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प्र |ह| स्त

@Prahast7

Author | Mentor | Realist | Disciplined Dictator

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calendar_today21-11-2019 05:23:06

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गोलगप्पे को बिना छलकाए 💦
बिना टूटे सीधा गंतव्य तक ले जाने में 'सफल'
लड़कियां स्वभाव से बेहद .. ..
फोकस्ड जुझारू और लंपट प्रवृत्ति की होती हैं

— प्र •
(तकरीबन ७ महीने के अध्ययन अनुसार)

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उर्दू सी नाज़ुक
लड़कियों के हिस्से आए गणित से संगदिल लड़के

— प्र•

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जीवन में चंद
लोगों के मित्र नहीं होते बस अनुयायी होते हैं !

— प्रहस्त

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तुम्हें बस ये बताना चाहता हूँ
मैं तुम से क्या छुपाना चाहता हूँ

कभी मुझ से भी कोई झूठ बोलो
मैं हाँ में हाँ मिलाना चाहता हूँ...!!

लेखक: फ़हमी बदायूनी

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बेतक्कलुफ़ ज़िंदगी से अहल-ए-अदब के तलबग़ार से हम !
— प्र |ह| स्त

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सिर्फ वही खुद को
कामयाब माने जिसे रात गहरी मीठी नींद आती हो

— प्रहस्त

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कुछ लोग इसलिए भी संगदिल
हो गए क्यूंकि दिल लेके
जीना उन्हें कभी आया ही नहीं❗

— मैं और प्रहस्त

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वो किसी शाम सी ढलती है
मैं गज़ल कोई गुनगुनाता हूं!

— प्रहस्त

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के ना ग़ौर फरमा हमपे तू हमें सरसरी तौर पे ले
नाफ़रमानी अब हमारा अज़ीज़ शौक हो चला है

— बहरूपिया (४९)
© प्रहस्त.

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A simple viable sustainable act to
avoid endless disputes b/w whatsoever sort relationship you are entering into
Dare to ask ur Gal what she wants from You & let her speak
Dare to ask ur Guy what he needs out of
You & Hear him Out
Keep things Clear Avoid Complexities❗

प्रहस्त

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गर बनना ही है
तो किसी की ‘प्राथमिकता’ बनो औपचारिकता नहीं

— प्रहस्त

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इस कायनात में तुमसे टकराना के मानो कोई बहुप्रतीक्षित खगोलीय घटना के होने जैसा हो

— 51 चिट्ठियां (९७)
प्रहस्त. ©

इस कायनात में तुमसे टकराना के मानो कोई बहुप्रतीक्षित खगोलीय घटना के होने जैसा हो — 51 चिट्ठियां (९७) प्रहस्त. ©
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एक Dr. का दर्ज़ा अपनी कार्यकुशलता के कारण
ईश्वर समान है और निस्संदेह
सम्मान के योग्य
वो और बात है की इस पेशे की गरिमा में बाजारवाद ज़हर घोल चुका है
एक संवेदनशील और अनुभवी चिकित्सक मिलना सरल नहीं जो इंटरनल मेडिसिन से कहीं पहले पैशेंट-केसहिस्ट्री और मनोविज्ञान समझने मे पारंगत हो

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चाहे कोई भी
ईश्वर हो वो केवल अनुष्ठानों और उपवासों से कभी प्रसन्न नहीं हो सकता

پرہست प्रहस्त—

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जो ढूंढ पाए तू तो मुस्कुराने की ‘वजह’ बेशुमार
जो ना देख पाए तो कोरे कागज़ सी बेरंग ज़िंदगी

— वर्तमान के बंधक (५६)
प्रहस्त

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मन को ना मारिये
जो मन मर गया
फिर..
तुम्हें मर-कर-भी
ज़िंदा रहना पड़ेगा 🩸

— आत्मा के चोर (७३)

प्रहस्त ©

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उनके जाने से आ जाती है चेहरे पे रौनक
कुछ लोग चलता फिरता सिरदर्द होते हैं

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अधिकांश लड़के ओवर कॉन्फिडेंस के भ्रम जाल
के मुरीद हैं
वहीं अधिकतर लड़कियां भीषण पूर्वाग्रह से ग्रसित
और उसपे विडंबना है की ये दोनो लोग एक दूसरे
में 'मीन-मेख’
निकालना फुलटाइम इंटेलेक्चुअल काम समझते हैं

— प्र ०

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‘निष्ठाएं’ बेहद फैला हुआ लफ्ज़ है
तुम्हारा महज़ जिस्मानी या ज़हनी
तौर पे किसी दूसरे शख्स से जुड़ा होना मात्र इसे
प्रश्नचिन्ह के दायरे में नहीं रख सकता..💭
ये नैतिकताओं से परे भी निभाई जा सकती है

پرہست प्रहस्त —

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इस दिल की इल्तिजा है अपने मुट्ठी भर अज़ीज़
चाहने वालों से
कि किस्सा चाय का किसी दरख़्त तले तो साथ मुक़म्मल होने से रहा
सो एक प्याला नाम का हमारे कभी यूँ खुद ही नोश फरमा लें...!

— गुज़ारिशें
Sincerely, प्रहस्त پرہست

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