुद्धिमान को चाहिए कि सोच-विचार कर भक्ति मार्ग अपनांए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता। #सत_भक्ति_संदेश #सतलोक_आश्रम_सोजत #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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सन्त गरीब दास ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में आगे कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो उपरोक्त सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते। Sojat

सन्त गरीब दास ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में आगे कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो उपरोक्त सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #SaintRampalJiQuotes
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कबीर साहिब अपनी (पूर्णब्रह्म की) जानकारी स्वयं बताते हैं कि इन परमात्माओं से ऊपर असंख्य भुजा का परमात्मा सतपुरुष है जो सत्यलोक (सच्च खण्ड, सतधाम) में रहता है । Sojat

कबीर साहिब अपनी (पूर्णब्रह्म की) जानकारी स्वयं बताते हैं कि इन परमात्माओं से ऊपर असंख्य भुजा का परमात्मा सतपुरुष है जो सत्यलोक (सच्च खण्ड, सतधाम) में रहता है । #सत_भक्ति_संदेश #सतलोक_आश्रम_सोजत #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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हे (हक्का कबीर) आप सत् कबीर (कून करतार) शब्द शक्ति से रचना करने वाले शब्द स्वरूपी प्रभु अर्थात् सर्व सृष्टि के रचन हार हो, आप ही बेएब निर्विकार (परवरदिगार) सर्व के पालन कर्ता दयालु प्रभु हो, मैं आपके दासों का भी दास हूँ।

हे (हक्का कबीर) आप सत् कबीर (कून करतार) शब्द शक्ति से रचना करने वाले शब्द स्वरूपी प्रभु अर्थात् सर्व सृष्टि के रचन हार हो, आप ही बेएब निर्विकार (परवरदिगार) सर्व के पालन कर्ता दयालु प्रभु हो, मैं आपके दासों का भी दास हूँ। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #SaintRampalJiQuotes
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गरीब, सेवक होय करि ऊतरे, इस पृथ्वी के मांहि।
जीव उधारन जगतगुरु, बार बार बलि जांहि ।।
परमात्मा कबीर से (सेबक) दास बनकर (ऊतरे) ऊपर आकाश में अपने निवास स्थान सतलोक से गति करके उतरकर नीचे पृथ्वी के ऊपर आए।

गरीब, सेवक होय करि ऊतरे, इस पृथ्वी के मांहि। जीव उधारन जगतगुरु, बार बार बलि जांहि ।। परमात्मा कबीर से (सेबक) दास बनकर (ऊतरे) ऊपर आकाश में अपने निवास स्थान सतलोक से गति करके उतरकर नीचे पृथ्वी के ऊपर आए। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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सतलोक में केवल एक रस परम शांति व सुख है। जब तक हम सतलोक में नही जाएंगे तब तक हम परम शांति, सुख व अमृत्व को प्राप्त नही कर सकते। सतलोक मे जाना तभी संभव है जब हम पूर्ण संत से उपदेश लेकर पूर्ण परमात्मा की आजीवन भक्ति करते रहे।

सतलोक में केवल एक रस परम शांति व सुख है। जब तक हम सतलोक में नही जाएंगे तब तक हम परम शांति, सुख व अमृत्व को प्राप्त नही कर सकते। सतलोक मे जाना तभी संभव है जब हम पूर्ण संत से उपदेश लेकर पूर्ण परमात्मा की आजीवन भक्ति करते रहे। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #SaintRampalJiQuotes
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तत्वज्ञान के अभाव में पूर्णमोक्ष का मार्ग न मिलने के कारण कभी दोजख अर्थात् नरक में गए, कभी बहिश्त अर्थात् स्वर्ग में गए, कभी राजा बनकर आनन्द लिया। यदि इस मानव को तीन लोक का राज्य भी दे दें तो भी तृप्ति नही होती।

तत्वज्ञान के अभाव में पूर्णमोक्ष का मार्ग न मिलने के कारण कभी दोजख अर्थात् नरक में गए, कभी बहिश्त अर्थात् स्वर्ग में गए, कभी राजा बनकर आनन्द लिया। यदि इस मानव को तीन लोक का राज्य भी दे दें तो भी तृप्ति नही होती। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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जीव परमात्मा का अंश है, (रामायण में भी कहा है, ईश्वर अंश जीव अविनाशी) जिस कारण से जीव जो कुछ भी अपने किए कर्म का सुख, दुःख भोगता है तो अपने अंश के सुख-दुःख का परमात्मा को भी अहसास होता है। Sojat

जीव परमात्मा का अंश है, (रामायण में भी कहा है, ईश्वर अंश जीव अविनाशी) जिस कारण से जीव जो कुछ भी अपने किए कर्म का सुख, दुःख भोगता है तो अपने अंश के सुख-दुःख का परमात्मा को भी अहसास होता है। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि उस तत्त्वज्ञान को जो सच्चिदानंद घन परमात्मा अपने मुख से वाणी बोलकर बताता है, उस वाणी में लिखा है। उसको तत्त्वदर्शी संतों के पास जाकर समझ। Sojat

गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि उस तत्त्वज्ञान को जो सच्चिदानंद घन परमात्मा अपने मुख से वाणी बोलकर बताता है, उस वाणी में लिखा है। उसको तत्त्वदर्शी संतों के पास जाकर समझ। #सत_भक्ति_संदेश #सतलोक_आश्रम_सोजत #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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ब्रह्मा विष्णु शिव राई झूमकरा।
नहीं सब बाजी के खम्ब सुनों राई झूमकरा ।।
सर्व ठाम सब ठौर राई झूमकरा।
सकल लोक भरपूर सुनो राई झूमकरा ।।

Sojat

ब्रह्मा विष्णु शिव राई झूमकरा। नहीं सब बाजी के खम्ब सुनों राई झूमकरा ।। सर्व ठाम सब ठौर राई झूमकरा। सकल लोक भरपूर सुनो राई झूमकरा ।। #सत_भक्ति_संदेश #सतलोक_आश्रम_सोजत #SatlokAshramSojat #SojatAshram #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRamPaljiQuotes
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गरीब, राम रटत नहिं ढील कर, हरदम नाम उचार।
अमी महारस पीजिये, योह तत बारंबार।।
हे साधक ! पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर उस राम के नाम की रटना (जाप करने में) में देरी (ढ़ील) ना कर।
Sojat Quotes

गरीब, राम रटत नहिं ढील कर, हरदम नाम उचार। अमी महारस पीजिये, योह तत बारंबार।। हे साधक ! पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर उस राम के नाम की रटना (जाप करने में) में देरी (ढ़ील) ना कर। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #SaintRampalJi #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJiQuotes
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परमात्मा ऊपर के लोक से गति करके पृथ्वी पर आता है। अच्छी आत्माओ को मिलता है। उनके संकटो को समाप्त करता है कवियो जैसा आचरण करता हुआ घूमता है। अपने मुखकमल से वाणी बोलकर भक्ति करने के लिए प्रेरणा करता है। भक्ति के गुप्त नामो का आविष्कार करता है।

परमात्मा ऊपर के लोक से गति करके पृथ्वी पर आता है। अच्छी आत्माओ को मिलता है। उनके संकटो को समाप्त करता है कवियो जैसा आचरण करता हुआ घूमता है। अपने मुखकमल से वाणी बोलकर भक्ति करने के लिए प्रेरणा करता है। भक्ति के गुप्त नामो का आविष्कार करता है। #सत_भक्ति_संदेश #SaintRamPaljiQuates
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यदि सत्य साधना की जाए तो कम आयु ही अच्छी है। यदि सत्य साधना सतपुरूष की नहीं है तथा काल ब्रह्म की व देवताओं व देवियों की पूजा करके व प्राणायाम आदि करके लंबी आयु जीने वालों का कोई लेखा मोक्ष मार्ग में नहीं किया जाएगा। Sojat

यदि सत्य साधना की जाए तो कम आयु ही अच्छी है। यदि सत्य साधना सतपुरूष की नहीं है तथा काल ब्रह्म की व देवताओं व देवियों की पूजा करके व प्राणायाम आदि करके लंबी आयु जीने वालों का कोई लेखा मोक्ष मार्ग में नहीं किया जाएगा। #सत_भक्ति_संदेश #SatlokAshramSojat #SatlokAshram #KabirIsGod
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परमात्मा ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुरूप बनाया है। इसलिए कहा जाता है कि :-
नर नारायण रूप है, तू ना समझ देहि। 'चौरासी लाख प्रकार के जीवों से मानव देह उत्तम है' Sojat

परमात्मा ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुरूप बनाया है। इसलिए कहा जाता है कि :- नर नारायण रूप है, तू ना समझ देहि। 'चौरासी लाख प्रकार के जीवों से मानव देह उत्तम है' #सत_भक्ति_संदेश #सतलोक_आश्रम_सोजत #SatlokAshramSojat #SojatAshram #SatlokAshram #KabirIsGod #SaintRampalJi
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तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐहा आस ऐहो आधार । नानक नीच कहै बिचार, धाणक रूप रहा करतार ।।
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तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐहा आस ऐहो आधार । नानक नीच कहै बिचार, धाणक रूप रहा करतार ।। #SatlokAshramSojat #सत_भक्ति_सन्देश #SaintRampalJiMaharaj #SatlokAshram
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